संसद-III. कार्य संचालन एवं विधायी प्रक्रिया

Total Questions: 50

31. निम्न कथनों में से कौन-सा एक सही है? [I.A.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (e) (a) & (c)
Note:

संसद के दोनों सदनों में मनोनीत सदस्य होते थे। राज्य सभा में 12 एवं लोक सभा में 2 (आंग्ल-भारतीय) सदस्य मनोनीत होते थे। 104वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2019 द्वारा अनु. 334 में किए गए संशोधन के तहत लोक सभा एवं राज्य विधानसभाओं में आंग्ल-भारतीय सदस्यों के प्रतिनिधित्व हेतु मनोनयन की व्यवस्था को आगे न बढ़ाते हुए निष्प्रभावी कर दिया गया है। संविधान मनोनीत सदस्यों को मंत्री बनाने से मना नहीं करता है। अनुच्छेद 75 के खंड (5) में उपबंधित है कि कोई मंत्री जो निरंतर छह माह की किसी अवधि तक संसद के किसी सदन का सदस्य नहीं है, उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं रहेगा अर्थात किसी व्यक्ति को मंत्री बनाया जा सकता है, परंतु उसे छह माह के भीतर संसद के किसी सदन का सदस्य बनना आवश्यक है और यदि वह संसद सदस्य नहीं बन पाता तो, वह मंत्री नहीं रहेगा। साथ ही यह भी एक तथ्य है कि मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में मत नहीं दे सकते हैं, जबकि उपराष्ट्रपति के चुनाव में मत देते हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रश्नगत कथनों में से विकल्प (a) और (c) के कथन सही हैं।

 

32. भारत की संसद को 'कानून निर्माण की शक्ति' निम्नलिखित के लिए प्राप्त है- [U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2021]

1. भारत का संघ

2. भारत का प्रदेश/उप प्रदेश (डोमिनियन)

3. विश्व में कहीं भी रहने वाले भारतीय नागरिक एवं उनकी संपत्ति

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-

 

Correct Answer: (d) 1, 2 और 3
Note:

संविधान के अनुच्छेद 245 के खंड (1) के तहत संसद, भारत के संपूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए विधि बना सकती है तथा इसी अनुच्छेद के खंड (2) के अनुसार, संसद द्वारा बनाई गई कोई विधि इस आधार पर अविधिमान्य नहीं समझी जाएगी कि उसका राज्य क्षेत्रातीत प्रवर्तन होगा। इसका तात्पर्य यह है कि संसद द्वारा बनाई गई विधियां न केवल भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर स्थित व्यक्तियों और संपत्तियों पर लागू होंगी बल्कि, विश्व के किसी भाग में निवास करने वाले भारत के नागरिकों और उनकी वहां स्थित संपत्तियों पर भी लागू होंगी। ए.एच. वाडिया बनाम इन्कम टैक्स कमिश्नर बंबई, 1949 के मामले में उच्चतम न्यायालय ने यह अभिनिश्चित किया कि प्रभुत्तासंपन्न विधानमंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि को देशीय न्यायालय में इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती है कि वह भारत के राज्यक्षेत्र के बाहर भी लागू होती है। अतः भारत की संसद को 'कानून निर्माण की शक्ति' भारतीय संघ, भारत के प्रदेश/उप प्रदेश (डोमिनियन) तथा विश्व में कहीं भी रहने वाले भारतीय नागरिकों एवं उनकी संपत्ति के लिए प्राप्त है।

 

33. 33. संसद राज्य सूची के विषय के संबंध में कानून बना सकती है : [U.P.P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (b) यदि राज्य सभा ऐसा संकल्प पारित करती है
Note:

