Correct Answer: (b) चुंबक के S - ध्रुव से N-ध्रुव तक
Note: चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुण निम्न हैं-
(i) किसी चुंबक (या धारावाही परिनालिका) की चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं सतत बंद लूप का निर्माण करती हैं। यह वैद्युत द्विध्रुव के जैसी नहीं है, जहां ये रेखाएं धनावेश से शुरू होकर ऋणावेश पर खत्म हो जाती हैं।
(ii) क्षेत्र रेखा के किसी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखाएं उस बिंदु पर परिणामी चुंबकीय क्षेत्र (B) की दिशा का निर्धारण करती हैं।
(iii) क्षेत्र के लंबवत रखे गए उस तल के प्रति इकाई क्षेत्रफल से जितनी रेखाएं गुजरती हैं उतना ही अधिक उस स्थान पर चुंबकीय क्षेत्र (B) का परिमाण होता है।
(iv) चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं एक दूसरे को काटती नहीं हैं।