विजयनगर साम्राज्य (UPPCS)

Total Questions: 44

11. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2004]

1. नरसिंह सालुव ने संगम वंश का अंत किया और उसने राजसिंहासन छीन कर सालुव वंश आरंभ किया।

2. वीर नरसिंह ने अंतिम सालुव शासक को गद्दी से उतारकर राजसिंहासन छीना।

3. वीर नरसिंह के उत्तरवर्ती उनके अनुज कृष्णदेव राय थे।

4. कृष्णदेव राय के उत्तरवर्ती उनके अर्द्ध-भाई अच्युतदेव राय थे। उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

Correct Answer: (d) 1, 2, 3 और 4
Note:

चंद्रगिरि के सामंत नरसिंह सालुव ने संगम वंश के अंतिम शासक विरुपाक्ष द्वितीय को पदच्युत करके 1485 ई. में सिंहासन पर अधिकार कर लिया एवं एक नवीन राजवंश 'सालुच वंश' की स्थापना की। वीर नरसिंह ने नरसिंह सालुव के पुत्र (इम्माड़ि नरसिंह, सालुव वंश का अंतिम शासक) को पदच्युत करके सिंहासन पर अधिकार कर लिया एवं तुलुव वंश की नींव डाली। 1509 ई. में उसकी मृत्यु के बाद उसका अनुज कृष्णदेव राय (1509-1529 ई.) सिंहासनासीन हुआ। कृष्णदेव राय का उत्तराधिकारी उसका चचेरा भाई अच्युतदेव राय हुआ, जो 1529 ई. में सिंहासन पर बैठा। अतः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।

 

12. विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय ने गोलकुंडा का युद्ध किस राजा के साथ लड़ा था? [43rd B.P.S.C. (Pre) 1999]

Correct Answer: (a) कुली कुतुब शाह
Note:

विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय ने गोलकुंडा का युद्ध गोलकुंडा के सुल्तान कुली कुतुब शाह के साथ लड़ा था। गोलकुंडा में कुतुबशाही वंश की स्थापना कुली कुतुब शाह ने की थी। जब कृष्णदेव राय उड़ीसा के साथ युद्ध में व्यस्त था, तब कुतुब शाह ने विजयनगर की सीमा पर स्थित पांगल और गुंटूर के दुर्ग पर आक्रमण किया तथा वारंगल, कॉडविदु आदि के किले जीत लिए। इसके पश्चात उसने विजयनगर पर आक्रमण करने का प्रयास किया। कृष्णदेव राय और कुतुब शाह के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें कुतुबशाही सेना पराजित हुई।

 

13. कृष्णदेव राय के दरबार में 'अष्ट दिग्गज' कौन थे? [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]

Correct Answer: (b) आठ तेलुगू कवि
Note:

कृष्णदेव राय का शासनकाल विजयनगर में तेलुगू साहित्य का क्लासिकी युग माना जाता है। उसके दरबार को तेलुगू के 'आठ महान विद्वान एवं कवि' (जिन्हें अष्ट दिग्गज कहा जाता है) सुशोभित करते थे। इसलिए इसके शासनकाल को तेलुगू साहित्य का स्वर्ण युग भी कहा जाता है। कृष्णदेव राय ने 'आंध्र भोज' की भी उपाधि धारण की थी। अष्ट दिग्गज तेलुगू कवियों में 'पेड्डाना' सर्वप्रमुख था, जो संस्कृत और तेलुगू दोनों भाषाओं का ज्ञाता था। उसकी प्रमुख रचनाएं 'स्वारोचिस-मनुसंभवम्' हैं। कृष्णदेव राय स्वयं एक उत्कृष्ट कवि और लेखक थे। उनकी प्रमुख रचना-'आमुक्तमाल्यद' थी, जो तेलुगू भाषा के पांच महाकाव्यों में से एक है। इसके अतिरिक्त कृष्णदेव राय को कला और निर्माण कार्य में भी रुचि थी। उसने नागलपुर नामक नगर की स्थापना की।

 

14. इनमें से किसे 'आंध्र भोज' भी कहा जाता है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (a) कृष्णदेव राय
Note:

