विदेशी विनिमय, एफ.डी.आई तथा विदेशी ऋण

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1. आर्थिक उदारीकरण नीति का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है भारतीय रुपये के लिए पूर्ण परिवर्तनीयता प्राप्त करना। इसका समर्थन किया जा रहा है, क्योंकि- [I.A.S. (Pre) 1996]

Correct Answer: (b) यह भारत में विदेशी पूंजी के प्रवाह को अधिक आकर्षित करेगी।
Solution:रुपये की परिवर्तनीयता से तात्पर्य रुपये का विदेशी मुद्राओं में तथा विदेशी मुद्राओं को रुपये में बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से परिवर्तन संभव होने से है। रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता (चालू खाते तथा पूंजी खाते पर) से विदेशी पूंजी के भारत में आने एवं भारत से जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। परिणामस्वरूप भारत द्वारा रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता अपनाए जाने से विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा और इसके फलस्वरूप भारत में विदेशी पूंजी के अंतर्प्रवाह में वृद्धि होगी। इसी कारण भारतीय रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता प्राप्त करना, भारत की आर्थिक नीति का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। ध्यातव्य है कि अगस्त, 1994 से चालू खाते पर रुपया पूर्ण परिवर्तनीय है (व्यापार खाता पर आंशिक रूप से यह मार्च, 1992 से ही परिवर्तनीय हो गया था)। पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता के संबंध में एस.एस. तारापोर की अध्यक्षता में जून, 1997 में एक समिति गठित की गई जिसने कुछ निश्चित शर्तों की पूर्ति पर क्रमिक रूप से पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता की संस्तुति की। पुनः मार्च, 2006 में एस.एस. तारापोर की ही अध्यक्षता में पूंजी खाता पर परिवर्तनीयता का खाका तैयार करने के लिए समिति (II) गठित की गई, जिसने मौजूदा पूंजीगत नियंत्रणों की समीक्षा के बाद तीन चरणों में पूंजी परिवर्तनीयता हेतु एक व्यापक पंचवर्षीय समयबद्ध योजना तैयार की। यद्यपि वर्तमान में पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता नहीं है तथापि विभिन्न पूंजी व्यवहारों के संबंध में रिजर्व बैंक अत्यंत ही उदारवादी नीति अपना रहा है।

2. रुपये की परिवर्तनीयता का तात्पर्य है- [I. A. S. (Pre) 1994, 2015 56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]

Correct Answer: (c) रुपये को अन्य प्रमुख मुद्राओं और अन्य प्रमुख मुद्राओं को रुपये में मुक्त रूप में परिवर्तित करके देने की अनुमति।
Solution:रुपये की परिवर्तनीयता से तात्पर्य रुपये का विदेशी मुद्राओं में तथा विदेशी मुद्राओं को रुपये में बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से परिवर्तन संभव होने से है। रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता (चालू खाते तथा पूंजी खाते पर) से विदेशी पूंजी के भारत में आने एवं भारत से जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। परिणामस्वरूप भारत द्वारा रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता अपनाए जाने से विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा और इसके फलस्वरूप भारत में विदेशी पूंजी के अंतर्प्रवाह में वृद्धि होगी। इसी कारण भारतीय रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता प्राप्त करना, भारत की आर्थिक नीति का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। ध्यातव्य है कि अगस्त, 1994 से चालू खाते पर रुपया पूर्ण परिवर्तनीय है (व्यापार खाता पर आंशिक रूप से यह मार्च, 1992 से ही परिवर्तनीय हो गया था)। पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता के संबंध में एस.एस. तारापोर की अध्यक्षता में जून, 1997 में एक समिति गठित की गई जिसने कुछ निश्चित शर्तों की पूर्ति पर क्रमिक रूप से पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता की संस्तुति की। पुनः मार्च, 2006 में एस.एस. तारापोर की ही अध्यक्षता में पूंजी खाता पर परिवर्तनीयता का खाका तैयार करने के लिए समिति (II) गठित की गई, जिसने मौजूदा पूंजीगत नियंत्रणों की समीक्षा के बाद तीन चरणों में पूंजी परिवर्तनीयता हेतु एक व्यापक पंचवर्षीय समयबद्ध योजना तैयार की। यद्यपि वर्तमान में पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता नहीं है तथापि विभिन्न पूंजी व्यवहारों के संबंध में रिजर्व बैंक अत्यंत ही उदारवादी नीति अपना रहा है।

