1. भारतीय वन अधिनियम, 1927 में हाल में हुए संशोधन के अनुसार, वन निवासियों को वन क्षेत्रों में उगने वाले बांस को काट गिराने का अधिकार है।
2. अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अनुसार, बांस एक गौण वनोपज है।
3. अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006, वन निवासियों को गौण वनोपज के स्वामित्व की अनुमति देता है।
Correct Answer: (b) केवल 2 और 3
Solution:भारतीय वन (संशोधन) अधिनियम, 2017 द्वारा भारतीय वन अधिनियम, 1927 में संशोधन कर बांस को वृक्ष की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है, जिससे गैर-वन क्षेत्र में उगने वाले बांस की कटाई या पारगमन की अनुमति होगी। अतः कथन । गलत है। अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अनुसार बांस, बेंत, शहद, मोम, लाख, तेंदू पत्ता आदि गौण वनोपज हैं। साथ ही इस अधिनियम में वन निवासियों को वनाधिकारों के तहत उनके गौण वनोपज के स्वामित्व के साथ उसके संग्रह, उपयोग एवं निपटान का अधिकार प्रदान किया गया है। इस प्रकार कथन 2 और 3 सही हैं।