संविधान संशोधन (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

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11. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: [I.A.S. (Pre) 2013]

1. भारत के संविधान में संशोधन केवल लोक सभा में एक विधेयक की पुरःस्थापना द्वारा ही प्रारंभ किया जा सकता है।

2. यदि ऐसा संशोधन संविधान के संघीय चरित्र में परिवर्तन की मांग करता है, तो संशोधन का अनुसमर्थन भारत के सभी राज्यों के विधानमंडल द्वारा किया जाना भी आवश्यक है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (d) न तो 1 और न ही 2
Solution:संविधान के अनुच्छेद 368 (2) के अनुसार, संविधान संशोधन विधेयक संसद के किसी सदन में पुरःस्थापित किया जा सकेगा। अतः कथन-1 गलत है। संघीय चरित्र में परिवर्तन से संबंधित संशोधन कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थित होना चाहिए न कि सभी राज्य विधानमंडलों द्वारा [अनुच्छेद 368(2) का परंतुक]। अतः कथन-2 भी गलत है।

12. सांविधानिक संशोधन प्रक्रिया के संदर्भ में कौन-सा सुमेलित नहीं है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2017]

i. केंद्र और राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार।

ii. सर्वोच्च और उच्च न्यायालय ।

iii. राष्ट्रपति का निर्वाचन।

iv. राष्ट्रपति की योग्यता।

v. राष्ट्रपति के पद की शर्तें।

vi. राष्ट्रपति का कार्यकाल ।

vii. केंद्र व राज्यों के मध्य विधायी शक्तियों का बंटवारा।

viii. संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व ।

Correct Answer: (d) iv V vi
Solution:राष्ट्रपति की योग्यता, राष्ट्रपति के पद की शर्तें और राष्ट्रपति के कार्यकाल जैसे विषय विशेष सांविधानिक संशोधन प्रक्रिया (कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों के अनुसमर्थन के साथ) के अंतर्गत नहीं आते हैं, इनमें कोई भी परिवर्तन संसद के द्वारा (बगैर राज्यों के अनुसमर्थन के) किया जा सकता है।

13. निम्नलिखित में से कौन-सा संविधान संशोधन पहला सवैधनिक संशोधन था, जिसे संविधान के अनुच्छेद 368 (2) के परंतुक की अपेक्षाओं के अनुरूप राज्य विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थित किया गया? [M.P.P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (c) तृतीय संविधान संशोधन, 1954
Solution:भारत के संविधान के अनुच्छेद 368 में संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया का उपबंध किया गया है। अनुच्छेद 368(2) के परंतुक के अनुसार, संविधान के निम्नलिखित उपबंधों-

(क) अनुच्छेद 54, अनुच्छेद 55, अनुच्छेद 73, अनुच्छेद 162, अनुच्छेद 241 या अनुच्छेद 279 क में, या

(ख) भाग 5 के अध्याय 4, भाग 6 के अध्याय 5 या भाग 11 के अध्याय 1 में, या

(ग) सातवीं अनुसूची की किसी सूची में, या

(घ) संसद में राज्यों के प्रतिनिधित्व में, या

(ङ) अनुच्छेद 368 के उपबंधों में

संशोधन करने के लिए उपबंध करने वाले विधेयक के संसद के दोनों सदनों के द्वारा अपेक्षित रूप से पारित किए जाने के बाद राष्ट्रपति के समक्ष अनुमति के लिए प्रस्तुत किए जाने से पहले, उस संशोधन के लिए कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों द्वारा उसका अनुसमर्थन भी अपेक्षित है।

तृतीय संविधान संशोधन अधिनियम, 1954 द्वारा सातवीं अनुसूची की सूची 3 (समवर्ती सूची) की प्रविष्टि 33 में संशोधन किया गया, जो कि अनु. 368(2) के परंतुक के अधीन पहला संशोधन था।

14. उस स्थिति में जबकि लोक सभा द्वारा पारित किसी संविधान संशोधन विधेयक को उच्च सदन ने अस्वीकार कर दिया हो, तब- [U.P.P.C.S. (Mains) 2004]

