संसदीय अधिनियम=भाग= 2

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31. भारत सरकार ने 'प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वेरायटीज एंड फार्मर्स राइट अधिनियम' निम्नलिखित में से किस वर्ष में पारित किया? [U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2021]

Correct Answer: (a) 2001
Note:

भारत सरकार ने 'प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वेरायटीज एंड फार्मर्स राइट्स एक्ट' वर्ष 2001 में पारित किया। यह पौधों की किस्मों, कृषकों एवं पौधों के संवर्धन में सम्मिलित लोगों के अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रभावी प्रणाली स्थापित करने और कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकों को प्रोत्साहित करने हेतु लाया गया था।

 

32. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2020]

1. 'आधार' मेटाडेटा को तीन महीने से अधिक संग्रहित नहीं रखा जा सकता है।

2. राज्य निजी निगमों (Corporations) से 'आधार' डेटा को साझा करने के लिए कोई अनुबंध नहीं कर सकता।

3. 'आधार' बीमा उत्पादों को प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है।

4. 'आधार' भारत की संचित निधि से हितलाभ प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

 

Correct Answer: (b) केवल 2 और 4
Note:

उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2018 के अपने महत्वपूर्ण निर्णय (जस्टिस - के.एस. पुट्टास्वामी बनाम भारत संघ वाद) में उल्लेखित किया है कि 'आधार' मेटाडेटा को छह महीने से अधिक संग्रहित नहीं रखा जा सकता है। अतः यह निर्णय आधार (प्रमाणीकरण) विनियम, 2016 [Aadhaar (Authentication) Regulation, 2016] में वर्णित पांच वर्षों तक इसे सुरक्षित संग्रहित रखने के प्रावधान को गलत ठहराता है। इस प्रकार कथन 1 गलत है। कथन 2 सही है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय के निर्णयानुसार राज्य निजी निगमों से 'आधार' डेटा को साझा करने के लिए कोई अनुबंध नहीं कर सकता है। इसके अतिरिक्त 'आधार' बीमा उत्पादों को प्राप्त करने के लिए अनिवार्य नहीं है, बल्कि केवाईसी मानकों के संदर्भ में इसका स्वैच्छिक रूप से उपयोग किया जा सकता है। इस प्रकार कथन 3 भी सही नहीं है। साथ ही उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्णय में यह भी अभिकथित किया है कि भारत की संचित निधि से वित्तीयन प्राप्त करने वाली कल्याणकारी योजनाओं के द्वारा लक्ष्यित लाभार्थियों तक हितलाभ पहुंचाने के लिए आधार का उपयोग (आधार अधिनियम की धारा 7 के तहत) विधि-सम्मत है।

 

33. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre.) 2018]

1. आधार कार्ड का प्रयोग नागरिकता या अधिवास के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है।

2. एक बार जारी करने के पश्चात इसे निर्गत करने वाला प्राधिकरण आधार संख्या को निष्क्रिय या लुप्त नहीं कर सकता।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

 

Correct Answer: (d) न तो 1, न ही 2
Note:

आधार संख्या भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा प्रदत्त 12 अंकों की एक अद्वितीय संख्या है, जो भारत के निवासियों को पहचान हेतु प्रदान की जाती है। इसके तहत आधार पहचान-पत्र/ संख्या प्राप्त करने हेतु भारतीय निवासियों को अपनी जनांकिकीय एवं बायोमीट्रिक सूचनाएं प्रदान करनी होती हैं।

 

आधार अधिनियम, 2016 की धारा 9 के अनुसार, आधार केवल पहचान- पत्र है तथा इसके आधार पर किसी नागरिकता या अधिवास का दावा नहीं किया जा सकता है। आधार अधिनियम, 2016 की धारा 23(g) के अनुसार, आधार संख्या को नियमों के तहत जारीकर्ता प्राधिकरण द्वारा निष्क्रिय या लुप्त भी किया जा सकता है।

 

