संविधान संशोधन (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 50

31. भारतीय संविधान के 42वें संशोधन के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए [69th B.P.S.C. (Pre) 2023]

1. इसने प्रस्तावना में तीन शब्द जोड़े 'समाजवाद', 'धर्मनिरपेक्ष' और 'अखंडता'।

2. इसने संविधान में आठ मौलिक कर्तव्य जोड़े।

3. इसने नए निदेशक-सिद्धांत जोड़े, यानी, अनुच्छेद 39A, अनुच्छेद 43A और अनुच्छेद 471

4. इसके द्वारा राष्ट्रपति को चुनाव आयोग के परामर्श से राज्य विधानसभाओं/मंडलों के सदस्यों को अयोग्य घोषित करने का अधिकार प्रदान किया गया।

उपर्युक्त में से कौन-से कथन गलत हैं?

Correct Answer: (c) 2 और 3
Solution:42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान के बहुत सारे प्रावधानों में परिवर्तन किया गया था तथा अनेक नए प्रावधान भी जोड़े गए थे। इसलिए इसे 'लघु संविधान' की संज्ञा दी गई। इसके जरिए निम्नलिखित प्रावधान जोड़े गए या संशोधित किए गए। • इसने प्रस्तावना में तीन नए शब्द जोड़े- समाजवादी, पंथनिरपेक्ष (धर्मनिरपेक्ष) एवं अखंडता ।

• इसने संविधान में 10 मौलिक कर्त्तव्य जोड़े

• तीन नए नीति निदेशक सिद्धांत जोड़े गए- समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता (अनुच्छेद 39A), उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना (अनुच्छेद 43A) एवं पर्यावरण का संरक्षण और संवर्द्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा (अनुच्छेद 48A)।

इसके द्वारा अनुच्छेद 192 को प्रतिस्थापित कर राष्ट्रपति को चुनाव आयोग के परामर्श से राज्य विधानसभाओं/मंडलों के सदस्यों को अयोग्य घोषित करने का अधिकार प्रदान किया गया था, परंतु 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा यह अधिकार पुनः राज्यपाल को दिया गया।

इस प्रकार प्रश्नगत कथनों में कथन 1 और 4 सही हैं, जबकि कथन 2 और 3 गलत हैं।

32. निम्न में से कौन-सा एक संवैधानिक संशोधन मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2003]

Correct Answer: (a) 42वां
Solution:भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों का समावेश 42 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर किया गया। इनका वर्णन भारतीय संविधान के भाग 4-क के अंतर्गत अनुच्छेद 51-क में किया गया है। आरंभ में मौलिक कर्तव्यों की संख्या 10 थी, किंतु वर्तमान में (86वें संविधान संशोधन, 2002 से) इनकी संख्या 11 है। इन्हें मूलतः सोवियत संघ के संविधान से लिया गया है।

33. 44वें संविधान संशोधन के संबंध में क्या सही नहीं है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (e) (c) & (d)
Solution:44वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 जनता पार्टी सरकार (1977- 79) द्वारा लाया गया था। इसके तहत मुख्य रूप से संविधान में 42वें संविधान संशोधन द्वारा किए गए कई संशोधनों में परिवर्तन किया गया। 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान के अनुच्छेद 74 के खंड (1) के तहत मंत्रिपरिषद की सलाह को राष्ट्रपति के लिए पहली बार बाध्यकारी किया गया था। अतः 42वें संविधान संशोधन द्वारा ही पहली बार यह स्पष्ट किया गया था कि राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सुझाव के विपरीत कार्य नहीं कर सकता है। 44वें संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से अनुच्छेद 74 के खंड (1) में एक परंतुक जोड़कर यह प्रावधान किया गया कि राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह को एक बार पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है, लेकिन यदि मंत्रिपरिषद पुनर्विचार के बाद वही सलाह दोबारा राष्ट्रपति को भेजती है, तो राष्ट्रपति ऐसी सलाह के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य है। अतः 44वें संविधान संशोधन के संदर्भ में प्रश्नगत कथनों में से कथन (c) और (d) दोनों सही नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि इस प्रश्न के हिंदी संस्करण में 'मंत्रिमंडल' शब्द है, जबकि अंग्रेजी संस्करण में 'Council of Ministers' (मंत्रिपरिषद) शब्द प्रयुक्त है। यहां पर व्याख्या प्रश्न के अंग्रेजी संस्करण के अनुरूप की गई है।

34. भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से किस एक संशोधन द्वारा राष्ट्रपति को कोई भी मामला मंत्रिपरिषद द्वारा पुनर्विचार किए जाने के लिए वापस भेजने का अधिकार दिया गया है? [I.A.S. (Pre) 2002]

