विविध

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21. धान के लिए सामान्यतः प्रयोग होने वाला खरपतवार नाशक है- [U.P. Lower Sub. (Mains) 2015]

Correct Answer: (c) 2.4-डी
Solution:धान के लिए सामान्यतः प्रयोग होने वाला खरपतवार नाशक 2, 4-D है।  इसका पूर्ण रूप 2, 4-डाइक्लोरोफीनॉक्सीएसीटिक एसिड (C₈H₆CI₂O₃)है।

22. 2, 4-D है- [U.P. P.C.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (d) एक खरपतवारनाशी
Solution:2,4-D (2,4-Dichlorolphenoxyacetic Acid) ऑक्सिन एक पादप हॉर्मोन है, जिसका उपयोग खरपतवारनाशी (Weedicide) के रूप में फसलों में किया जाता है। ध्यातव्य है कि खरपतवार (Weeds) खेतों में फसलों के साथ अनावश्यक रूप में उगकर जल, प्रकाश, खनिज, लवण इत्यादि के लिए फसलों से प्रतियोगिता करने लगते है, जिसके परिणामस्वरूप फसल की अच्छी वृद्धि नहीं हो पाती है।

23. डाइक्लोरो-डाइफिनाइल-ट्राईक्लोरोइथेन (DDT) एक ______________है। [U.P.P.C.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (a) अजैवअपघटनीय प्रदूषक
Solution:DDT एक अजैवअपघटनीय (Non-biodegradable) प्रदूषक है। ऐसे प्रदूषक सूक्ष्मजीवों द्वारा अपघटित नहीं होते हैं। अजैवअपघटनीय प्रदूषकों के उदाहरण DDT, मरकरी, लेड, आर्सेनिक, रेडियोएक्टिव पदार्थ आदि हैं। वास्तव में DDT एक कीटनाशक है, जिसका प्रयोग कृषि में किया जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा DDT को वर्ष 1972 में प्रतिबंधित कर दिया गया था।

24. निम्नलिखित में से कौन-सा पदार्थ शाकनाशी है? [R.O./A.R.O. (Pre) Exam. 2017]

Correct Answer: (d) ब्यूटाक्लोर
Solution:शाकनाशी (Herbicide) एक प्रकार का रसायन होता है. जिसका प्रयोग कृषि क्षेत्र में खरपतवारों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। ब्यूटाक्लोर एसीटैनिलिड वर्ग का एक शाकनाशी है। भारत में इसका बड़े पैमाने पर प्रयोग धान की खेती में किया जाता है।

25. समस्थानिक ⁶C ₁₄ सम्बद्ध है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (c) फॉसिल (जीवाश्म) के आयु निर्धारण से
Solution:वर्ष 1942 में डब्ल्यू एफ. लिब्बी ने सुझाव रखा था कि कार्बनयुक्त सजीव पदार्थों में कार्बन-14 (C₁₁) रेडियो आइसोटोप की एक निश्चित किंतु अल्प मात्रा रहती है, जो कॉस्मिक किरणों से प्राप्त न्यूट्रॉनों और वायुमंडलीय नाइट्रोजन के बीच अभिक्रिया से निर्मित होते हैं। अतः ऐसे पदार्थों में C-14 का अनुपात ज्ञात करके (उनकी अर्द्धआयु के आधार पर) उसकी आयु निर्धारित की जा सकती है। इसे कार्बन डेटिंग या रेडियोकार्बन तिथि निर्धारण कहा जाता है। इस विधि से जीवाश्मों (Fossils) का काल निर्धारण किया जाता है।

26. काष्ठ, अस्थि और शंख के पुरातत्वीय नमूनों का काल निर्धारण करने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा अपनाया जाता है? [I.A.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (c) कार्बन-14
Solution:वर्ष 1942 में डब्ल्यू एफ. लिब्बी ने सुझाव रखा था कि कार्बनयुक्त सजीव पदार्थों में कार्बन-14 (C₁₁) रेडियो आइसोटोप की एक निश्चित किंतु अल्प मात्रा रहती है, जो कॉस्मिक किरणों से प्राप्त न्यूट्रॉनों और वायुमंडलीय नाइट्रोजन के बीच अभिक्रिया से निर्मित होते हैं। अतः ऐसे पदार्थों में C-14 का अनुपात ज्ञात करके (उनकी अर्द्धआयु के आधार पर) उसकी आयु निर्धारित की जा सकती है। इसे कार्बन डेटिंग या रेडियोकार्बन तिथि निर्धारण कहा जाता है। इस विधि से जीवाश्मों (Fossils) का काल निर्धारण किया जाता है।

27. कार्बन डेटिंग का प्रयोग किसकी उम्र निर्धारित करने के लिए किया जाता है [M.P.P.C.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (c) फॉसिल्स की
Solution:वर्ष 1942 में डब्ल्यू एफ. लिब्बी ने सुझाव रखा था कि कार्बनयुक्त सजीव पदार्थों में कार्बन-14 (C₁₁) रेडियो आइसोटोप की एक निश्चित किंतु अल्प मात्रा रहती है, जो कॉस्मिक किरणों से प्राप्त न्यूट्रॉनों और वायुमंडलीय नाइट्रोजन के बीच अभिक्रिया से निर्मित होते हैं। अतः ऐसे पदार्थों में C-14 का अनुपात ज्ञात करके (उनकी अर्द्धआयु के आधार पर) उसकी आयु निर्धारित की जा सकती है। इसे कार्बन डेटिंग या रेडियोकार्बन तिथि निर्धारण कहा जाता है। इस विधि से जीवाश्मों (Fossils) का काल निर्धारण किया जाता है।

28. रेडियोधर्मी डेटिंग एक प्रक्रिया है, जिससे मापा जा सकता है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (a) चट्टानों की उम्र
Solution:

रेडियोधर्मी डेटिंग प्रक्रिया की सहायता से चट्टानों की आयु का पता लगाया जाता है।

29. पृथ्वी की आयु का मापन निम्न में से किस विधि द्वारा किया जाता है? [U.P.P.C.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (d) यूरेनियम विधि
Solution:पृथ्वी, पुरानी चट्टानों आदि की आयु ज्ञात करने के लिए यूरेनियम का प्रयोग किया जाता है। इसे 'यूरेनियम द्वारा आयु अंकन' (Dating by Uranium) कहते हैं। कार्बन डेटिंग विधि द्वारा कार्बनिक पदार्थों की आयु ज्ञात की जाती है।

30. एक कार्बन क्रेडिट समतुल्य है - [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (c) 1000 किग्रा. CO₂
Solution:अंतरराष्ट्रीय उत्सर्जन व्यापार के तहत देशों को यह अनुमति दी गई कि अगर वे अपने लिए तय उत्सर्जन कटौती का पालन नहीं कर पाते तो इसे पूरा करने के लिए 'अंतरराष्ट्रीय कार्बन क्रेडिट' बाजार से इसे खरीद सकते हैं। अतिरिक्त यूनिट की कटौती करने वाले देश इसे उन देशों को बेच सकते हैं. जो कम कटौती कर रहे है। इससे कार्बन क्रेडिट कहलाने वाली नई कार्बन मुद्रा अस्तित्व में आई। एक कार्बन क्रेडिट, एक टन (1000 किग्रा.) कार्बन डाइऑक्साइड या उसके समतुल्य गैसों के बराबर होता है।