Correct Answer: (a) विधेयक अंतिम रूप से समाप्त हो जाता है।
Solution:संविधान संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों द्वारा अलग-अलग विशेष बहुमत से स्वीकृत किया जाना आवश्यक है। किसी एक सदन द्वारा पारित होने तथा फिर दूसरे सदन द्वारा अस्वीकृत होने अर्थात दोनों सदनों में असहमति की स्थिति में विधेयक अंतिम रूप से समाप्त हो जाएगा, क्योंकि संविधान संशोधन के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की संविधान में कोई व्यवस्था नहीं है।

15. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2022]

1. किसी संविधान संशोधन विधेयक को भारत के राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश की अपेक्षा होती है।

2. जब कोई संविधान संशोधन विधेयक भारत के राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है, तो भारत के राष्ट्रपति के लिए यह बाध्यकर है कि वे अपनी अनुमति दें।

3. संविधान संशोधन विधेयक लोक सभा और राज्य सभा दोनों द्वारा विशेष बहुमत से पारित होना ही चाहिए और इसके लिए संयुक्त बैठक का कोई उपबंध नहीं है। उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं?

Correct Answer: (b) केवल 2 और 3
Solution:संविधान के अनुच्छेद 368 (2) के प्रावधानों के अनुसार, संविधान संशोधन विधेयक को संसद के किसी भी सदन में लाया जा सकता है। ऐसे विधेयक के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश की आवश्यकता नहीं होती। संविधान संशोधन विधेयक को अपेक्षित रूप से संसद द्वारा पारित (एवं आवश्यक होने पर कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थित) होने के पश्चात राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किए जाने पर यह राष्ट्रपति के लिए बाध्यकर है कि वे उस विधेयक पर अपनी अनुमति दें। वह विधेयक को न तो अपने पास रोक सकते हैं और न ही संसद के पास पुनर्विचार के लिए भेज सकते हैं। संविधान संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों में अलग-अलग विशेष बहुमत (संबंधित सदन की कुल सदस्य संख्या के बहुमत तथा उस सदन के उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के कम-से-कम दो-तिहाई बहुमत) से पारित कराना अनिवार्य है। इस विधेयक पर दोनों सदनों के बीच असहमति होने पर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में विधेयक को पारित कराने का प्रावधान नहीं है। अतः कथन 1 असत्य है, जबकि कथन 2 और 3 सत्य हैं।

16. संविधान संशोधनों से संबंधित निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]

(i) अनुच्छेद 368 में संविधान संशोधन की दो विधियों का उल्लेख है।

(ii) संविधान संशोधन विधेयक केवल लोक सभा में ही प्रारंभ किया जा सकता है।

(iii) संविधान संशोधन विधेयक पर संसद के दोनों सदनों के बीच विवाद की दशा में, दोनों सदनों की संयुक्त बैठक आहूत की जा सकती है।

(iv) राष्ट्रपति संविधान संशोधन विधेयक पर निषेधाधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

Correct Answer: (b) केवल (i) एवं (iv)
Solution:संविधान के अनुच्छेद 368 (2) के तहत संविधान संशोधन की दो विधियां दी गई हैं-पहला, प्रत्येक सदन की कुल सदस्य संख्या के बहुमत तथा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के कम-से-कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा, और दूसरा, इस प्रकार पारित संशोधन विधेयक के कम-से-कम आधे राज्य विधानमंडलों के अनुसमर्थन द्वारा। संविधान संशोधन विधेयक संसद के किसी भी सदन में प्रारंभ किया जा सकता है। दोनों सदनों में विवाद की स्थिति में संयुक्त बैठक का प्रावधान संविधान संशोधन विधेयक के संबंध में नहीं है। साथ ही संविधान संशोधन विधेयक पर राष्ट्रपति को अनुमति देनी होगी, उसे निषेधाधिकार प्राप्त नहीं है।

17. संविधान संशोधन करने के विधेयक को वीटो करने की राष्ट्रपति की शक्ति "सहमति देनी होगी" शब्द से स्थानापन्न करके किस संशोधन द्वारा छीन ली गई है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) (Re-Exam) 2013]

