उत्तराखंड के उधम सिंहनगर जिले में अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए प्रबल घ्राण शक्ति वाले हाथियों को पुलिस के लिए वरदान के रूप में जाना जाता है। इन जानवरों ने लाहन को, शराब बनाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला एक पदार्थ, जिसे खटीमा के जंगलों में छिपा कर रखा गया था खोज निकाला और उसे नष्ट कर दिया। शराब निर्माता पुलिस के छापे से बचने के लिए शराब बनाने का काम काम नालों के पास, गहरे जंगलों के अंदर या गांवों के आस-पास किया करते थे क्योंकि इसमें किण्वन के लिए प्रवाही ज़ल की आवश्यकता होती है।
लाहन को बैरल या पॉलिथीन बैगों में भरकर बंद कर दिया जाता है और किण्वन के लिए चार से पांच दिनों के लिए जमीन में दबा दिया जाता है। खटीमा पुलिस थाने के इंस्पेक्टर योगेश उपाध्याय ने बताया कि हाथी इस पदार्थ की गंध पाकर ही उसकी जगह तक पहुँच जाते हैं और इस मादक द्रव को पीने के लिए बैरलों को नष्ट कर डालते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ व्यापारी पेड़ों पर मचान बनाकर बैरलों को वहाँ छिपा कर रखते हैं, लेकिन पुलिस उन तक आसानी से पहुँच जाती है। "हमने पिछले 2-3 महीनों में हजारों लीटर लाहन नष्ट किया है।
जो मचानों पर बैरलों में जमाकर के रखा गया था," इंस्पेक्टर योगेश उपाध्याय ने कहा। उन्होंने कहा कि "अवैध कारोबारियों ने हाथियों की पुहँच से दूर रखने के लिए लाहन के बैरल पेड़ों पर रखे थे। हाथियों ने इसे वहाँ से भी ढूंढ निकाला और लाहन पीने के लिए बैरलों को नष्ट कर दिया, जिससे शराब निर्माताओं को भारी नुकसान हुआ,"। एक ग्रामीण ने कहा, "गाँवों में शराब 80 से 100 रुपये प्रत्ति लीटर के हिसाब से बेची जाती है। क्योंकि यह बाजार में उपलब्ध शराब से सस्ती है, इसलिए लोग सेहत पर इसके बुरे असर के बारे में जानते हुए भी इसे खरीदते हैं। हाथी इस व्यापार पर अंकुश लगाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।"
कथन : मादक पदार्थ, लाहन के किण्वन के लिए पानी की आवश्यकता नहीं होती है। दिए गए विकल्पों में से उपयुक्त का चयन करें।
(A) कथन पूर्णतः सत्य है।
(B) कथन सम्भावित रूप से सत्य है
(C) कथन का निर्धारण नहीं किया जा सकता।
(D) कथन पूर्णतः असत्य है।