संविधान संशोधन (भाग-2) (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 28

21. संविधान की मूल संरचना' की अवधारणा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किस वाद में प्रतिपादित की गई थी? [U.P.P.C.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (c) केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य 1973 में
Solution:भारत के उच्चतम न्यायालय ने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य वाद (1973) में सर्वप्रथम संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत का प्रतिपादन किया। इस वाद में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह कहा कि संविधान के मौलिक ढांचे की अवधारणा के तहत संविधान के किसी भी संशोधन पर उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रश्न उठाया जा सकता है, यदि वह संशोधन संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता प्रतीत हो।

22. भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 'संविधान के आधारभूत ढांचे' के सिद्धांत को स्पष्ट किया है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2016 U.P.P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (d) केशवानंद भारती वाद 1973 में
Solution:भारत के उच्चतम न्यायालय ने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य वाद (1973) में सर्वप्रथम संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत का प्रतिपादन किया। इस वाद में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह कहा कि संविधान के मौलिक ढांचे की अवधारणा के तहत संविधान के किसी भी संशोधन पर उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रश्न उठाया जा सकता है, यदि वह संशोधन संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता प्रतीत हो।

23. भारत में, नागरिकों के मौलिक अधिकारों में संशोधन कौन कर सकता है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (c) संसद
Solution:भारत के उच्चतम न्यायालय ने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य वाद (1973) में सर्वप्रथम संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत का प्रतिपादन किया। इस वाद में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह कहा कि संविधान के मौलिक ढांचे की अवधारणा के तहत संविधान के किसी भी संशोधन पर उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रश्न उठाया जा सकता है, यदि वह संशोधन संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता प्रतीत हो।

24. भारतीय संविधान की आधारभूत संरचना के सिद्धांत का तात्पर्य है कि_ [I.A.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (a) संविधान के कुछ लक्षण ऐसे अनिवार्य हैं कि उनका निराकरण नहीं किया जा सकता।
Solution:भारतीय संविधान की आधारभूत संरचना के सिद्धांत का तात्पर्य है कि संविधान के कुछ लक्षण ऐसे अनिवार्य हैं, जिन्हें समाप्त या परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। उच्चतम न्यायालय ने सर्वप्रथम केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य वाद, 1973 के अपने फैसले में यह स्पष्ट कर दिया कि संविधान के कुछ आधारिक या मूलभूत लक्षण हैं, जिनका किसी भी स्थिति में संशोधन नहीं किया जा सकता है।

25. संविधान का कौन-सा संशोधन यह प्रावधानित करता है कि कोई कानून जो राज्य के उन नीति निदेशक सिद्धांतों को जो अनुच्छेद 39(b) और (c) में वर्णित हैं, प्रभावी बनाने हेतु पारित किया जाए, इस कारण से निरस्त नहीं किया जाएगा कि वह अनुच्छेद 14 और 19 में प्रदत्त अधिकारों को सीमित करता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (a) 25वां संशोधन
Solution:संविधान के 25वें संशोधन (1971) द्वारा संविधान में जोड़े गए अनुच्छेद 31-C (31-ग) के तहत यह प्रावधान किया गया कि अनुच्छेद 39(b) और (c) में वर्णित राज्य के नीति निदेशक तत्वों को प्रभावी बनाने हेतु पारित किया गया कानून, इस कारण से निरस्त नहीं किया जाएगा कि वह अनुच्छेद 14, 19 या 31 (अनु. 31, 44वें संशोधन द्वारा निरसित) में प्रदत्त अधिकारों को सीमित करता है।

26. निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए : [R.A.S/R.T.S. (Pre) 2013]

I. 44वें सवैधानिक संशोधन, 1978 द्वारा राज्य नीति के सभी निदेशक तत्वों को अनुच्छेद 14 एवं 19 में उल्लिखित मूल अधिकारों पर प्राथमिकता प्रदान की गई है।

II. मिनर्वा मिल्स वाद, 1980 के निर्णय में उच्चतम न्यायालय ने यह व्यवस्था दी है कि केवल अनुच्छेद 39 (ख) एवं (ग) में उल्लिखित राज्य नीति के निदेशक तत्वों को अनुच्छेद 14 एवं 19 में उल्लिखित मूल अधिकारों पर प्राथमिकता संवैधानिक है।

Correct Answer: (c) केवल II सही है।
Solution:42वें संविधान संशोधन अधिनियम (1976) के द्वारा अनुच्छेद 31-ग का विस्तार कर राज्य नीति के सभी निदेशक तत्वों की प्राथमिकता एवं सर्वोच्चता को मूल अधिकारों पर प्रभावी बनाया गया (उन अधिकारों पर, जिनका उल्लेख अनुच्छेद 14, 19 एवं 31 में है)। हालांकि इस विस्तार को उच्चतम न्यायालय द्वारा मिनर्वा मिल्स मामले (1980) में असंवैधानिक एवं अवैध घोषित कर दिया गया, लेकिन अनुच्छेद 14 एवं अनुच्छेद 19 द्वारा स्थापित मूल अधिकारों को 39 (ख) और (ग) में बताए गए निदेशक तत्वों के अधीनस्थ माना गया। अनुच्छेद 31 (संपत्ति का अधिकार) को 44वें संविधान संशोधन अधिनियम (1978) द्वारा निरसित कर दिया गया। अतः कथन I गलत तथा कथन II सही है।

27. संविधान (98वां संशोधन) विधेयक किससे संबद्ध है? [I.A.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (b) राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन
Solution:संविधान का 98वां संशोधन विधेयक उच्चतर न्यायालयों के न्यायाधीशों 9 की नियुक्ति एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्थानांतरण के संबंध में प्रक्रिया हेतु राजग सरकार के कार्यकाल में (तत्कालीन कानून मंत्री अरुण जेटली द्वारा) वर्ष 2003 में लोक सभा में प्रस्तुत किया गया था। इसमें राष्ट्रीय न्यायिक आयोग (NJC) की स्थापना हेतु प्रावधान किए गए थे। हालांकि मई, 2004 में 13वीं लोक सभा के भंग होने के कारण यह विधेयक व्यपगत हो गया था।

28. भारत में 2013 तक कितने संविधान संशोधनों का क्रियान्वयन हो चुका है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2014]

Correct Answer: (d) 98
Solution:भारत में मई, 2013 तक 98 संविधान संशोधनों का क्रियान्वयन हो ने चुका था, जबकि अब तक (मार्च, 2024 तक) भारतीय संविधान में 106 संविधान संशोधन हो चुके हैं। 28 सितंबर, 2023 को लोक सभा, राज्य विधानसभाओं एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधान सभा में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटों के आरक्षण का उपबंध करने वाला संविधान (106वां संशोधन) अधिनियम, 2023 अधिसूचित किया गया।