3. वर्तमान में रुपये की परिवर्तनशीलता का अर्थ है कि- [U.P.P.C.S. (Mains) 2004]

Correct Answer: (c) रुपया सभी प्रकार के चालू व्यवहारों के लिए विदेशी मुद्रा में परिवर्तनीय है।
Solution:रुपये की परिवर्तनीयता से तात्पर्य रुपये का विदेशी मुद्राओं में तथा विदेशी मुद्राओं को रुपये में बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से परिवर्तन संभव होने से है। रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता (चालू खाते तथा पूंजी खाते पर) से विदेशी पूंजी के भारत में आने एवं भारत से जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। परिणामस्वरूप भारत द्वारा रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता अपनाए जाने से विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा और इसके फलस्वरूप भारत में विदेशी पूंजी के अंतर्प्रवाह में वृद्धि होगी। इसी कारण भारतीय रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता प्राप्त करना, भारत की आर्थिक नीति का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। ध्यातव्य है कि अगस्त, 1994 से चालू खाते पर रुपया पूर्ण परिवर्तनीय है (व्यापार खाता पर आंशिक रूप से यह मार्च, 1992 से ही परिवर्तनीय हो गया था)। पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता के संबंध में एस.एस. तारापोर की अध्यक्षता में जून, 1997 में एक समिति गठित की गई जिसने कुछ निश्चित शर्तों की पूर्ति पर क्रमिक रूप से पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता की संस्तुति की। पुनः मार्च, 2006 में एस.एस. तारापोर की ही अध्यक्षता में पूंजी खाता पर परिवर्तनीयता का खाका तैयार करने के लिए समिति (II) गठित की गई, जिसने मौजूदा पूंजीगत नियंत्रणों की समीक्षा के बाद तीन चरणों में पूंजी परिवर्तनीयता हेतु एक व्यापक पंचवर्षीय समयबद्ध योजना तैयार की। यद्यपि वर्तमान में पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता नहीं है तथापि विभिन्न पूंजी व्यवहारों के संबंध में रिजर्व बैंक अत्यंत ही उदारवादी नीति अपना रहा है।

4. भारतीय रुपये को चालू खाते में पूर्ण परिवर्तनीय बनाया गया था- [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2017]

Correct Answer: (a) 1994
Solution:रुपये की परिवर्तनीयता से तात्पर्य रुपये का विदेशी मुद्राओं में तथा विदेशी मुद्राओं को रुपये में बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से परिवर्तन संभव होने से है। रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता (चालू खाते तथा पूंजी खाते पर) से विदेशी पूंजी के भारत में आने एवं भारत से जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। परिणामस्वरूप भारत द्वारा रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता अपनाए जाने से विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा और इसके फलस्वरूप भारत में विदेशी पूंजी के अंतर्प्रवाह में वृद्धि होगी। इसी कारण भारतीय रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता प्राप्त करना, भारत की आर्थिक नीति का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। ध्यातव्य है कि अगस्त, 1994 से चालू खाते पर रुपया पूर्ण परिवर्तनीय है (व्यापार खाता पर आंशिक रूप से यह मार्च, 1992 से ही परिवर्तनीय हो गया था)। पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता के संबंध में एस.एस. तारापोर की अध्यक्षता में जून, 1997 में एक समिति गठित की गई जिसने कुछ निश्चित शर्तों की पूर्ति पर क्रमिक रूप से पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता की संस्तुति की। पुनः मार्च, 2006 में एस.एस. तारापोर की ही अध्यक्षता में पूंजी खाता पर परिवर्तनीयता का खाका तैयार करने के लिए समिति (II) गठित की गई, जिसने मौजूदा पूंजीगत नियंत्रणों की समीक्षा के बाद तीन चरणों में पूंजी परिवर्तनीयता हेतु एक व्यापक पंचवर्षीय समयबद्ध योजना तैयार की। यद्यपि वर्तमान में पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता नहीं है तथापि विभिन्न पूंजी व्यवहारों के संबंध में रिजर्व बैंक अत्यंत ही उदारवादी नीति अपना रहा है।

5. चालू खाते में रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता को किस वर्ष से घोषित किया गया? [U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Pre) 2010]

