शब्द-शक्ति

परिभाषा

Total Questions: 12

1. 'शब्द का अर्थबोध कराने वाला' कौन-सा शब्द है? [BPSC, स्कूल टीचर परीक्षा-2023]

Correct Answer: (a) शब्द-शक्ति
Solution:किसी शब्द का अर्थबोध तीन प्रकार से हो सकता है- अभिधा, लक्षणा, व्यंजना के द्वारा। शब्द का बोध इस आधार पर जिनके द्वारा कराया जाता है, उन्हें शब्द-शक्ति कहते हैं।

2. जिस शब्द को सुन कर हम उसके प्रचलित और निश्चित् अर्थ को तुरन्त समझ लेते हैं, उसे ......कहते हैं। [MPSI (SI) Exam, 28 Oct 2017 (09:00 AM)]

Correct Answer: (b) अभिधा शब्द शक्ति
Solution:जिस शब्द को सुनकर हम उसके प्रचलित और निश्चित् अर्थ को तुरन्त समझ लेते हैं, उसे 'अभिधा' शब्द-शक्ति कहते हैं। अभिधा वह शक्ति है, जिससे मुख्य अर्थ का बोध होता है। मुख्य या प्रथम अर्थ का बोध कराने के कारण अभिधा को मुख्या और अन्तिमा भी कहा जाता है।

3. रूढ़, यौगिक और योगरूढ़ शब्दों का अर्थ बोध किस शब्द शक्ति से होता है? [MPSI Exam, 08 Sep 2016 (02:00 PM)]

Correct Answer: (c) अभिधा
Solution:जिस शक्ति के माध्यम से शब्द का साक्षात् संकेतित (पहला/मुख्य/प्रसिद्ध, प्रचलित, पूर्वविदित) अर्थ बोध हो, उसे 'अभिधा' कहते हैं। इस शब्द-शक्ति के द्वारा तीन प्रकार के शब्दों का बोध होता है- रूढ़ शब्द जैसे- कृष्ण, यौगिक शब्द जैसे- पाठशाला और योगरूढ़ शब्द जैसे- जलज ।

4. सही कथन बताएँ- [MPSI (SI) Exam, 28th oct 2017 (02:00 PM)]

Correct Answer: (c) 'पारिभाषिक शब्द सिर्फ अभिधार्थ में ही ग्रहण किए जाते हैं।'
Solution:'पारिभाषिक शब्द सिर्फ अभिधार्थ में ही ग्रहण किए जाते हैं।' प्रश्नगत् सभी वाक्यों में उक्त वाक्य शुद्ध है।

5. शब्द में जहाँ मूल अर्थ नहीं, बल्कि उसका व्यंग्यार्थ अभिप्रेत होता है, वहाँ कौन-सी शब्द-शक्ति होती है? [UGC हिन्दी तृतीय प्रश्न-पत्र दिसम्बर, 2014]

Correct Answer: (c) व्यंजना
Solution:शब्द में जहाँ मूल अर्थ नहीं बल्कि उसका व्यंग्यार्थ अभिप्रेत होता है, वहाँ व्यंजना शक्ति होती है। जिस शब्द से व्यंजना शक्ति द्वारा व्यंग्यार्थ की प्रतीति होती है, वह व्यंजन शब्द और प्रतीत अर्थ व्यंग्यार्थ कहलाता है।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

लक्षणा शक्ति में मुख्य अर्थ गौण हो जाता है और अमुख्य अर्थ प्रधान जबकि अभिधा शक्ति में मुख्यार्थ ही प्रधान होता है।

लक्षणा शक्ति के दो प्रकार होते हैं-

(1) रूढ़ा- यह अर्थ ग्रहण से सम्बन्धित है।

(2) प्रयोजनवती - इसमें वक्ता का प्रयोजन स्फुट और सक्रिय रहता है।

6. शब्द शक्ति के मुख्यतः कितने भेद हैं? [उत्तराखण्ड P.G.T. (परीक्षा)-2020]

Correct Answer: (b) तीन
Solution:शब्द शक्ति के तीन भेद होते हैं- अभिधा, लक्षणा तथा व्यंजना। साक्षात् सांकेतिक अर्थ को प्रकट करने वाली शब्द-शक्ति को 'अभिधा' कहते हैं। मुख्यार्थ का बाधा होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के कारण मुख्यार्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ का बोध कराने वाली शब्द-शक्ति को 'लक्षणा' कहते हैं। अभिधा और लक्षणा शब्द-शक्ति के असमर्थ होने पर जिस शब्द-शक्ति से अभीष्ट अर्थ व्यंग्यार्थ की प्राप्ति हो, उसे 'व्यंजना शब्द शक्ति' कहते हैं।