34. ई-गवर्नेस के संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के निम्नलिखित प्रावधानों को सुमेलित कीजिए - [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2022]

प्रावधान संबंधित धारा
A. रिकॉर्ड की कानूनी मान्यता i. धारा 5
B. इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षरों की कानूनी मान्यता ii. धारा 4
C. सरकार और उसकी एजेंसियों में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर का उपयोग iii. धारा 8
D. इलेक्ट्रॉनिक राजपत्र में नियम, विनियम आदि का प्रकाशन iv. धारा 6

 

(A)

(B)

(C)

(D)

(a)

(i)

(ii)

(iii)

(iv)

(b)

(ii)

(i)

(iv)

(iii)

(c)

(iii)

(iv)

(ii)

(i)

(d)

(iv)

(iii)

(i)

(ii)

Correct Answer: (b)
Note:

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों का संबंधित धाराओं से सही सुमेलन इस प्रकार है-

प्रावधान संबंधित धारा
इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की कानूनी मान्यता धारा 4
इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षरों की कानूनी मान्यता धारा 5
सरकार और उसकी एजेंसियों में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर का उपयोग धारा 6
इलेक्ट्रॉनिक राजपत्र में नियम, विनियम आदि का प्रकाशन धारा 8

35. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2018]

1. शिक्षा का अधिकार (आर.टी.ई.) अधिनियम के अनुसार, किसी राज्य में शिक्षक के रूप में नियुक्त होने हेतु अर्ह होने के लिए किसी व्यक्ति में संबंधित राज्य अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता का होना आवश्यक है।

2. आर.टी.ई. अधिनियम के अनुसार, प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षण हेतु किसी अभ्यर्थी के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लिए गए अध्यापक अर्हता परीक्षण में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

3. भारत में 90 प्रतिशत से अधिक अध्यापक शिक्षा संस्थान प्रत्यक्ष रूप से राज्य सरकारों के अधीन हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है / हैं?

 

Correct Answer: (b) केवल 2
Note:

निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 23 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार द्वारा 5 अप्रैल, 2010 को जारी अधिसूचना के तहत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) को शिक्षक के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए पात्र व्यक्तियों के लिए न्यूनतम अर्हताओं का निर्धारण करने वाले शैक्षिक प्राधिकरण के रूप में प्राधिकृत किया गया है। इस अधिनियम के अनुसार, प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षण हेतु किसी अभ्यर्थी के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लिए गए अध्यापक अर्हता परीक्षण में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। यदि सरकारों अथवा स्थानीय प्राधिकारियों अथवा विद्यालयों द्वारा विज्ञापन जारी कर अध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है, ऐसी स्थिति में नियुक्तियां राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (स्कूलों में अध्यापकों की भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यताओं का निर्धारण) विनियम, 2001 (समय-समय पर यथासंशोधित) के अनुसार की जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त, वर्तमान में भारत में लगभग 90 प्रतिशत अध्यापक शिक्षा संस्थान निजी क्षेत्र के तहत हैं।

 

36. राज्य खाद्य आयोग की स्थापना किस अधिनियम के अंतर्गत होती है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (a) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013
Note:

राज्य खाद्य आयोग की स्थापना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 की धारा 16 के तहत होती है। इस अधिनियम की धारा 16 के अनुसार, प्रत्येक राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा, इस अधिनियम के कार्यान्वयन के पर्यवेक्षण और उसका पुनर्विलोकन करने के प्रयोजन के लिए एक राज्य खाद्य आयोग का गठन करेगी।

 

37. भारतीय विधान के प्रावधानों के अंतर्गत उपभोक्ताओं के अधिकारों/ विशेषाधिकारों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2012]

1. उपभोक्ताओं को खाद्य की जांच करने के लिए नमूने लेने का अधिकार है।

2. उपभोक्ता यदि उपभोक्ता मंच में अपनी शिकायत दर्ज करता है, तो उसे इसके लिए कोई फीस नहीं देनी होती।

