वर्गिकी (Part – II)

Total Questions: 50

41. कीटभक्षी पौधे मिट्टी में किसकी कमी से उगते हैं? [67 B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (c) नाइट्रोजन
Solution:कीटभक्षी पौधे ऐसी मिट्टी में उगते हैं जहां नाइट्रोजन की कमी होती है। वे कीटों का भक्षण करके अपनी नाइट्रोजन आवश्यकता की पूर्ति करते हैं।

42. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कीटाहारी पादप है? [I.A.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) घटपर्णी
Solution:घटपर्णी (Pitcher Plant) पौधा शिकार पकड़ने की अपनी बनावट के कारण मांसभक्षी पौधे के रूप में जाना जाता है। घटपर्णी पौधे में फंसे कीट उसमें एकत्रित विषैले द्रव से मर जाते हैं।

43. घटपर्णी के निम्नलिखित भागों में से कौन-सा एक, घट में रूपांतरित होता है? [I.A.S. (Pre) 2007]

Correct Answer: (b) पत्ता
Solution:घटपर्णी मांसाहारी कीटमक्षी पौधे होते हैं, जो अल्प खनिज या अम्लीय मृदा में उगते हैं तथा जहां पर नाइट्रोजन की कमी होती है। नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिए ये कीटों को अपना आहार बनाते हैं। इन पौधों की पत्तियों के पर्ण फलक (Lamina) कलश या सुराही की भांति विकसित होते हैं, जिसमें पाचक एन्जाइम्स पाए जाते हैं। जैसे ही कोई कीट पत्तियों के अंदर प्रविष्ट होता है वैसे ही कलश के ढक्कन द्वारा ढक लिया जाता है और पाचक एन्जाइमों द्वारा नाइट्रोजन का राचन घटपर्ण द्वारा कर लिया जाता है।

44. निम्नलिखित में से कौन सही रूप में सुमेलित नहीं है? [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) घटपर्णी - परजीवी आवृत्तबीजी
Solution:घटपर्णी या नेपेंधीस का पौधा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपना भोजन बनाने में सक्षम होता है। यह प्रायः ऐसे स्थान पर उगता है जहां की मृदा में नाइट्रोजन की कमी होती है, जिसकी पूर्ति वह कीटों को पचाकर करता है।

45. नेपेंथीस खासियाना (घटपर्णी) नामक दुर्लभ एवं आपातीय पौधा पाया जाता है- [U.P.P.C.S (Mains) 2011]

Correct Answer: (c) मेघालय में
Solution:नेपेंथीस खासियाना (घटपर्णी) भारत के मेघालय राज्य के गारो, खासी एवं जयंतिया पहाड़ी क्षेत्र में पाया जाता है।

46. पौधे के कौन-से भाग से हल्दी प्राप्त होती है? [R.A.S/R.T.S. (Pre) 1999 U.P.P.C.S. (Pre) 2006]

Correct Answer: (b) तना
Solution:पौधे के तने के भाग से हल्दी प्राप्त किया जाता है। हल्दी (Turmeric) के पौधे का खाने लायक हिस्सा प्रकंद (Rhizome) है, जो कि एक अंतः भौमिक रूपांतरित तने का एक प्रकार है। हल्दी का पौधा एक प्रकंदीय (Rhizomatous) बहुवर्षीय शाकीय पौधा है, जिसका वानस्पतिक नाम कुरकुमा लौगा (Curcuma longa) है तथा यह कुल-जिंजिबरेसी (Family - Zingiberaceae) के अंतर्गत आता है, इसकी उत्पत्ति स्थल उष्णकटिबंधीय दक्षिण एशिया है, जिसका उपयोग ओषधि, मसाले तथा रंगकारक इत्यादि के रूप में किया जाता है।

47. हल्दी के पौधे का खाने लायक हिस्सा कौन-सा है? [M.P.P.C.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (b) प्रकंद
Solution:

पौधे के तने के भाग से हल्दी प्राप्त किया जाता है। हल्दी (Turmeric) के पौधे का खाने लायक हिस्सा प्रकंद (Rhizome) है, जो कि एक अंतः भौमिक रूपांतरित तने का एक प्रकार है। हल्दी का पौधा एक प्रकंदीय (Rhizomatous) बहुवर्षीय शाकीय पौधा है, जिसका वानस्पतिक नाम कुरकुमा लौगा (Curcuma longa) है तथा यह कुल-जिंजिबरेसी (Family - Zingiberaceae) के अंतर्गत आता है, इसकी उत्पत्ति स्थल उष्णकटिबंधीय दक्षिण एशिया है, जिसका उपयोग ओषधि, मसाले तथा रंगकारक इत्यादि के रूप में किया जाता है।

48. हल्दी भूमिगत तनें का उदाहरण है. जिसे कहते हैं- [U.P.R.O/A.R.O. (Mains) 2021]

Correct Answer: (d) राइजोम
Solution:पौधे के तने के भाग से हल्दी प्राप्त किया जाता है। हल्दी (Turmeric) के पौधे का खाने लायक हिस्सा प्रकंद (Rhizome) है, जो कि एक अंतः भौमिक रूपांतरित तने का एक प्रकार है। हल्दी का पौधा एक प्रकंदीय (Rhizomatous) बहुवर्षीय शाकीय पौधा है, जिसका वानस्पतिक नाम कुरकुमा लौगा (Curcuma longa) है तथा यह कुल-जिंजिबरेसी (Family - Zingiberaceae) के अंतर्गत आता है, इसकी उत्पत्ति स्थल उष्णकटिबंधीय दक्षिण एशिया है, जिसका उपयोग ओषधि, मसाले तथा रंगकारक इत्यादि के रूप में किया जाता है।

49. निम्न अधोभूमि उत्पादित सब्जियों में से कौन-सी एक रूपांतरित जड़ है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2005]

Correct Answer: (b) शकरकंद
Solution:शकरकंद कांवॉल्युलेसी कुल का एकवर्षीय पौधा है, पर यह अनुकूल परिस्थितियों में बहुवर्षीय सा व्यवहार कर सकता है। यह एक सपुष्पक पौधा है। इसकी रूपांतरित जड़ की उत्पत्ति तने के पर्वसंधियों से होती है, जो जमीन के अंदर प्रवेश कर फूल जाती है।

50. निम्नलिखित पादपों में से किसका संग्रह अंग तना नहीं है? [U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]

Correct Answer: (d) शकरकंद का
Solution:गन्ना, आलू एवं अदरक तने का रूपांतरण हैं अर्थात इनका संग्रह अंग तना है। जबकि शकरकंद का संग्रह अंग जड़ (कुम्भी रूप) है। यह मूलांकुर से विकसित होता है।