Correct Answer: (c) चौबीसवां संशोधन
Solution:संविधान (24वां संशोधन) अधिनियम, 1971 द्वारा अनुच्छेद 368 के खंड (2) में संशोधन करके संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित संविधान संशोधन विधेयक को वीटो कर सकने की राष्ट्रपति की शक्ति को छीन लिया गया। अनुच्छेद 368(2) के अनुसार, इस संविधान के संशोधन का आरंभ संसद के किसी सदन में इस प्रयोजन के लिए विधेयक पुरःस्थापित करके ही किया जा सकेगा और जब वह विधेयक प्रत्येक सदन में उस सदन की कुल सदस्य संख्या के बहुमत द्वारा तथा उस सदन के उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के कम-से-कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा पारित कर दिया जाता है, तब 'वह राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जो विधेयक को अपनी अनुमति देगा और तब' संविधान उस विधेयक के निर्बंधनों के अनुसार, संशोधित हो जाएगा। परंतु कतिपय मामलों में विधेयक को राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत करने से पूर्व कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों द्वारा पारित इस आशय के संकल्पों द्वारा उन विधानमंडलों का अनुसमर्थन भी अपेक्षित होगा।

18. भारत के संविधान के अनुच्छेद 368 के संबंध में कौन-सा कथन सही है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2020]

I. 24वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1971 के द्वारा अनुच्छेद 368 संशोधित किया गया था।

II. 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के द्वारा अनुच्छेद 368 संशोधित किया गया था।

Correct Answer: (c) I एवं II दोनों सही हैं।
Solution:24 वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1971 के द्वारा भाग 20 के संविधान के संशोधन संबंधी अनुच्छेद 368 में 'संविधान में संशोधन करने की प्रक्रिया' के साथ 'संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति' जोड़ी गई तथा राष्ट्रपति को संसद द्वारा पारित संविधान संशोधन विधेयक पर स्वीकृति देने हेतु बाध्य बनाया गया। इसके अतिरिक्त इसी संशोधन से अनुच्छेद 368 में खंड (3) के तहत यह प्रावधानित किया गया कि अनुच्छेद 13 की कोई बात इस अनुच्छेद के अधीन किए गए किसी संशोधन को लागू नहीं होगी।

101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 द्वारा अनुच्छेद 368 के खंड (2) के परंतुक के भाग (क) के अनुच्छेदों में अनुच्छेद 279 क को शामिल कर माल और सेवा कर परिषद संबंधी संवैधानिक प्रावधानों में संशोधन हेतु कम से कम आधे राज्यों के विधान मंडलों का अनुसमर्थन भी अपेक्षित किया गया।

19. भारतीय संविधान के लिए प्रथम संशोधन विधेयक (Amendment Bill) लाया गया- [38th B.P.S.C. (Pre) 1992]

Correct Answer: (b) 1951
Solution:भारतीय संविधान के लिए प्रथम संशोधन विधेयक 10 मई, 1951 को संसद में प्रस्तुत किया गया था तथा यह पारित होकर जून, 1951 में अधिनियमित हुआ था। प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम, 1951 द्वारा अनुच्छेद 15, 19, 85, 87, 174, 176, 341, 342, 372 एवं 376 में संशोधन किया गया तथा दो नए अनुच्छेद 31-क एवं 31-ख और नौवीं अनुसूची को संविधान में जोड़ा गया।

20. संविधान का प्रथम संशोधन जो वर्ष 1951 में पारित हुआ, निम्न में से किससे संबंधित था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (c) कुछ राज्यों में किए गए कृषि व कृषि-भूमि संबंधी सुधारों के संरक्षण से।
Solution:भारतीय संविधान के प्रथम संशोधन, 1951 द्वारा संविधान में दो नए अनुच्छेदों 31-क एवं 31-ख तथा नौवीं अनुसूची को शामिल किया गया, ताकि कुछ राज्यों में कृषि एवं कृषि-भूमि संबंधी सुधारों के संरक्षण हेतु बनाए गए भूमि सुधार कानूनों को चुनौती न दी जा सके।