संविधान के अनु. 249 के तहत यदि राज्य सभा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से ऐसा प्रस्ताव पारित करे कि राष्ट्रीय हित में राज्य सूची के किसी विषय पर संसद द्वारा कानून बनाना आवश्यक है, तो संसद उस विषय पर कानून बना सकती है। इसके अतिरिक्त अनु. 250 के तहत राष्ट्रीय आपात की स्थिति में, अनु. 252 के तहत दो या अधिक राज्यों के अनुरोध पर उन राज्यों के लिए, अनु. 253 के तहत अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुपालन के क्रम में, राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा (अनुच्छेद 352) के प्रवर्तन में होने की स्थिति में अनुच्छेद 353 के तहत तथा अनु. 356 के अधीन राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहने की अवस्था में अनु. 357 के तहत विधायी शक्तियों के प्रयोग में संसद द्वारा राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाया जा सकता है।

 

34. संघीय संसद राज्य सूची के विषय पर भी कानून बना सकती है: [U.P.P.C.S. (Mains) 2005]

1. अंतरराष्ट्रीय समझौतों को प्रभावी बनाने हेतु ।

2. संबंधित राज्यों की सहमति से।

3. राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहने की अवस्था में।

4. राष्ट्रीय हित में जब राज्य सभा दो-तिहाई बहुमत से इस हेतु

प्रस्ताव पारित करे। नीचे दिए गए कूटों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :

 

Correct Answer: (d) सभी चारों
Note:

संविधान के अनु. 249 के तहत यदि राज्य सभा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से ऐसा प्रस्ताव पारित करे कि राष्ट्रीय हित में राज्य सूची के किसी विषय पर संसद द्वारा कानून बनाना आवश्यक है, तो संसद उस विषय पर कानून बना सकती है। इसके अतिरिक्त अनु. 250 के तहत राष्ट्रीय आपात की स्थिति में, अनु. 252 के तहत दो या अधिक राज्यों के अनुरोध पर उन राज्यों के लिए, अनु. 253 के तहत अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुपालन के क्रम में, राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा (अनुच्छेद 352) के प्रवर्तन में होने की स्थिति में अनुच्छेद 353 के तहत तथा अनु. 356 के अधीन राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहने की अवस्था में अनु. 357 के तहत विधायी शक्तियों के प्रयोग में संसद द्वारा राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाया जा सकता है।

 

35. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय समझौतों को प्रभावी बनाने हेतु संसद राज्य सूची के विषय पर कानून बना सकती है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2016 U.P.P.C.S. (Mains) 2016 U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) अनु. 253
Note:

संविधान के अनु. 249 के तहत यदि राज्य सभा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से ऐसा प्रस्ताव पारित करे कि राष्ट्रीय हित में राज्य सूची के किसी विषय पर संसद द्वारा कानून बनाना आवश्यक है, तो संसद उस विषय पर कानून बना सकती है। इसके अतिरिक्त अनु. 250 के तहत राष्ट्रीय आपात की स्थिति में, अनु. 252 के तहत दो या अधिक राज्यों के अनुरोध पर उन राज्यों के लिए, अनु. 253 के तहत अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुपालन के क्रम में, राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा (अनुच्छेद 352) के प्रवर्तन में होने की स्थिति में अनुच्छेद 353 के तहत तथा अनु. 356 के अधीन राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहने की अवस्था में अनु. 357 के तहत विधायी शक्तियों के प्रयोग में संसद द्वारा राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाया जा सकता है।

 

36. भारतीय संसद राज्य सूची के विषयों पर विधायन नहीं कर सकती, जब तक : [U.P.P.C.S. (Mains) 2005]

(1) भारत का राष्ट्रपति उसे ऐसा करने का निर्देश न दे।

(2) राज्य सभा प्रस्ताव पारित करे कि ऐसा करना राष्ट्रीय हित में आवश्यक है।

(3) विधान सभा का अध्यक्ष यह प्रमाणित करे कि ऐसा विधायन आवश्यक है।

(4) राष्ट्रीय आपातकाल लागू हो।

उपर्युक्त कथनों पर विचार करते हुए अधोलिखित कूटों में से सही

 

Correct Answer: (d) (2) तथा (4)
Note:

संविधान के अनु. 249 के तहत यदि राज्य सभा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से ऐसा प्रस्ताव पारित करे कि राष्ट्रीय हित में राज्य सूची के किसी विषय पर संसद द्वारा कानून बनाना आवश्यक है, तो संसद उस विषय पर कानून बना सकती है। इसके अतिरिक्त अनु. 250 के तहत राष्ट्रीय आपात की स्थिति में, अनु. 252 के तहत दो या अधिक राज्यों के अनुरोध पर उन राज्यों के लिए, अनु. 253 के तहत अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुपालन के क्रम में, राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा (अनुच्छेद 352) के प्रवर्तन में होने की स्थिति में अनुच्छेद 353 के तहत तथा अनु. 356 के अधीन राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहने की अवस्था में अनु. 357 के तहत विधायी शक्तियों के प्रयोग में संसद द्वारा राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाया जा सकता है।

 

37. अंतरराष्ट्रीय संधियों को भारत के किसी भाग अथवा संपूर्ण भारत में लागू करने के लिए संसद कोई भी कानून बना सकती है : [U.P.P.C.S. (Pre) 2006 I.A.S. (Pre) 2000, 2013]

Correct Answer: (d) बिना किसी राज्य की सहमति से
Note:

संविधान के अनु. 249 के तहत यदि राज्य सभा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से ऐसा प्रस्ताव पारित करे कि राष्ट्रीय हित में राज्य सूची के किसी विषय पर संसद द्वारा कानून बनाना आवश्यक है, तो संसद उस विषय पर कानून बना सकती है। इसके अतिरिक्त अनु. 250 के तहत राष्ट्रीय आपात की स्थिति में, अनु. 252 के तहत दो या अधिक राज्यों के अनुरोध पर उन राज्यों के लिए, अनु. 253 के तहत अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुपालन के क्रम में, राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा (अनुच्छेद 352) के प्रवर्तन में होने की स्थिति में अनुच्छेद 353 के तहत तथा अनु. 356 के अधीन राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहने की अवस्था में अनु. 357 के तहत विधायी शक्तियों के प्रयोग में संसद द्वारा राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाया जा सकता है।

 

38. संविधान की विषय सूचियों में दिए गए विषयों के अतिरिक्त विषयों पर कौन कानून बना सकता है? [U.P.P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015]

Correct Answer: (b) संसद
Note:

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 248 अवशिष्ट विधायी शक्तियों के बारे में प्रावधान करता है। इसके अनुसार, संसद को किसी ऐसे विषय के संबंध में जो समवर्ती सूची या राज्य सूची में प्रगणित (उल्लेखित) नहीं है, विधि बनाने की अनन्य शक्ति प्राप्त है।

 

39. किस/किन अनुच्छेद/अनुच्छेदों के अंतर्गत अध्यक्ष सदन के किसी सदस्य को उसकी मातृभाषा में बोलने की इजाजत दे सकता है? [69th B.P.S.C. (Pre) 2023]

Correct Answer: (c) अनुच्छेद 120 (1)
Note:

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 120(1) के परंतुक के अनुसार राज्य सभा का सभापति या लोक सभा का अध्यक्ष अथवा उस रूप में कार्य करने वाला व्यक्ति किसी सदस्य को, जो हिन्दी में या अंग्रेजी में अपनी पर्याप्त अभिव्यक्ति नहीं कर सकता है, अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुज्ञा दे सकेगा।

40. अध्यक्ष, सदन के किसी भी सदस्य को बोलने से रोक सकता है और अन्य किसी सदस्य को बोलने दे सकता है। यह घटना कहलाती है- [I.A.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (d) बैठ जाना (Yielding the floor)
Note:

मर्यादा- विनम्र एवं स्वीकार्य व्यवहार बनाए रखना।

पक्ष त्याग- सदन के किसी सदस्य द्वारा, वह जिस दल से चुनकर आया है, उसका त्याग कर दूसरे दल में शामिल होना पक्ष त्याग कहलाता है।

अंतर्प्रदन- किसी सरकारी अधिकारी से किसी नीति या कार्य के विवरण की मांग हेतु संसदीय प्रक्रिया अंतर्प्रदन कहलाती है।

बैठ जाना- अध्यक्ष किसी भी सदस्य को बोलने से रोककर अन्य को बोलने के लिए कह सकता है।