सविनय अवज्ञा आंदोलन (UPPCS)

Total Questions: 43

1. किस कांग्रेस सत्र में कार्यकारी कमेटी को सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ करने का अधिकार दिया गया था? [I.A.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (b) लाहौर सत्र
Solution:वर्ष 1929 में लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में कांग्रेस कार्यकारिणी को सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने का अधिकार दिया गया। फरवरी, 1930 में साबरमती आश्रम में हुई कांग्रेस कार्यकारिणी की दूसरी बैठक में महात्मा गांधी को इस आंदोलन का नेतृत्व सौंपा गया।

2. दांडी यात्रा के साथ निम्नलिखित में से क्या प्रारंभ हुआ? [U.P.P.C.S (Pre) 2000]

Correct Answer: (c) सविनय अवज्ञा आंदोलन
Solution:महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 को अपना प्रसिद्ध 'दांडी मार्च' शुरू किया। उन्होंने साबरमती आश्रम से चुने हुए साथियों के साथ सत्याग्रह के लिए कूच किया। 24 दिनों की लंबी यात्रा के बाद उन्होंने 6 अप्रैल, 1930 को दांडी में सांकेतिक रूप से नमक कानून भंग किया और इस प्रकार नमक कानून तोड़कर उन्होंने औपचारिक रूप से सविनय अवज्ञा आंदोलन का शुभारंभ किया। सविनय अवज्ञा आंदोलन गांधी जी के नेतृत्व में पूरे देश में फैल गया। तमिलनाडु में गांधीवादी नेता सी. राजगोपालाचारी ने तिरुचिरापल्ली से वेदारण्यम तक नमक यात्रा की।

3. दांडी यात्रा की गई- [44th B.P.S.C. (Pre) 2000]

Correct Answer: (d) 1930 में
Solution:महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 को अपना प्रसिद्ध 'दांडी मार्च' शुरू किया। उन्होंने साबरमती आश्रम से चुने हुए साथियों के साथ सत्याग्रह के लिए कूच किया। 24 दिनों की लंबी यात्रा के बाद उन्होंने 6 अप्रैल, 1930 को दांडी में सांकेतिक रूप से नमक कानून भंग किया और इस प्रकार नमक कानून तोड़कर उन्होंने औपचारिक रूप से सविनय अवज्ञा आंदोलन का शुभारंभ किया। सविनय अवज्ञा आंदोलन गांधी जी के नेतृत्व में पूरे देश में फैल गया। तमिलनाडु में गांधीवादी नेता सी. राजगोपालाचारी ने तिरुचिरापल्ली से वेदारण्यम तक नमक यात्रा की।

4. सविनय अवज्ञा आंदोलन के रूप में गांधीजी ने 'दांडी मार्च' प्रारंभ किया था- [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005 Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006]

Correct Answer: (c) 12 मार्च, 1930 को
Solution:महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 को अपना प्रसिद्ध 'दांडी मार्च' शुरू किया। उन्होंने साबरमती आश्रम से चुने हुए साथियों के साथ सत्याग्रह के लिए कूच किया। 24 दिनों की लंबी यात्रा के बाद उन्होंने 6 अप्रैल, 1930 को दांडी में सांकेतिक रूप से नमक कानून भंग किया और इस प्रकार नमक कानून तोड़कर उन्होंने औपचारिक रूप से सविनय अवज्ञा आंदोलन का शुभारंभ किया। सविनय अवज्ञा आंदोलन गांधी जी के नेतृत्व में पूरे देश में फैल गया। तमिलनाडु में गांधीवादी नेता सी. राजगोपालाचारी ने तिरुचिरापल्ली से वेदारण्यम तक नमक यात्रा की।

5. गांधी जी ने दांडी यात्रा प्रारंभ की थी- [Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2002 U.P. P.C.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (b) साबरमती से
Solution:महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 को अपना प्रसिद्ध 'दांडी मार्च' शुरू किया। उन्होंने साबरमती आश्रम से चुने हुए साथियों के साथ सत्याग्रह के लिए कूच किया। 24 दिनों की लंबी यात्रा के बाद उन्होंने 6 अप्रैल, 1930 को दांडी में सांकेतिक रूप से नमक कानून भंग किया और इस प्रकार नमक कानून तोड़कर उन्होंने औपचारिक रूप से सविनय अवज्ञा आंदोलन का शुभारंभ किया। सविनय अवज्ञा आंदोलन गांधी जी के नेतृत्व में पूरे देश में फैल गया। तमिलनाडु में गांधीवादी नेता सी. राजगोपालाचारी ने तिरुचिरापल्ली से वेदारण्यम तक नमक यात्रा की।

6. महात्मा गांधी ने "दाण्डी यात्रा' किस आश्रम से प्रारंभ की थी? [M.P.P.C.S. (Pre), 2021]

