Correct Answer: (d) धर्मशास्त्र के समय में
Solution:धर्मशास्त्रों के समय में (सूत्र काल में) चार वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र) के अतिरिक्त समाज में अन्य अनेक जातियों यथा-अम्बष्ठ, उग्र, निषाद, मागध, वैदेहक, रथकार आदि का आविर्भाव अनुलोम एवं प्रतिलोम विवाहों के फलस्वरूप हो गया। पाणिनि ने दो प्रकार के शूद्रों का उल्लेख किया है-निरवसित एवं अनिरवसित। इनमें पहले प्रकार के शूद्र ही अस्पृश्य माने जाते थे।