Correct Answer: (e) (c) & (d)
Note: 'शून्यकाल' (Zero Hour) विशिष्ट भारतीय संसदीय व्यवहार है। लोक सभा में प्रश्नकाल के बाद का समय 'शून्यकाल' कहा जाता है, जिसकी अवधि अधिकतम 1 घंटा हो सकती है, जिसे 'जीरो ऑवर' (Zero Hour) भी कहा जाता है। यह सामान्यतः दोपहर 12 से 1 बजे तक का समय होता है। पहले राज्य सभा में भी यही स्थिति थी, परंतु राज्य सभा में प्रश्नकाल की अवधि को वर्ष 2014 में परिवर्तित कर दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक कर दिया गया और तदनुसार अब राज्य सभा में सर्वप्रथम 11 बजे से दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाते हैं, जिसके बाद सभापति की अनुमति के साथ तत्काल आवश्यक जनहित के मुद्दे (शून्यकाल के तहत) उठाए जाते हैं और फिर विशेष उल्लेख (Special Mentions) 12 बजे तक लिए जाते हैं। इस प्रकार अब राज्य सभा में शून्यकाल का समय प्रश्नकाल से पूर्व (सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच) हो गया है, जबकि लोक सभा में यह पूर्ववत प्रश्नकाल के बाद (दोपहर 12 बजे से अपराह्न 1 बजे तक) है। संसदीय प्रक्रिया में शून्यकाल शब्द को औपचारिक मान्यता प्राप्त नहीं है। शून्यकाल में किसी तत्काल आवश्यक जनहित के मामले को उठाने के लिए सदस्य प्रतिदिन अध्यक्ष/सभापति को पूर्व सूचना देते हैं। किसी मामले को उठाने या न उठाने की अनुमति या मामलों के क्रम का निर्णय अध्यक्ष/सभापति पर निर्भर करता है। इस दौरान सदन का कोई सदस्य अत्यंत महत्वपूर्ण विषयों से संबंधित प्रश्न मंत्रियों से पूछ सकता है और उत्तर देने को कह सकता है।