कृष्णदेव राय का शासनकाल विजयनगर में तेलुगू साहित्य का क्लासिकी युग माना जाता है। उसके दरबार को तेलुगू के 'आठ महान विद्वान एवं कवि' (जिन्हें अष्ट दिग्गज कहा जाता है) सुशोभित करते थे। इसलिए इसके शासनकाल को तेलुगू साहित्य का स्वर्ण युग भी कहा जाता है। कृष्णदेव राय ने 'आंध्र भोज' की भी उपाधि धारण की थी। अष्ट दिग्गज तेलुगू कवियों में 'पेड्डाना' सर्वप्रमुख था, जो संस्कृत और तेलुगू दोनों भाषाओं का ज्ञाता था। उसकी प्रमुख रचनाएं 'स्वारोचिस-मनुसंभवम्' हैं। कृष्णदेव राय स्वयं एक उत्कृष्ट कवि और लेखक थे। उनकी प्रमुख रचना-'आमुक्तमाल्यद' थी, जो तेलुगू भाषा के पांच महाकाव्यों में से एक है। इसके अतिरिक्त कृष्णदेव राय को कला और निर्माण कार्य में भी रुचि थी। उसने नागलपुर नामक नगर की स्थापना की।

 

15. 'अष्ट दिग्गज' किस राजा से संबंधित थे? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) कृष्णदेव राय
Note:

कृष्णदेव राय का शासनकाल विजयनगर में तेलुगू साहित्य का क्लासिकी युग माना जाता है। उसके दरबार को तेलुगू के 'आठ महान विद्वान एवं कवि' (जिन्हें अष्ट दिग्गज कहा जाता है) सुशोभित करते थे। इसलिए इसके शासनकाल को तेलुगू साहित्य का स्वर्ण युग भी कहा जाता है। कृष्णदेव राय ने 'आंध्र भोज' की भी उपाधि धारण की थी। अष्ट दिग्गज तेलुगू कवियों में 'पेड्डाना' सर्वप्रमुख था, जो संस्कृत और तेलुगू दोनों भाषाओं का ज्ञाता था। उसकी प्रमुख रचनाएं 'स्वारोचिस-मनुसंभवम्' हैं। कृष्णदेव राय स्वयं एक उत्कृष्ट कवि और लेखक थे। उनकी प्रमुख रचना-'आमुक्तमाल्यद' थी, जो तेलुगू भाषा के पांच महाकाव्यों में से एक है। इसके अतिरिक्त कृष्णदेव राय को कला और निर्माण कार्य में भी रुचि थी। उसने नागलपुर नामक नगर की स्थापना की।

 

16. प्रसिद्ध विजयनगर शासक कृष्णदेव राय के अधीन किस साहित्य का स्वर्णयुग था? [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006]

Correct Answer: (d) तेलुगू
Note:

कृष्णदेव राय का शासनकाल विजयनगर में तेलुगू साहित्य का क्लासिकी युग माना जाता है। उसके दरबार को तेलुगू के 'आठ महान विद्वान एवं कवि' (जिन्हें अष्ट दिग्गज कहा जाता है) सुशोभित करते थे। इसलिए इसके शासनकाल को तेलुगू साहित्य का स्वर्ण युग भी कहा जाता है। कृष्णदेव राय ने 'आंध्र भोज' की भी उपाधि धारण की थी। अष्ट दिग्गज तेलुगू कवियों में 'पेड्डाना' सर्वप्रमुख था, जो संस्कृत और तेलुगू दोनों भाषाओं का ज्ञाता था। उसकी प्रमुख रचनाएं 'स्वारोचिस-मनुसंभवम्' हैं। कृष्णदेव राय स्वयं एक उत्कृष्ट कवि और लेखक थे। उनकी प्रमुख रचना-'आमुक्तमाल्यद' थी, जो तेलुगू भाषा के पांच महाकाव्यों में से एक है। इसके अतिरिक्त कृष्णदेव राय को कला और निर्माण कार्य में भी रुचि थी। उसने नागलपुर नामक नगर की स्थापना की।