Correct Answer: (a) 1994 से
Solution:रुपये की परिवर्तनीयता से तात्पर्य रुपये का विदेशी मुद्राओं में तथा विदेशी मुद्राओं को रुपये में बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से परिवर्तन संभव होने से है। रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता (चालू खाते तथा पूंजी खाते पर) से विदेशी पूंजी के भारत में आने एवं भारत से जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। परिणामस्वरूप भारत द्वारा रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता अपनाए जाने से विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा और इसके फलस्वरूप भारत में विदेशी पूंजी के अंतर्प्रवाह में वृद्धि होगी। इसी कारण भारतीय रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता प्राप्त करना, भारत की आर्थिक नीति का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। ध्यातव्य है कि अगस्त, 1994 से चालू खाते पर रुपया पूर्ण परिवर्तनीय है (व्यापार खाता पर आंशिक रूप से यह मार्च, 1992 से ही परिवर्तनीय हो गया था)। पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता के संबंध में एस.एस. तारापोर की अध्यक्षता में जून, 1997 में एक समिति गठित की गई जिसने कुछ निश्चित शर्तों की पूर्ति पर क्रमिक रूप से पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता की संस्तुति की। पुनः मार्च, 2006 में एस.एस. तारापोर की ही अध्यक्षता में पूंजी खाता पर परिवर्तनीयता का खाका तैयार करने के लिए समिति (II) गठित की गई, जिसने मौजूदा पूंजीगत नियंत्रणों की समीक्षा के बाद तीन चरणों में पूंजी परिवर्तनीयता हेतु एक व्यापक पंचवर्षीय समयबद्ध योजना तैयार की। यद्यपि वर्तमान में पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता नहीं है तथापि विभिन्न पूंजी व्यवहारों के संबंध में रिजर्व बैंक अत्यंत ही उदारवादी नीति अपना रहा है।

6. भारतीय रुपये को परिवर्तनीय बनाया गया है- [U.P.P.C.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (b) चालू खाते में अगस्त, 1994 में
Solution:रुपये की परिवर्तनीयता से तात्पर्य रुपये का विदेशी मुद्राओं में तथा विदेशी मुद्राओं को रुपये में बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से परिवर्तन संभव होने से है। रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता (चालू खाते तथा पूंजी खाते पर) से विदेशी पूंजी के भारत में आने एवं भारत से जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। परिणामस्वरूप भारत द्वारा रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता अपनाए जाने से विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा और इसके फलस्वरूप भारत में विदेशी पूंजी के अंतर्प्रवाह में वृद्धि होगी। इसी कारण भारतीय रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता प्राप्त करना, भारत की आर्थिक नीति का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। ध्यातव्य है कि अगस्त, 1994 से चालू खाते पर रुपया पूर्ण परिवर्तनीय है (व्यापार खाता पर आंशिक रूप से यह मार्च, 1992 से ही परिवर्तनीय हो गया था)। पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता के संबंध में एस.एस. तारापोर की अध्यक्षता में जून, 1997 में एक समिति गठित की गई जिसने कुछ निश्चित शर्तों की पूर्ति पर क्रमिक रूप से पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता की संस्तुति की। पुनः मार्च, 2006 में एस.एस. तारापोर की ही अध्यक्षता में पूंजी खाता पर परिवर्तनीयता का खाका तैयार करने के लिए समिति (II) गठित की गई, जिसने मौजूदा पूंजीगत नियंत्रणों की समीक्षा के बाद तीन चरणों में पूंजी परिवर्तनीयता हेतु एक व्यापक पंचवर्षीय समयबद्ध योजना तैयार की। यद्यपि वर्तमान में पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता नहीं है तथापि विभिन्न पूंजी व्यवहारों के संबंध में रिजर्व बैंक अत्यंत ही उदारवादी नीति अपना रहा है।

