विद्युत धारा

Total Questions: 50

41. कथन (A): एक धातु तार का तापक्रम बढ़ जाता है, जब उसके बीच से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। [I.A.S. (Pre) 1998]

कारण (R) : धातु अणुओं के पारस्परिक संघटन से ऊष्मा ऊर्जा का मोचन होता है।

कूट :

Correct Answer: (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
Solution:जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो उसमें गतिशील इलेक्ट्रॉन निरंतर चालक के परमाणुओं से टकराते रहते हैं। इस प्रक्रिया में ये अपनी ऊर्जा चालक के परमाणुओं को स्थानांतरित करते हैं। इससे चालक का ताप बढ़ जाता है। इस प्रकार कथन (A) सही है, जबकि कारण (R) गलत है।

42. घरेलू विद्युत तार स्थापन मूलतः - [I.A.S. (Pre) 1996]

Correct Answer: (b) समांतर संबंधन है।
Solution:

घरेलू विद्युत तार स्थापन में सभी उपकरण जैसे बल्ब, पंखे, रेफ्रिजरेटर आदि समांतर संबंधन (parallel connection) में जोड़े जाते हैं।

समांतर संबंधन के लाभ:

प्रत्येक उपकरण को स्रोत से पूरा वोल्टेज (जैसे 220V) मिलता है।

यदि एक उपकरण खराब हो जाता है या बंद कर दिया जाता है, तो बाकी उपकरण काम करते रहते हैं।

प्रत्येक उपकरण को स्वतंत्र रूप से चालू या बंद किया जा सकता है।

श्रेणी संबंधन (Series connection) की कमी:

यदि उपकरण श्रेणी क्रम में जुड़े होते, तो एक उपकरण के खराब होने या बंद होने पर पूरा परिपथ टूट जाता और कोई भी उपकरण काम नहीं करता। साथ ही, वोल्टेज सभी उपकरणों में विभाजित हो जाता, जिससे वे अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते।

43. घरेलू विद्युत सप्लाई के दौरान काले रंग का आवरण युक्त तार है- [Chhattisgarh.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (c) उदासीन तार
Solution:घरेलू विद्युत सप्लाई हेतु उपयोग में आने वाले तारों को भ्रम की स्थिति से बचने के लिए तीन रंगों में विभक्त किया गया है। लाल रंग का तार सजीव या फेज (Live or Phase) होता है, काले रंग का तार उदासीन होता है तथा हरे रंग का तार आधार (Earth) को प्रदर्शित करता है।

44. मानव शरीर (शुष्क) के विद्युत प्रतिरोध के परिमाण की कोटि क्या है? [I.A.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (b) 10⁴ ओम
Solution:मानव शरीर (शुष्क) के विद्युत प्रतिरोध के परिमाण की कोटि सामान्यतः 10⁴ ओम होती है, हालांकि विशेष परिस्थितियों में यह 10⁵ ओम या उससे अधिक भी हो सकती है।

45. C.F.L. का पूर्ण रूप है - [U.P.P.C.S. (Mains) 2015]

Correct Answer: (a) कॉम्पैक्ट फ्लोरिसैंट लैंप
Solution:C.F.L. का पूर्ण रूप है - कॉम्पैक्ट फ्लोरिसैंट लैंप ।

46. प्रकाश उत्सर्जक डायोड के कार्य करने का सिद्धांत है- [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) वैद्युत संदीप्ति
Solution:प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED), एक ऐसा अतिमिश्रित डायोड होता है, जो कि दृश्य एवं अदृश्य प्रकाश उत्सर्जित करता है। इन डायोडों में अलग-अलग अर्द्धचालक पदार्थ प्रयुक्त होते हैं, जिसके अनुसार ही ये विभिन्न रंग के प्रकाश उत्सर्जित करते है; जैसे गैलियम फॉस्फाइड हरे रंग का, सिलिकॉन कार्बाइड नीले रंग का तथा गैलियम आर्सेनाइड अवरक्त (अदृश्य) प्रकाश उत्सर्जित करता है। प्रकाश उत्सर्जक डायोड, वैद्युत संदीप्ति ((Electro luminescence) के सिद्धांत पर कार्य करता है।

47. कथन (A) : लाइट ऐमिटिंग डायोड (एल. ई. डी.) लैम्प, कॉम्पेक्ट फ्लोरीसेंट लैम्प (सी.एफ.एल) की तुलना में अधिक लंबी सेवा अवधि प्रदान करते हैं। [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]

कथन (R) : लाइट ऐमिटिंग डायोड (एल. ई. डी.) लैम्प, कॉम्पेक्ट फ्लोरीसेंट लैम्प (सी.एफ. एल) की तुलना में अधिक ऊर्जा दक्ष होते हैं।

नीचे दिए गए कूटों की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए :

