विदेशी विनिमय, एफ.डी.आई तथा विदेशी ऋण

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21. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें एवं नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन करें- [I.A.S. (Pre) 1999 U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]

कथन (A) : मुद्रा का अवमूल्यन निर्यात को बढ़ावा दे सकता है।

कारण (R) : अवमूल्यन से, अंतरराष्ट्रीय बाजार में घरेलू उत्पादों का मूल्य गिर जाता है।

Correct Answer: (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं एवं (R), (A) की सही व्याख्या है।
Solution:अवमूल्यन के कारण देश की मुद्रा का विदेशी मुद्राओं के सापेक्ष मूल्य गिर जाता है, जिसके कारण अवमूल्यन करने वाले देश के निर्यात सस्ते तथा आयात महंगे हो जाते हैं। परिणामस्वरूप अवमूल्यन वाले देश के निर्यातों में वृद्धि तथा आयातों में कमी होती है। अतः कथन एवं कारण दोनों सत्य हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या भी करता है।

22. कथन (A): मुद्रा का अवमूल्यन (Devaluation) निर्यातों को बढ़ाने के लिए किया जाता है। [U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]

कारण (R) : विदेशी बाजार में घरेलू वस्तुएं सस्ती हो जाती हैं। T निम्न कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (a) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
Solution:अवमूल्यन के कारण देश की मुद्रा का विदेशी मुद्राओं के सापेक्ष मूल्य गिर जाता है, जिसके कारण अवमूल्यन करने वाले देश के निर्यात सस्ते तथा आयात महंगे हो जाते हैं। परिणामस्वरूप अवमूल्यन वाले देश के निर्यातों में वृद्धि तथा आयातों में कमी होती है। अतः कथन एवं कारण दोनों सत्य हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या भी करता है।

23. 'मुद्रा' के अवमूल्यन का परिणाम है- [U. P. R. O./A.R.O. (Pre) 2014]

Correct Answer: (c) देश में निर्यातों का बढ़ना और आयातों का घटना
Solution:अवमूल्यन के कारण देश की मुद्रा का विदेशी मुद्राओं के सापेक्ष मूल्य गिर जाता है, जिसके कारण अवमूल्यन करने वाले देश के निर्यात सस्ते तथा आयात महंगे हो जाते हैं। परिणामस्वरूप अवमूल्यन वाले देश के निर्यातों में वृद्धि तथा आयातों में कमी होती है। अतः कथन एवं कारण दोनों सत्य हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या भी करता है।

24. जब कोई देश अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करता है, तो इसका प्रभाव होता है कि- [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]

Correct Answer: (b) आयात महंगे हो जाते हैं और निर्यात सस्ते ।
Solution:अवमूल्यन के कारण देश की मुद्रा का विदेशी मुद्राओं के सापेक्ष मूल्य गिर जाता है, जिसके कारण अवमूल्यन करने वाले देश के निर्यात सस्ते तथा आयात महंगे हो जाते हैं। परिणामस्वरूप अवमूल्यन वाले देश के निर्यातों में वृद्धि तथा आयातों में कमी होती है। अतः कथन एवं कारण दोनों सत्य हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या भी करता है।

25. एक देश अपनी मुद्रा के अवमूल्यन का सहारा लेता है - [U.P.P.C.S. (Mains) 2003]

Correct Answer: (a) व्यापार शेष को ठीक करने के लिए।
Solution:अवमूल्यन का अर्थ 'किसी देश की मुद्रा के बाह्य मूल्य को कम कर देना है'। जब किसी देश के भुगतान संतुलन में मौलिक असंतुलन आ जाता है, तब उस देश की मुद्रा की स्थिति में सुधार लाने के लिए यह नीति अपनाई जाती है। इससे आयात महंगे होते हैं तथा उनमें कमी आती है, जबकि देश में उत्पादित वस्तुएं विदेशों में सस्ती हो जाती हैं और इससे निर्यात में वृद्धि होती है। इस प्रकार व्यापार शेष की स्थिति में सुधार होता है।

26. निम्न में से कौन-सा एक मुद्रा के अवमूल्यन का प्रभाव नहीं है- [U.P. Lower Sub. (Pre) 1998]