Correct Answer: (a) साबरमती
Solution:महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 को अपना प्रसिद्ध 'दांडी मार्च' शुरू किया। उन्होंने साबरमती आश्रम से चुने हुए साथियों के साथ सत्याग्रह के लिए कूच किया। 24 दिनों की लंबी यात्रा के बाद उन्होंने 6 अप्रैल, 1930 को दांडी में सांकेतिक रूप से नमक कानून भंग किया और इस प्रकार नमक कानून तोड़कर उन्होंने औपचारिक रूप से सविनय अवज्ञा आंदोलन का शुभारंभ किया। सविनय अवज्ञा आंदोलन गांधी जी के नेतृत्व में पूरे देश में फैल गया। तमिलनाडु में गांधीवादी नेता सी. राजगोपालाचारी ने तिरुचिरापल्ली से वेदारण्यम तक नमक यात्रा की।

7. वर्ष 1930 में महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन कहां से प्रारंभ किया था? [65th B.P.S.C. (Pre) 2019]

Correct Answer: (b) दांडी
Solution:महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 को अपना प्रसिद्ध 'दांडी मार्च' शुरू किया। उन्होंने साबरमती आश्रम से चुने हुए साथियों के साथ सत्याग्रह के लिए कूच किया। 24 दिनों की लंबी यात्रा के बाद उन्होंने 6 अप्रैल, 1930 को दांडी में सांकेतिक रूप से नमक कानून भंग किया और इस प्रकार नमक कानून तोड़कर उन्होंने औपचारिक रूप से सविनय अवज्ञा आंदोलन का शुभारंभ किया। सविनय अवज्ञा आंदोलन गांधी जी के नेतृत्व में पूरे देश में फैल गया। तमिलनाडु में गांधीवादी नेता सी. राजगोपालाचारी ने तिरुचिरापल्ली से वेदारण्यम तक नमक यात्रा की।

नोट - प्रारंभिक उत्तर कुंजी में बिहार लोक सेवा आयोग ने इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (d) साबरमती माना है, जो गलत है।

8. निम्नलिखित प्रांतों में से किस प्रांत के सत्याग्रहियों की संख्या महात्मा गांधी के दांडी कूच में सर्वाधिक थी? [U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (b) गुजरात
Solution:12 मार्च, 1930 को महात्मा गांधी ने दांडी (गुजरात) में समुद्र तट पर नमक कानून का उल्लंघन करके सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ करने के उद्देश्य से अपने साबरमती आश्रम (अहमदाबाद) से चुने हुए साथियों के साथ सत्याग्रह के लिए कूच किया। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट पर महात्मा गांधी को समर्पित गांधी हेरिटेज पोर्टल पर सभी सत्याग्रहियों की सूची नाम सहित उपलब्ध है। इस सूची के अनुसार, राज्य एवं सत्याग्रहियों की संख्या निम्नानुसार है। जहां से एक या दो सत्याग्रही शामिल हुए हैं उनके नाम भी हम उल्लिखित कर रहे हैं। वेबसाइट पर पूरे नाम देखे जा सकते हैं। गुजरात-32 महाराष्ट्र-13 उ.प्र.-8 कच्छ-6 केरल-4 पंजाब-3 राजपुताना-3 बॉम्बे-2 (दाउदभाई, हरीलाल माहिमतुरा) सिंध-1 (आनंद हिंगोरानी) नेपाल-2 (महावीर खड्ग बहादुर सिंह गिरि) तमिलनाडु-1 (तपन नायर) आंध्र-1 (सुब्रमण्यन) उत्कल-1 (मोतीबासदास) कर्नाटक-1 (महादेव मार्तण्ड) बिहार-1 (गिरिवरधारी चौधरी) बंगाल-1 (दुर्गेश चंद्र दास)।

9. गांधी जी के नमक सत्याग्रह का उद्देश्य क्या था? [63rd B.P.S.C (Pre.) 2017]

Correct Answer: (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
Solution:गांधी जी द्वारा प्रारंभ नमक सत्याग्रह का उद्देश्य नमक कानून निर्माण पर सरकारी एकाधिकार वाले कानून को निरस्त करना, पूर्ण स्वराज के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाना, आम लोगों के आर्थिक राहत आदि था।

10. निम्नलिखित में से किसने गांधी जी के नमक आंदोलन में भाग लिया ? [Jharkhand P.C.S (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त में से सभी
Solution:महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 को अपना प्रसिद्ध 'दांडी मार्च' शुरू किया। उन्होंने साबरमती आश्रम से चुने हुए साथियों के साथ सत्याग्रह के लिए कूच किया। 24 दिनों की लंबी यात्रा के बाद उन्होंने 6 अप्रैल, 1930 को दांडी में सांकेतिक रूप से नमक कानून भंग किया और इस प्रकार नमक कानून तोड़कर सविनय अवज्ञा आंदोलन का शुभारंभ किया। सविनय अवज्ञा आंदोलन में महिलाओं की व्यापक भागीदारी रही। उपर्युक्त सभी महिलाओं (सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, कमलादेवी चट्टोपाध्याय) ने गांधी जी के नमक सत्याग्रह में भाग लिया था।