सर्वोच्च न्यायालय (भाग – 2) (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 49

31. भारत के सर्वोच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार किसके द्वारा बढ़ाया जा सकता है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (c) संसद द्वारा विधि बनाकर
Solution:संविधान के अनुच्छेद 138 के तहत संसद विधि द्वारा उच्चतम न्यायालय की अधिकारिता और शक्तियों में वृद्धि कर सकती है। अनुच्छेद 138 के खंड (1) के अनुसार, विधायी शक्तियों की संघीय सूची में समाविष्ट किसी विषय के संबंध में भारत के उच्चतम न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने का अधिकार संसद को दिया गया है।

32. संविधान के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय से विधि के प्रश्न पर राय लेने का किसको अधिकार है? [U.P. P.C.S. (Pre) 2012 U.P. P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (b) राष्ट्रपति को
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 143 (1) के तहत भारत के राष्ट्रपति को विधि या तथ्य के व्यापक महत्व के प्रश्न के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श लेने की शक्ति प्रदान की गई है।

33. उच्चतम तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा स्थानांतरण के लिए परामर्श प्रक्रिया के संबंध में राष्ट्रपति ने उच्चतम न्यायालय को एक अभिदेशन किया है- [U.P.Lower Sub. (Pre) 1998]

Correct Answer: (b) खंड (1), अनुच्छेद 143 के अंतर्गत
Solution:वर्ष 1998 में उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा स्थानांतरण के लिए परामर्श प्रक्रिया के संबंध में राष्ट्रपति ने उच्चतम न्यायालय को एक अभिदेशन अनुच्छेद 143 के खंड (1) के तहत किया था। 'थ्री जजेज केसेस' के नाम से प्रसिद्ध सर्वोच्च न्यायालय के तीन वादों में यह तीसरा था। इसी में सर्वोच्च न्यायालय की 9- सदस्यीय संविधान पीठ ने यह निर्धारित किया था कि उपर्युक्त संदर्भ में मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से तात्पर्य वस्तुतः मुख्य न्यायाधीश के साथ सर्वोच्च न्यायालय के 4 अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशों के कॉलेजियम के परामर्श से है।

34. उच्चतम न्यायालय की परामर्शी अधिकारिता के विषय में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं? [I.A.S. (Pre) 1994]

1. उच्चतम न्यायालय के लिए यह बाध्यकारी है कि वह राष्ट्रपति द्वारा निर्देशित किसी भी मामले में अपना मत व्यक्त करे।

2. परामर्शी अधिकारिता की शक्ति के अधीन प्राप्त किसी निर्देश पर उच्चतम न्यायालय की पूर्ण पीठ सुनवाई करती है।

3. परामर्शी अधिकारिता के अधीन प्राप्त निर्देश पर व्यक्त किया हुआ उच्चतम न्यायालय का मत सरकार पर बाध्यकारी नहीं होता।

4. उच्चतम न्यायालय को उसकी परामर्शी अधिकारिता की शक्ति के अधीन एक बार में केवल एक ही निर्देश भेजा जा सकता है। नीचे दिए हुए कूटों की सहायता से उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (c) 2 और 3
Solution:अनुच्छेद 143 के अंतर्गत, राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय से दो प्रकार के विषयों पर सलाह मांग सकता है (1) लोक महत्व के विषयों में विधि या तथ्य संबंधी, (2) किसी पूर्व संवैधानिक संधि, समझौते या अन्य समकक्षीय विषयों पर। प्रथम प्रकार के मामलों में परामर्श देना सर्वोच्च न्यायालय के लिए बाध्यकारी नहीं है, किंतु द्वितीय मामले में वह परामर्श अवश्य देता है। परामर्शी अधिकारिता की शक्ति के अधीन प्राप्त निर्देश पर सुनवाई कम-से-कम 5-सदस्यीय पूर्ण पीठ करती है। न्यायालय द्वारा दिया गया परामर्श सरकार पर बाध्यकारी नहीं होता है। यह आवश्यक नहीं कि एक बार में केवल एक ही परामर्श हेतु निर्देश भेजे जाएं। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।

35. भारत के सर्वोच्च न्यायालय का परामर्शदात्री अधिकार से प्रयुक्त होता है कि वह - [U.P.P.C.S. (Mains) 2016]

Correct Answer: (a) सार्वजनिक महत्व के कानूनी या तथ्यात्मक मामलों में राष्ट्रपति को परामर्श दे सकता है।
Solution:अनुच्छेद 143 के अंतर्गत, राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय से दो प्रकार के विषयों पर सलाह मांग सकता है (1) लोक महत्व के विषयों में विधि या तथ्य संबंधी, (2) किसी पूर्व संवैधानिक संधि, समझौते या अन्य समकक्षीय विषयों पर। प्रथम प्रकार के मामलों में परामर्श देना सर्वोच्च न्यायालय के लिए बाध्यकारी नहीं है, किंतु द्वितीय मामले में वह परामर्श अवश्य देता है। परामर्शी अधिकारिता की शक्ति के अधीन प्राप्त निर्देश पर सुनवाई कम-से-कम 5-सदस्यीय पूर्ण पीठ करती है। न्यायालय द्वारा दिया गया परामर्श सरकार पर बाध्यकारी नहीं होता है। यह आवश्यक नहीं कि एक बार में केवल एक ही परामर्श हेतु निर्देश भेजे जाएं। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।