Correct Answer: (a) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सत्य हैं तथा कारण (R) कथन (A) का सही स्पष्टीकरण है।
Solution:एल.ई.डी. अर्थात प्रकाश उत्सर्जक डायोड लैंप में मुख्य प्रकाशोत्पादन घटक गैलियम आर्सेनाइड होता है। यही विद्युत ऊर्जा को प्रकाश में बदलता है। इसका जीवनकाल सी.एफ.एल. की तुलना में अधिक होता है क्योंकि एल.ई.डी. लैंपों में सी.एफ.एल. की तुलना में ऊर्जा की कम खपत होती है।

48. सीएफएल (CFL) तथा एलईडी (LED) लैंप में क्या अंतर है? [I.A.S. (Pre) 2011]

1. प्रकाश उत्पन्न करने के लिए सीएफएल पारा-वाष्प और संदीपक का प्रयोग करता है, जबकि एलईडी लैंप अर्द्धचालक पदार्थों का प्रयोग करता है।

2. सीएफएल की औसत जीवन-अवधि एलईडी लैंप से बहुत अधिक होती है।

3. एलईडी लैंप की तुलना में सीएफएल कम ऊर्जा-सक्षम है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/कौन-से कथन सही है/हैं?

Correct Answer: (c) केवल 1 और 3
Solution:सीएफएल (Compact Fluorescent Lamp) में पारा-वाष्प से विद्युत गुजारकर पराबैंगनी प्रकाश उत्पन्न किया जाता है, जिसे लैंप के अंदर फॉस्फर कोटिंग से अवशोषित कराकर रोशनी उत्पन्न की जाती है। सीएफएल का औसत कार्यकाल 6000 से 15000 घंटे तक का होता है, जबकि एलईडी लैंप सामान्यतः 25-30 वर्षों तक चल सकता है। एलईडी लैंपों में पारंपरिक अर्द्धचालक प्रकाश उत्सर्जक डायोडों, ऑर्गेनिक एलईडी, या पॉलीमर एलईडी तकनीक का प्रयोग होता है। सीएफएल की तुलना में एलईडी लैंप अधिक ऊर्जा सक्षम है। पारंपरिक प्रकाश बल्बों की तुलना में एलईडी 82 प्रतिशत कम ऊर्जा की खपत करते हैं, जबकि प्रकाश बल्बों की तुलना में सीएफएल 75 प्रतिशत कम ऊर्जा की खपत करता है।

49. सड़क प्रकाश व्यवस्था के संदर्भ में, सोडियम बत्तियां, एल.ई.डी. बत्तियों से किस तरह भिन्न हैं? [I.A.S. (Pre) 2021]

1. सोडियम बत्तियां प्रकाश को 360 डिग्री में उत्पन्न करती हैं; किंतु एल.ई.डी. बत्तियों में ऐसा नहीं होता है।

2. सड़क की बत्तियों के रूप में, एल.ई.डी. बत्तियों की तुलना में सोडियम बत्तियों की उपयोगिता अवधि अधिक होती है।

3. सोडियम बत्ती के दृश्य प्रकाश का स्पेक्ट्रम लगभग एकवर्णी होता है, जबकि एल.ई.डी. बत्तियां सड़क प्रकाश व्यवस्था में सार्थक वर्ण सुविधाएं (कलर अडवैंटेज) प्रदान करती हैं।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (c) केवल 1 और 3
Solution:सोडियम बत्तियां सर्वदिशात्मक (Omnidirectional) होती हैं; अर्थात 360° में प्रकाश उत्पादित करती हैं। इससे प्रकाश का अपव्यय होता है, जो उन्हें कम कुशल (Less efficient) बनाता है। इसके विपरीत LEDs दिशात्मक (Directional) प्रकाश स्रोत हैं, जो एक विशिष्ट दिशा (Specific direction) में प्रकाश उत्सर्जित करते हैं। स्पष्ट है, कि कथन (1) सत्य है। किसी भी अन्य प्रकाश तकनीक (Lighting technology) की तुलना में LEDs का जीवनकाल (Lifespan) बहुत लंबा होता है। अतः कथन (2) असत्य है। सोडियम लैंपों द्वारा उत्सर्जित प्रकाश एकवर्षीय (Monochromatic) होता है; अर्थात उसमें केवल एक रंग का प्रकाश होता है। इसके विपरीत LEDs विभिन्न रंगों का प्रकाश उत्पन्न करते हैं। अतः कथन (3) सत्य है।

50. फ्लोरेसेंट ट्यूब (प्रतिदीप्ति बल्ब) में कौन-सी गैस भरी जाती है? [U.P. P.C.S. (Pre) 1990]

Correct Answer: (d) मरकरी और नियॉन
Solution:फ्लोरेसेंट ट्यूब में निर्वात में बहुत कम दाब पर पारे की वाष्प के साथ आर्गन, जीनान या नियॉन गैस भरी जाती है।