3. उपभोक्ता की मृत्यु हो जाने पर, उसका वैधानिक उत्तराधिकारी उसकी ओर से उपभोक्ता मंच में शिकायत दर्ज कर सकता है।

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :

 

Correct Answer: (c) केवल 1 और 3
Note:

वर्ष 1986 में संसद द्वारा उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 पारित किया गया। वर्तमान में इसके स्थान पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 प्रभावी है। इसके तहत उपभोक्ताओं को खाद्य की जांच करने के लिए नमूने लेने का अधिकार है। उपभोक्ता गड़बड़ी पाए जाने पर उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। इसके लिए उसे निर्धारित फीस देनी पड़ती है। यदि उपभोक्ता की मृत्यु हो जाती है, तो उसके वैधानिक उत्तराधिकारी को यह अधिकार है कि वह उपभोक्ता मंच में अपनी शिकायत दर्ज करा सके।

 

38. भारत में जिला स्तर पर उपभोक्ता विवाद निवारण के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है? [68th B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Note:

'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019' उपभोक्ता विवादों के समाधान के लिए त्रिस्तरीय अर्द्ध न्यायिक तंत्र को प्रख्यापित करता है, जिसमें जिला आयोग, राज्य आयोग एवं राष्ट्रीय आयोग शामिल हैं। इस अधिनियम के अनुसार, राज्य सरकार राज्य के प्रत्येक जिले में एक जिला आयोग (जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग) का गठन करेगी और यदि वह उचित समझे तो एक जिले में एक से अधिक जिला आयोग का गठन कर सकती है। जिला आयोग में एक अध्यक्ष और कम-से-कम दो सदस्य होंगे। जिला आयोग में कम-से-कम एक सदस्य या अध्यक्ष महिला होगी। इस अधिनियम के तहत यह उपबंधित किया गया कि जिला आयोगों के क्षेत्राधिकार में वे शिकायतें आएंगी, जहां वस्तुओं या सेवाओं के लिए किए गए भुगतान का मूल्य 1 करोड़ रुपये से अधिक न हो। परंतु 30 दिसंबर, 2021 को अधिसूचित 'उपभोक्ता संरक्षण (जिला आयोग, राज्य आयोग और राष्ट्रीय आयोग की अधिकारिता) नियम, 2021' के तहत यह निर्धारित किया गया है कि जिला आयोगों के क्षेत्राधिकार में वे शिकायतें आएंगी, जहां वस्तुओं या सेवाओं के लिए किए गए भुगतान का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक न हो। इस प्रकार वर्तमान संदर्भ में प्रश्नगत तीनों ही कथन सही हैं, अतः सही उत्तर विकल्प (e) होगा।

नोट- उपर्युक्त नियमों के तहत राज्य आयोगों के क्षेत्राधिकार में 50 लाख रुपये से अधिक से लेकर 2 करोड़ रुपये तक के भुगतान मूल्य की शिकायतें तथा राष्ट्रीय आयोग के क्षेत्राधिकार में 2 करोड़ रुपये से अधिक के भुगतान मूल्य की शिकायतें आने का प्रावधान किया गया है।

 

39. भारत में जिला स्तर पर उपभोक्ता विवाद निवारण के संदर्भ में, निम्नलिखित कौन-सा एक कथन सही नहीं है? [I.A.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) जिला फोरम उन्हीं शिकायतों की सुनवाई करता है, जिनमें माल या सेवाओं का कुल मूल्य पचास लाख रुपये से अधिक नहीं होता।
Note:

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 (यथा संशोधित) के प्रावधानों के अनुसार, प्रश्नकाल में जिला फोरम उन्हीं शिकायतों की सुनवाई करता था, जिनमें माल या सेवाओं का कुल मूल्य 20 लाख रुपये से अधिक न हो। अतः प्रश्नकाल के संदर्भ में विकल्प (c) सही उत्तर था। परंतु वर्तमान संदर्भ में (उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 एवं तत्संबंधी नियमों के तहत) प्रश्नगत सभी कथन सही हैं। उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।