7. भारतीय रुपये को मार्च, 1994 से निम्नलिखित में से किस खाते में परिवर्तनीय बनाया गया? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (b) चालू खाता
Solution:रुपये की परिवर्तनीयता से तात्पर्य रुपये का विदेशी मुद्राओं में तथा विदेशी मुद्राओं को रुपये में बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से परिवर्तन संभव होने से है। रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता (चालू खाते तथा पूंजी खाते पर) से विदेशी पूंजी के भारत में आने एवं भारत से जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। परिणामस्वरूप भारत द्वारा रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता अपनाए जाने से विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा और इसके फलस्वरूप भारत में विदेशी पूंजी के अंतर्प्रवाह में वृद्धि होगी। इसी कारण भारतीय रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता प्राप्त करना, भारत की आर्थिक नीति का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। ध्यातव्य है कि अगस्त, 1994 से चालू खाते पर रुपया पूर्ण परिवर्तनीय है (व्यापार खाता पर आंशिक रूप से यह मार्च, 1992 से ही परिवर्तनीय हो गया था)। पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता के संबंध में एस.एस. तारापोर की अध्यक्षता में जून, 1997 में एक समिति गठित की गई जिसने कुछ निश्चित शर्तों की पूर्ति पर क्रमिक रूप से पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता की संस्तुति की। पुनः मार्च, 2006 में एस.एस. तारापोर की ही अध्यक्षता में पूंजी खाता पर परिवर्तनीयता का खाका तैयार करने के लिए समिति (II) गठित की गई, जिसने मौजूदा पूंजीगत नियंत्रणों की समीक्षा के बाद तीन चरणों में पूंजी परिवर्तनीयता हेतु एक व्यापक पंचवर्षीय समयबद्ध योजना तैयार की। यद्यपि वर्तमान में पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता नहीं है तथापि विभिन्न पूंजी व्यवहारों के संबंध में रिजर्व बैंक अत्यंत ही उदारवादी नीति अपना रहा है।

8. किस बजट में वित्त मंत्री ने उदारीकृत विनिमय दर प्रबंधन प्रणाली की घोषणा की? [68th B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (c) यूनियन बजट, 1992-1993
Solution:यूनियन बजट 1992-93 में तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उदारीकृत विनिमय दर प्रबंधन प्रणाली की घोषणा की थी। वर्ष 1991 के भुगतान संतुलन संकट से निपटने हेतु एक संक्रमणकालीन उपाय के रूप में मार्च, 1992 में उदारीकृत विनिमय दर प्रबंधन प्रणाली (LERMS) की शुरुआत हुई थी। इसके अंतर्गत दोहरी विनिमय दर प्रणाली शामिल थी।

9. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2002]

रुपये की पूर्ण विनिमेयता का अभिप्राय हो सकता है-

1. अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के साथ इसका मुक्त प्रवाह।

2. देश के भीतर और बाहर किसी निर्धारित स्थान पर किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के साथ इसका सीधा आदान-प्रदान ।

3. इसके द्वारा किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्रा की ही भांति कार्य करना।

इनमें से कौन-कौन से कथन सही हैं?

Correct Answer: (a) 1 और 2
Solution:रुपये की परिवर्तनीयता से तात्पर्य रुपये का विदेशी मुद्राओं में तथा विदेशी मुद्राओं को रुपये में बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से परिवर्तन संभव होने से है। रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता (चालू खाते से पूंजी खाते पर) से विदेशी पूंजी के भारत में जाने एवं भारत से जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। परिणामस्वरूप भारत द्वारा रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता अपनाए जाने से विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा, फलस्वरूप भारत में विदेशी पूंजी के अंतर्वाह में वृद्धि होगी। उल्लेखनीय है कि अगस्त, 1994 से चालू खाते पर रुपया पूर्ण परिवर्तनीय है, जबकि व्यापार घाटे पर यह मार्च, 1992 से ही आंशिक रूप से परिवर्तनीय हो गया था।

10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2000]

भारतीय रुपया पूर्णतः परिवर्तनीय है-

1. भुगतान शेष के चालू लेखा के संबंध में

2. भुगतान शेष के पूंजी लेखा के संबंध में

3. स्वर्ण में

इनमें से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

Correct Answer: (a) एकमात्र 1
Solution:रुपये की परिवर्तनीयता से तात्पर्य रुपये का विदेशी मुद्राओं में तथा विदेशी मुद्राओं को रुपये में बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से परिवर्तन संभव होने से है। रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता (चालू खाते से पूंजी खाते पर) से विदेशी पूंजी के भारत में जाने एवं भारत से जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। परिणामस्वरूप भारत द्वारा रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता अपनाए जाने से विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा, फलस्वरूप भारत में विदेशी पूंजी के अंतर्वाह में वृद्धि होगी। उल्लेखनीय है कि अगस्त, 1994 से चालू खाते पर रुपया पूर्ण परिवर्तनीय है, जबकि व्यापार घाटे पर यह मार्च, 1992 से ही आंशिक रूप से परिवर्तनीय हो गया था।