1. 'प्रकाशवोल्टीय प्रक्रिया' एक प्रौद्योगिकी है, जो कि प्रकाश के विद्युत में प्रत्यक्ष रूपांतरण द्वारा विद्युत जनन करती है, जबकि 'सौर तापीय प्रक्रिया' एक प्रौद्योगिकी है, जो सूर्य की किरणों का उपयोग ताप जनित करने के लिए करती है, जिसका आगे विद्युत जनन प्रक्रिया में उपयोग किया जाता है।
2. प्रकाशवोल्टीय प्रक्रिया प्रत्यावर्ती धारा (AC) का जनन करती है, जबकि सौर तापीय प्रक्रिया दिष्ट धारा (DC) का जनन करती है।
3. भारत के पास सौर तापीय प्रौद्योगिकी के लिए विनिर्माण आधार है, किंतु प्रकाशवोल्टीय प्रौद्योगिकी के लिए नहीं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct Answer: (a) केवल 1
Solution:फोटोवोल्टिक प्रौद्योगिकी में प्रकाशवोल्टीय प्रभाव का प्रदर्शन करने वाले अर्द्धचालकों द्वारा सौर विकिरण को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। हालांकि प्रकाश-वोल्टीय प्रक्रिया 'दिष्ट धारा विद्युत' (Direct Current Electricity) का जनन करती है।सौर तापीय प्रणालियां प्रकाशवोल्टीय प्रणालियों से भिन्न हैं, क्योंकि ये सौर ऊर्जा के द्वारा तापीय ऊर्जा का जनन करती हैं, जिसका आगे विद्युत जनन प्रक्रिया में प्रयोग किया जा सकता है।
मार्च, 2013 में भारत के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि भारत की कुल सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल उत्पादन क्षमता 2000 मेगावॉट है। स्पष्ट है कि भारत के पास प्रकाशवोल्टीय प्रौद्योगिकी के लिए विनिर्माण आधार है।