36. भारत का उच्चतम न्यायालय कानून या तथ्य के मामले में राष्ट्रपति को परामर्श देता है- [I.A.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (b) तभी जब वह ऐसे परामर्श के लिए कहता है
Solution:अनुच्छेद 143(1) के तहत भारत का उच्चतम न्यायालय कानून या तथ्य के मामले में राष्ट्रपति को परामर्श देता है, जब राष्ट्रपति उससे ऐसे परामर्श के लिए कहता या मांगता है। इस अनुच्छेद के अनुसार, यदि किसी समय राष्ट्रपति को प्रतीत होता है कि विधि या तथ्य का कोई ऐसा प्रश्न उत्पन्न हुआ है या उत्पन्न होने की संभावना है, जो ऐसी प्रकृति का और ऐसे व्यापक महत्व का है कि उस पर उच्चतम न्यायालय की राय प्राप्त करना समीचीन है, तो वह उस प्रश्न को विचार करने के लिए उस न्यायालय को निर्देशित कर सकेगा और वह न्यायालय, ऐसी सुनवाई के पश्चात जो वह उचित समझता है, राष्ट्रपति को उस पर अपना परामर्श दे सकेगा।

37. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : [I.A.S. (Pre) 2010]

भारत का उच्चतम न्यायालय भारत के राष्ट्रपति को विधि अथवा तथ्यों के विषयों पर सलाह देता है।

1. स्वप्रेरण पर (व्यापक लोकहित के किसी विषय में)

2. यदि वह ऐसी कोई सलाह मांगता है।

3. केवल यदि विषय नागरिकों के मूल अधिकारों से संबंधित है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (b) केवल 2
Solution:अनुच्छेद 143(1) के तहत भारत का उच्चतम न्यायालय कानून या तथ्य के मामले में राष्ट्रपति को परामर्श देता है, जब राष्ट्रपति उससे ऐसे परामर्श के लिए कहता या मांगता है। इस अनुच्छेद के अनुसार, यदि किसी समय राष्ट्रपति को प्रतीत होता है कि विधि या तथ्य का कोई ऐसा प्रश्न उत्पन्न हुआ है या उत्पन्न होने की संभावना है, जो ऐसी प्रकृति का और ऐसे व्यापक महत्व का है कि उस पर उच्चतम न्यायालय की राय प्राप्त करना समीचीन है, तो वह उस प्रश्न को विचार करने के लिए उस न्यायालय को निर्देशित कर सकेगा और वह न्यायालय, ऐसी सुनवाई के पश्चात जो वह उचित समझता है, राष्ट्रपति को उस पर अपना परामर्श दे सकेगा।

38. गुजरात में विधानसभा के चुनाव (वर्ष 2002 में) को स्थगित करने के चुनाव आयोग के निर्णय की अधिमान्यता पर उच्चतम न्यायालय की राय जानने के लिए राष्ट्रपति ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध, भारतीय संविधान के कौन-से अनुच्छेद के अंतर्गत किया? [I.A.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (b) अनुच्छेद 143
Solution:अनुच्छेद 143(1) के तहत भारत का उच्चतम न्यायालय कानून या तथ्य के मामले में राष्ट्रपति को परामर्श देता है, जब राष्ट्रपति उससे ऐसे परामर्श के लिए कहता या मांगता है। इस अनुच्छेद के अनुसार, यदि किसी समय राष्ट्रपति को प्रतीत होता है कि विधि या तथ्य का कोई ऐसा प्रश्न उत्पन्न हुआ है या उत्पन्न होने की संभावना है, जो ऐसी प्रकृति का और ऐसे व्यापक महत्व का है कि उस पर उच्चतम न्यायालय की राय प्राप्त करना समीचीन है, तो वह उस प्रश्न को विचार करने के लिए उस न्यायालय को निर्देशित कर सकेगा और वह न्यायालय, ऐसी सुनवाई के पश्चात जो वह उचित समझता है, राष्ट्रपति को उस पर अपना परामर्श दे सकेगा।

39. "मैं भारत के संविधान के प्रति सच्चा विश्वास और सच्ची निष्ठा रखूंगा....भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखूंगा..... अपने पद के कर्तव्यों का निर्वहन करूंगा.... संविधान और कानून की रक्षा करूंगा।" यह शपथ ली जाती है- [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]

Correct Answer: (b) भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा
Solution:प्रश्नगत शपथ का प्रारूप संविधान की अनुसूची 3 के तहत उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों और भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक द्वारा ली गई शपथ का है। इस प्रकार सही उत्तर विकल्प (b) होगा।

40. देश के किसी भी न्यायालय में चल रहे वाद को अन्यत्र भेजने का अधिकार किसके पास है? [M.P. P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) सर्वोच्च न्यायालय
Solution:देश के किसी भी न्यायालय में चल रहे वाद की सुनवाई किसी अन्यत्र स्थान पर किए जाने का निर्देश देने का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय के पास है (संविधान के अनुच्छेद 139 क के तहत)। जबकि उच्च न्यायालय केवल अपनी अधिकारिता वाले राज्यक्षेत्र में अधीनस्थ न्यायालयों के मामलों का अंतरण कर सकता है।