विद्युत धारा भाग-2

Total Questions: 29

1. एक बिजली के बल्ब की अपेक्षा एक 'फ्लोरेसेंट ट्यूब' को अधिमान (Preferred) दिया जाता है, क्योंकि - [U.P.P.C.S.(Pre) 2009]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
Solution:फ्लोरेसेंट ट्यूब, बिजली के बल्ब की अपेक्षा वैद्युत ऊर्जा का प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तन अधिक मात्रा में करती है। एक 100 वॉट का बिजली का बल्ब केवल 5 प्रतिशत वैद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित करता है परंतु फ्लोरेसेंट ट्यूब लगभग 22 प्रतिशत वैद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित करती है। इस प्रकार दिए गए कथनों में से कोई भी सही नहीं है।

2. श्वेत प्रकाश को नली में कैसे पैदा करते हैं? [47th B.P.S.C. (Pre) 2005]

Correct Answer: (d) अणुओं को दोलित कर
Solution:ट्यूबलाइट में विद्युत का प्रवाह होने पर इसके दोनों सिरों (Poles) के मध्य इलेक्ट्रॉन तीव्र गति से गमन करते हैं। यह इलेक्ट्रॉन मरकरी गैस के अणुओं से टकराते हैं, जिनमें दोलन के परिणामस्वरूप पराबैंगनी प्रकाश उत्पन्न होता है। चूंकि मनुष्य की आंख इस विकिरण को देखने में समर्थ नहीं है, इसलिए शीशे की ट्यूब को एक प्रतिदीप्त पदार्थ से लेपित किया जाता है, जो श्वेत प्रकाश उत्पन्न करता है।

3. विद्युत बल्ब के अंदर कौन-सी गैस होती है- [M.P.P.C.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Solution:विद्युत बल्ब का आविष्कार सर्वप्रथम एडीसन ने किया था। इसमें 'टंगस्टन धातु' का एक पतला कुण्डलीनुमा तंतु लगा होता है। इस धातु का ऑक्सीकरण रोकने के लिए बल्ब के अंदर निर्वात करने के बजाए, उसमें नाइट्रोजन, ऑर्गन गैस भर देते हैं।

4. प्रतिदीप्ति नलिकाओं के साथ चोक आसंजित होता है। चोक कुण्डली- [I.A.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (a) लाइन वोल्टता बढ़ाती है।
Solution:प्रतिदीप्ति नलिकाओं (ट्यूबलाइट) में स्टार्टर का प्रयोग किया जाता है, जो धारा को बढ़ाकर चोक को प्रेषित करता है, चोक कुण्डली प्रेषित धारा की वोल्टता को बढ़ाकर ट्यूबलाइट को प्रेषित करता है, जिससे ट्यूबलाइट जल जाती है। इसके पश्चात स्टार्टर का कार्य समाप्त हो जाता है तथा चोक उच्च वोल्टता को कम करने तथा कम वोल्टता को उच्च करने का कार्य करता है तथा ट्यूबलाइट को खराब होने से रोकता है।

5. विद्युत विभव के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? [U.P.P.C.S. (Pre) 2021]

1. यह एक अदिश राशि है।

2. यह एक सदिश राशि है।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए।

कूट :

Correct Answer: (a) केवल 1
Solution:किसी बिंदु पर विद्युत विभव को, प्रायः एक धन आवेश को अनंत से उस बिंदु तक लाने में किए गए कार्य के रूप में परिभाषित किया जाता है। विद्युत विभव का SI मात्रक जूल/कूलॉम है। विद्युत विभव एक अदिश राशि है, जबकि विद्युत क्षेत्र एक सदिश राशि है।

6. एक तार में बहती विद्युत धारा एवं विभवांतर प्रत्येक को दो गुना बढ़ा दिया जाए, तो विद्युत शक्ति- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (b) चार गुना बढ़ जाएगी
Solution:विद्युत शक्ति (P) = विभवांतर (V) × विद्युत धारा (I)

यदि विद्युत धारा एवं विभवांतर प्रत्येक को दो गुना बढ़ाया जाए, तो  P' = 2V × 21

= 4 (VI)

