वैदिक काल (UPPCS) (Part-2)

Total Questions: 55

31. पुराणों की संख्या है - [U.P.P.S.C. (GIC) 2010 & U.P.P.C.S. (Pre) 2009]

Correct Answer: (b) 18
Solution:पुराणों की संख्या 18 है। इनकी रचना लोमहर्ष ऋषि तथा उनके पुत्र उग्रश्रवा द्वारा की गई थी।

32. पुराणों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2023]

1. विष्णु पुराण से मौर्य वंश की जानकारी मिलती है।

2. वायु पुराण गुप्त वंश की शासन व्यवस्था पर प्रकाश डालता है।

Correct Answer: (d) दोनों 1 तथा 2
Solution:विष्णु पुराण से मौर्य वंश की जानकारी मिलती है, जबकि वायु, विष्णु और ब्राह्मण से गुप्त वंश की जानकारी प्राप्त होती है। वायु पुराण से गुप्त वंश की शासन व्यवस्था पर प्रकाश पड़ता है।

33. 'श्रीम‌द्भागवद्गीता' मौलिक रूप में किस भाषा में लिखी गई थी ? [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]

Correct Answer: (a) संस्कृत
Solution:'श्रीम‌द्भागवद्‌गीता' मौलिक रूप से संस्कृत भाषा में लिखी गई थी। यह प्राचीन धार्मिक ग्रंथ 'महाभारत' का एक भाग है।

34. महाभारत मूलतः किस रूप में जानी जाती थी? [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014]

Correct Answer: (d) जयसंहिता
Solution:महाभारत के प्रारंभिक रचना काल में 8,800 श्लोक थे और इसे 'जयसंहिता' के नाम से जाना जाता था। महाभारत का दूसरा संस्करण 'भारत' था, जिसमें श्लोकों की संख्या 24,000 थी। वर्तमान महाभारत में एक लाख श्लोक प्राप्त हैं। यह इसका अंतिम संस्करण है, जिसे 'शतसहस्री संहिता' या 'महाभारत' कहा गया।

35. शतसाहस्त्री-संहिता उपनाम निम्नलिखित में से किस ग्रंथ का है? [U.P.B.E.O. (Pre) 2019]

Correct Answer: (d) महाभारत
Solution:महाभारत के प्रारंभिक रचना काल में 8,800 श्लोक थे और इसे 'जयसंहिता' के नाम से जाना जाता था। महाभारत का दूसरा संस्करण 'भारत' था, जिसमें श्लोकों की संख्या 24,000 थी। वर्तमान महाभारत में एक लाख श्लोक प्राप्त हैं। यह इसका अंतिम संस्करण है, जिसे 'शतसहस्री संहिता' या 'महाभारत' कहा गया।

36. हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन हेतु किस सर्प ने रस्सी के रूप में स्वयं को प्रस्तुत किया? [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]

Correct Answer: (b) वासुकी
Solution:हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन हेतु मथानी के रूप में मंद्राचल पर्वत तथा रस्सी के रूप में सर्पों के राजा वासुकी का प्रयोग किया गया था।

37. किस काल में अछूत की अवधारणा स्पष्ट रूप से उद्धृत हुई थी? [39th B.P.S.C. (Pre) 1994]

Correct Answer: (d) धर्मशास्त्र के समय में
Solution:धर्मशास्त्रों के समय में (सूत्र काल में) चार वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र) के अतिरिक्त समाज में अन्य अनेक जातियों यथा-अम्बष्ठ, उग्र, निषाद, मागध, वैदेहक, रथकार आदि का आविर्भाव अनुलोम एवं प्रतिलोम विवाहों के फलस्वरूप हो गया। पाणिनि ने दो प्रकार के शूद्रों का उल्लेख किया है-निरवसित एवं अनिरवसित। इनमें पहले प्रकार के शूद्र ही अस्पृश्य माने जाते थे।

38. 'सत्यमेव जयते' शब्द किस उपनिषद से लिए गए हैं? [U.P.P.C.S. (Spl.) (Pre) 2004 & U.P.P.C.S. (Mains) 2004]

Correct Answer: (a) मुंडकोपनिषद
Solution:'सत्यमेव जयते' शब्द मुंडकोपनिषद से लिया गया है, जिसका अर्थ है-'सत्य की ही विजय होती है।' यह भारत के राजचिह्न पर भी अंकित है।

39. 'सत्यमेव जयते' शब्द कहां से लिया गया है ? [U.P.P.C.S. (Pre) 1991 & M.P. P.C.S. (Pre) 1992, 1994 & I.A.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (d) मुंडक उपनिषद
Solution:'सत्यमेव जयते' शब्द मुंडकोपनिषद से लिया गया है, जिसका अर्थ है-'सत्य की ही विजय होती है।' यह भारत के राजचिह्न पर भी अंकित है।

40. भारतीय प्रतीक पर उत्कीर्ण 'सत्यमेव जयते' लिया गया है- [U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]

Correct Answer: (c) मुंडकोपनिषद से
Solution:'सत्यमेव जयते' शब्द मुंडकोपनिषद से लिया गया है, जिसका अर्थ है-'सत्य की ही विजय होती है।' यह भारत के राजचिह्न पर भी अंकित है।