Correct Answer: (d) स्वर, काल, स्थान, प्रयत्न, अनुप्रदान
Solution:पाणिनि ने लिखा है कि आत्मा बुद्धि के द्वारा अर्थों को जानकर दूसरों को बताने की इच्छा से मन को प्रेरित करती है। प्राण वायु उर स्थल में आहत होकर मन्द स्वर को उत्पन्न करता है। कण्ठ में टकराकर मध्यम स्वर, सिर में टकराकर तार स्वर बनाता है। वही मुख में आकर 'वर्ण' बनता है। वर्णों के विभाग भी स्वर से, काल से, स्थान से, प्रयत्न से और अनुप्रदान से तय होते हैं।