17. कृष्णदेव राय ने किस नगर की स्थापना की ? [U.P.P.C.S (Pre) 2016]

Correct Answer: (b) नागलपुर
Note:

कृष्णदेव राय का शासनकाल विजयनगर में तेलुगू साहित्य का क्लासिकी युग माना जाता है। उसके दरबार को तेलुगू के 'आठ महान विद्वान एवं कवि' (जिन्हें अष्ट दिग्गज कहा जाता है) सुशोभित करते थे। इसलिए इसके शासनकाल को तेलुगू साहित्य का स्वर्ण युग भी कहा जाता है। कृष्णदेव राय ने 'आंध्र भोज' की भी उपाधि धारण की थी। अष्ट दिग्गज तेलुगू कवियों में 'पेड्डाना' सर्वप्रमुख था, जो संस्कृत और तेलुगू दोनों भाषाओं का ज्ञाता था। उसकी प्रमुख रचनाएं 'स्वारोचिस-मनुसंभवम्' हैं। कृष्णदेव राय स्वयं एक उत्कृष्ट कवि और लेखक थे। उनकी प्रमुख रचना-'आमुक्तमाल्यद' थी, जो तेलुगू भाषा के पांच महाकाव्यों में से एक है। इसके अतिरिक्त कृष्णदेव राय को कला और निर्माण कार्य में भी रुचि थी। उसने नागलपुर नामक नगर की स्थापना की।

18. इनमें से किस प्रसिद्ध शासक ने अपनी माता के नाम पर विजयनगर के पास नागालपुरम की एक उपनगरीय बस्ती की स्थापना की थी? [68th B.P.S.C (Pre) 2022]

Correct Answer: (a) कृष्णदेव राय
Note:

कृष्णदेव राय (1509-1529 ई.) विजयनगर साम्राज्य के तुलुव वंश का शासक था। इसे विजयनगर साम्राज्य का सर्वाधिक प्रतापी शासक माना जाता है। कृष्णदेव राय ने अपनी माता नागामम्बा के नाम पर नागामम्बपुरम जिसे वर्तमान में नागालपुरम कहा जाता है, जो आंध्र प्रदेश राज्य के तिरुपति जिले में स्थित है।

 

19. निम्न कथनों पर विचार कीजिए और दिए गए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए- कथन : [R.AS./R.T.S (Pre) 2021]

1. विजयनगर के शासक कृष्णदेव राय ने आमुक्तमाल्यद ग्रंथ की रचना की।

2. कृष्णदेव राय को आंध्र भोज के नाम से भी जाना जाता है।

3. उनके दरबार को अल्लसानी पेड्डना नामक राजकवि सुशोभित करता था, जो संस्कृत एवं तमिल दोनों भाषाओं का ज्ञाता था।

कूट :

 

Correct Answer: (c) कथन 1 और 2 दोनों सही हैं।
Note:

कृष्णदेव राय का शासनकाल विजयनगर में तेलुगू साहित्य का क्लासिकी युग कहा जाता है। इसके दरबार को तेलुगू के 'आठ महान कवि एवं विद्वान' (अष्ट दिग्गज) सुशोभित करते थे। कृष्णदेव राय स्वयं एक उत्कृष्ट कवि था। उनकी प्रमुख रचना 'आमुक्तमाल्यद' थी, जो तेलुगू भाषा के पांच महाकाव्यों में से एक है। कृष्णदेव राय ने आंध्र भोज की उपाधि धारण की थी। उनके दरबार को अष्ट दिग्गज तेलुगू कवियों में प्रमुख 'अल्लसानी पेड्डुना' नामक राजकवि सुशोभित करता था, जो संस्कृत एवं तेलुगू दोनों भाषाओं का ज्ञाता था। उसकी प्रमुख रचनाएं 'स्वारोचिस-मनुसंभवम्' हैं।

 

20. विजयनगर का प्रसिद्ध हजारा मंदिर किसके शासनकाल में निर्मित हुआ था? [M.P.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (a) कृष्णदेव राय
Note:

विजयनगर का प्रसिद्ध हजारा राम मंदिर कृष्णदेव राय के शासनकाल में निर्मित हुआ था।