Correct Answer: (a) इससे आयातकर्ता देश में मुद्रा अवस्फीति (Deflation) होती है।
Solution:मुद्रा के अवमूल्यन से आयातकर्ता देश में मुद्रा अवस्फीति नहीं होती, क्योंकि देश में आयातित वस्तुओं की कीमत बढ़ने के कारण कीमत स्तर में वृद्धि होती है।

27. कथन (A): 1991 के पश्चात भारत के निर्यातों की वृद्धि दर में पर्याप्त वृद्धि हुई है। [I.A.S. (Pre) 2000]

कारण (R) : भारत सरकार ने अवमूल्यन (Devaluation) का आश्रय लिया है।

Correct Answer: (a) (A) और (R) दोनों सही हैं, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
Solution:वर्ष 1991 के पश्चात भारत की निर्यात दर में अपेक्षित वृद्धि हुई है। निर्यात दर में वृद्धि का प्रमुख कारण भारत सरकार द्वारा किया गया अवमूल्यन है। अतः कथन एवं कारण दोनों सत्य हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या कर रहा है। हालांकि वर्ष 1992 के बाद सरकार द्वारा अवमूल्यन नहीं किया गया है। अतः वर्तमान में विकल्प (c) ही सही है।

28. अंतरराष्ट्रीय नकदी (लिक्विडिटी) की समस्या निम्नलिखित में से किसकी अनुपलब्धता से संबंधित है? [I.A.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (c) डॉलर और अन्य दुर्लभ मुद्राएं (हार्ड करेंसीज)
Solution:अंतरराष्ट्रीय तरलता एक देश के भुगतान संतुलन के घाटे को ठीक करने के लिए उसके केंद्रीय बैंक द्वारा रखे गए अंतरराष्ट्रीय तौर से स्वीकार्य परिसंपत्तियों (डॉलर, स्वर्ण, SDR बास्केट की अन्य मुद्राएं) के समस्त भंडार है। अंतरराष्ट्रीय तरलता में एक देश के अधिकृत स्वर्ण भंडार, विदेशी करेंसियों और SDR (Special Drawing Rig धारण (IMF) में इसकी निवल स्थिति तथा अंतरराष्ट्रीय परिसंपत्तियों के निजी धारण सम्मिलित होते हैं। एक ऐसी मुद्रा जो अन्य करेंसीजयों परिवर्तनीय हो तथा जिनका दूसरी मुद्राओं के रूप में मूल्य में बढ़ने या स्थिर रहने की प्रत्याशा हो, हार्ड करेंसी कहलाती है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक मांगी जाने वाली अधिक स्वीकार्य तथा अधिक स्थिय मूल्य वाली मुद्रा होगी जैसे डॉलर, यूरो, पौंड आदि।

29. 1990 के दशक के उत्तरार्द्ध में आए आर्थिक संकट ने इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया और दक्षिण कोरिया को सर्वाधिक गंभीरता से दुष्प्रभावित किया। इस संकट का कारण- [I.A.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (a) सामान्य तौर पर वित्तीय संसाधनों और वित्तीय क्षेत्रक का कुप्रबंधन था।
Solution:1990 के दशक के उत्तरार्द्ध में दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों-इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया एवं द. कोरिया में आए आर्थिक संकट का मूल कारण पश्चिमी मुद्राओं की तुलना में स्थानीय मुद्राओं का लंबे समय तक अधिमूल्यन होना था। मूलतः इस मौद्रिक कुप्रबंधन और मुद्राओं के मूल्यों में सट्टेबाजी ने इस आर्थिक संकट को खड़ा किया था।

30. विगत महीनों में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में मुद्राओं के मूल्य में भारी गिरावट से भारत के निर्यातों पर क्या असर पड़ा है? [M.P.P.C.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (b) प्रतिकूल
Solution:वर्ष 1997-98 में दक्षिण-पूर्व एशियाई संकट के कारण इन देशों की मुद्राओं के मूल्य में गिरावट आ गई थी। चूंकि भारत द्वारा निर्यातित वस्तुएं इन देशों द्वारा निर्यात किए जाने वाली वस्तुओं की प्रतियोगी है. इसलिए भारत के निर्यात पर इन देशों की मुद्रा के मूल्यों में गिरावट का विपरीत प्रभाव पड़ा