Correct Answer: (d) 44 वें
Solution:44वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 जनता पार्टी सरकार (1977- 79) द्वारा लाया गया था। इसके तहत मुख्य रूप से संविधान में 42वें संविधान संशोधन द्वारा किए गए कई संशोधनों में परिवर्तन किया गया। 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान के अनुच्छेद 74 के खंड (1) के तहत मंत्रिपरिषद की सलाह को राष्ट्रपति के लिए पहली बार बाध्यकारी किया गया था। अतः 42वें संविधान संशोधन द्वारा ही पहली बार यह स्पष्ट किया गया था कि राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सुझाव के विपरीत कार्य नहीं कर सकता है। 44वें संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से अनुच्छेद 74 के खंड (1) में एक परंतुक जोड़कर यह प्रावधान किया गया कि राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह को एक बार पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है, लेकिन यदि मंत्रिपरिषद पुनर्विचार के बाद वही सलाह दोबारा राष्ट्रपति को भेजती है, तो राष्ट्रपति ऐसी सलाह के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य है। अतः 44वें संविधान संशोधन के संदर्भ में प्रश्नगत कथनों में से कथन (c) और (d) दोनों सही नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि इस प्रश्न के हिंदी संस्करण में 'मंत्रिमंडल' शब्द है, जबकि अंग्रेजी संस्करण में 'Council of Ministers' (मंत्रिपरिषद) शब्द प्रयुक्त है। यहां पर व्याख्या प्रश्न के अंग्रेजी संस्करण के अनुरूप की गई है।

35. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2019]

1. भारत के संविधान के 44 वें संशोधन द्वारा लाए गए एक अनुच्छेद ने प्रधानमंत्री के निर्वाचन को न्यायिक पुनर्विलोकन के परे कर दिया।

2. भारत के संविधान के 99वें संशोधन को भारत के उच्चतम न्यायालय ने अभिखंडित कर दिया, क्योंकि यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अतिक्रमण करता था।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है / हैं?

Correct Answer: (b) केवल 2
Solution:वर्ष 1975 में 39वें संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा संविधान में अनुच्छेद 329-क को जोड़कर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभाध्यक्ष के निर्वाचन को न्यायिक पुनर्विलोकन से परे कर दिया गया था, जिसे 44वें संविधान संशोधन (1978) द्वारा निरसित कर दिया गया। अतः कथन 1 असत्य है।

99वें संविधान संशोधन अधिनियम (2014) द्वारा उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्थानांतरण के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन का प्रावधान किया गया था, जिसे अक्टूबर, 2015 में दिए अपने निर्णय में उच्चतम न्यायालय ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता का उल्लंघन मानते हुए असंवैधानिक करार दिया। अतः कथन 2 सही है।

36. राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग से संबंधित कौन-से संविधान संशोधन अधिनियम को उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने असंवैधानिक घोषित कर दिया था ? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (c) 99वां संविधान संशोधन अधिनियम
Solution:वर्ष 1975 में 39वें संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा संविधान में अनुच्छेद 329-क को जोड़कर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभाध्यक्ष के निर्वाचन को न्यायिक पुनर्विलोकन से परे कर दिया गया था, जिसे 44वें संविधान संशोधन (1978) द्वारा निरसित कर दिया गया। अतः कथन 1 असत्य है।

99वें संविधान संशोधन अधिनियम (2014) द्वारा उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्थानांतरण के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन का प्रावधान किया गया था, जिसे अक्टूबर, 2015 में दिए अपने निर्णय में उच्चतम न्यायालय ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता का उल्लंघन मानते हुए असंवैधानिक करार दिया। अतः कथन 2 सही है।

37. विधानसभा में किसी दल के निर्वाचित सदस्यों के दल-बदल पर निम्नलिखित में से किसने प्रतिबंध लगाया है? [U.P.P.C.S. (Pre) 1992, 1996]

Correct Answer: (a) संविधान का 52वां संशोधन कानून
Solution:संविधान के 52वें संशोधन, 1985 के माध्यम से संविधान में 10वीं अनुसूची जोड़कर इसके तहत किसी दल के निर्वाचित सदस्यों के दल-बदल पर रोक लगाई गई। इसमें 91वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा अपेक्षित संशोधन भी किए गए हैं।

38. निम्न संविधान संशोधनों में से किस एक के द्वारा पहली बार संविधान में दल-बदल विरोधी प्रावधान किया गया? [U.P.P.C.S. (Mains) 2008 M.P.P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (c) 52वां संशोधन
Solution:संविधान के 52वें संशोधन, 1985 के माध्यम से संविधान में 10वीं अनुसूची जोड़कर इसके तहत किसी दल के निर्वाचित सदस्यों के दल-बदल पर रोक लगाई गई। इसमें 91वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा अपेक्षित संशोधन भी किए गए हैं।

39. संविधान का 52वां संशोधन संबंधित है? [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006]

Correct Answer: (a) दल-बदल से
Solution:संविधान के 52वें संशोधन, 1985 के माध्यम से संविधान में 10वीं अनुसूची जोड़कर इसके तहत किसी दल के निर्वाचित सदस्यों के दल-बदल पर रोक लगाई गई। इसमें 91वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा अपेक्षित संशोधन भी किए गए हैं।

40. भारत में राजनीतिक दलों से दल-बदल की बुराई को किस संशोधन के अंतर्गत अधिनियमित किया गया है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (a) 52वें संशोधन
Solution:संविधान के 52वें संशोधन, 1985 के माध्यम से संविधान में 10वीं अनुसूची जोड़कर इसके तहत किसी दल के निर्वाचित सदस्यों के दल-बदल पर रोक लगाई गई। इसमें 91वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा अपेक्षित संशोधन भी किए गए हैं।