7. शब्द की जिस शक्ति से उसके संकेतित अर्थ का बोध हो, वहाँ कौन-सी शब्द-शक्ति होती है? [BPSC, स्कूल टीचर परीक्षा-2023]

Correct Answer: (b) अभिधा
Solution:शब्द की जिस शक्ति से उसके संकेतित अर्थ का बोध हो, वहाँ अभिधा शब्द-शक्ति होती है। संकेतित अर्थ से तात्पर्य है- प्रसिद्ध अर्थ / साधारण अर्थ / व्यावहारिक अर्थ। अभिधा शब्द शक्ति से पाठक या श्रोता वास्तविक अर्थ को ग्रहण करता है।

8. शब्द की जिस शक्ति से उसके सांकेतिक अर्थ का बोध हो, वहाँ कौन-सी शब्द-शक्ति होती है? [UGC हिन्दी द्वितीय प्रश्न-पत्र दिसम्बर, 2019]

Correct Answer: (a) अभिधा
Solution:शब्द का जिस शक्ति से उसके सांकेतिक अर्थ का बोध हो, वहाँ 'अभिधा शब्द-शक्ति' होती है। अभिधा शक्ति द्वारा जिन शब्दों की अर्थव्यक्ति होती है, वे तीन प्रकार के माने गए हैं- रूढ़, यौगिक, योगरूढ़। शब्द शक्तियाँ तीन प्रकार की मानी गई हैं- अभिधा, लक्षणा, व्यंजना।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • मुख्यार्थ या वाच्यार्थ में बाधा या व्याघात होने पर रूढ़ि या प्रयोजन के सहारे उससे सम्बन्धित जहाँ अन्य अर्थ लक्षित होता है, वहाँ पर लक्षणा शब्द शक्ति होती है।
  • मुख्यार्थ को छोड़कर जहाँ पर रूढ़ि या प्रचलन के कारण अन्य अर्थ ग्रहण किया जाता है वहाँ रूढ़िवती लक्षणा होती है।
  • अभिधा और लक्षणा शक्तियों के अपना अर्थबोध कराने के बाद जिस शक्ति से अन्य अर्थ का बोध होता है, उसे व्यंजना शब्द शक्ति कहते हैं।

9. शब्द में जहाँ मूल अर्थ नहीं, बल्कि उसका व्यंग्यार्थ अभिप्रेत होता है, वहाँ कौन-सी शब्द-शक्ति होती है? [UGC हिन्दी तृतीय प्रश्न-पत्र दिसम्बर, 2014]

Correct Answer: (c) व्यंजना
Solution:शब्द में जहाँ मूल अर्थ नहीं बल्कि उसका व्यंग्यार्थ अभिप्रेत होता है, वहाँ व्यंजना शब्द-शक्ति होती है। जिस शब्द से व्यंजना शक्ति द्वारा व्यंग्यार्थ की प्रतीति होती है, वह व्यंजन शब्द और प्रतीत अर्थ व्यंग्यार्थ कहलाता है।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • अभिधा शक्ति को उद्भट ने इस प्रकार परिभाषित किया है-

'शब्दामभिधानं अभिधाव्यापारो मुख्यों गुणवृश्रश्च"

  • लक्षणा शक्ति में मुख्य अर्थ गौण हो जाता है और अमुख्य अर्थ प्रधान, जबकि अभिधा शक्ति में मुख्यार्थ ही प्रधान होता है।
  • लक्षणा शक्ति के दो प्रकार होते हैं-

(1) रूढ़ा- यह अर्थ ग्रहण से सम्बन्धित है।

(2) प्रयोजनवती - इसमें वक्ता का प्रयोजन स्फुट और सक्रिय रहता है।

10. निम्नलिखित में से कौन-सी लक्षणा की विशेषता है? [BPSC, स्कूल टीचर परीक्षा-2023]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त में से एक से अधिक
Solution:शब्द शक्तियाँ तीन प्रकार की होती हैं- अभिधा, लक्षणा तथा व्यंजना। लक्षणा शब्द-शक्ति वहाँ होती है, जहाँ लक्षक या लाक्षणिक शब्द का प्रयोग होता है। मुख्यार्थ बाधित होने पर तथा रूढ़ि अथवा प्रयोजन के कारण जिस शक्ति (क्रिया) के द्वारा मुख्य अर्थ से सम्बन्ध रखने वाला अन्य अर्थ लक्षित हो, उसे लक्षणा-व्यापार शक्ति कहते हैं।