⇒ 4P

स्पष्ट है कि विद्युत शक्ति चार गुना बढ़ जाएगी।

7. दो तारों की लंबाइयां, व्यास और प्रतिरोधकताएं सभी 1 : 2 के अनुपात में हैं। अगर पतले तार का प्रतिरोध 10 ओम है, तो मोटे तार का प्रतिरोध होगा- [I.A.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (b) 10 ओम
Solution:हम जानते हैं कि-

R = ρ1/a

जहां R = प्रतिरोध, ρ = प्रतिरोधकता,  l = लंबाई,  a = क्षेत्रफल

यदि प्रथम तार का ρ_{1} = lρ

लंबाई l_{1} = l

त्रिज्या r_{1} = r

तो दूसरी तार का ρ_{2} = 2ρ

लंबाई l_{2} = 2l

त्रिज्या r_{1} = 2r

अतः  R_{1} = (ρl)/(πr²)  ....(1)

और  R_{2} = 2ρ × 2l/4πr²  ....(2)

R_{1}/R_{2} = ρ/2ρ × l/πr² × 4πr²/2l

∵ पतले तार का प्रतिरोध R_{1} = 10 ओम है

∵ मोटे तार का प्रतिरोध

= 10/R2 = 1 ओम    R = 10 ओम

8. समान प्रकार की छोटी बूंदें V वोल्ट तक आवेशित की गई हैं। यदि ॥ बूंदें मिलकर एक बड़ी बूंद बनाती हैं, तो इस बूंद का विभव होगा [U.P. Lower Sub. (Mains) 2015]

Correct Answer: (a) n²/³ V
Solution:माना प्रत्येक छोटी बूंद का आवेश = q

प्रत्येक छोटी बूंद की त्रिज्या = r

n बूंदों से मिलकर बनी बड़ी बूंद का कुल आवेश (Q') = nq

बड़ी बूंद की त्रिज्या = R

चूंकि n बूंदों का कुल आयतन = बड़ी बूंद का आयतन

⇒ n × 4/3 πr³/ = 4/3 πr³

⇒ R = n¹/³ × r

अब (V')/V = (Q' C)/(q C')

= (Q')/q × r/R

= (nq)/q × r/(n¹/³) × r

V' = n²/³ × V

बड़ी बूंद का विभव = n²/³ V

9. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं, जिनमें से एक को कथन और दूसरे को कारण कहा गया है : [I.A.S. (Pre) 1996]

कथन (A) : परिणामित्र का प्रयोग वोल्टता के उच्चयन अथवा अपचयन के लिए किया जाता है।

कारण (R) : परिणामित्र ऐसी युक्ति है, जिसका प्रयोग निर्दिष्ट धारा (दि.धा.) परिपथ में किया जाता है।

ऊपर के दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा सही है?

कूट :

Correct Answer: (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
Solution:ट्रांसफॉर्मर या परिणामित्र किसी एक विद्युत परिपथ से अन्य परिपथ में विद्युत प्रेरण द्वारा परस्पर जुड़े हुए चालकों के माध्यम से विद्युत ऊर्जा स्थानांतरित करता है। इसके द्वारा कम वोल्टता की विद्युत शक्ति को अधिक या अधिक वोल्टता की विद्युत शक्ति को कम वोल्टता पर परिवर्तित कर दूर-दूर तक पारेषित किया जाता है। ट्रांसफॉर्मर केवल प्रत्यावर्ती धारा या विभवांतर के साथ कार्य कर सकता है, 'दिष्ट' या एकदिश' (Direct) के साथ नहीं।

10. ट्रांसफॉर्मर प्रयुक्त होते हैं? [U.P.P.C.S. (Pre) 2006]

Correct Answer: (d) AC वोल्टेज का उपचयन या अपचयन करने के लिए
Solution:ट्रांसफॉर्मर (Transformer) का उपयोग प्रत्यावर्ती धारा (AC) विभव को उच्चायी तथा अपचायी करने के लिए करते हैं। एक ट्रांसफार्मर में दो कुण्डली होती हैं- (1) प्राथमिक कुण्डली (Primary Coil), (2) द्वितीयक कुण्डली (Secondary Coil)। प्रत्यावर्ती धारा प्राथमिक कुण्डली से प्रवाहित होती है, जिससे द्वितीयक कुण्डली में विभव (Voltage) प्रवृत्त होता है।