सहायक समीक्षा अधिकारी (मुख्य) परीक्षा 2014 सामान्य अध्ययन (Part-II)

Total Questions: 60

21. जैव-विविधता को परिभाषित किया जाता है-

Correct Answer: (a) किसी पर्यावरण में विभिन्न प्रजातियों की श्रेणी
Solution:व्याख्या-किसी प्राकृतिक प्रदेश में पाई जाने वाली जंगली तथा पालतू जीव-जन्तुओं एवं पादपों की प्रजातियों की बहुलता को जैव-विविधता कहते हैं। जैव विविधता से तात्पर्य पृथ्वी पर पाये जाने वाले जीवों की विविधता से है। जैव विविधता का शब्द का प्रयोग वॉल्टर जी. रोजेन ने 1985 ई. में किया।

22. 'भारतीय राष्ट्रीय जैविक विविधता प्राधिकरण' स्थापित किया गया-

Correct Answer: (a) 2003, चेन्नई में
Solution:व्याख्या 'भारतीय राष्ट्रीय जैविक विविधता प्राधिकरण' की स्थापना भारत सरकार ने जैव विविधता अधिनियम के भाग (8) के अंतर्गत अक्टूबर, 2003 को चेन्नई (तमिलनाडु) में किया। यह एक स्वायत्त, वैधानिक एवं नियामक संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य जैव विविधता अधिनियम, 2002 के प्रावधानों को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करना है।

23. निम्नलिखित में से कौन वायु प्रदूषक सर्वाधिक हानिकारक है?

Correct Answer: (d) कार्बन मोनोक्साइड
Solution:व्याख्या-कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) हवा से भारी, पानी में अघुलनशील, गंध-स्वादहीन एवं रंगहीन गैस है। इसे दमघोटू गैस भी कहते हैं। श्वास के माध्यम से मानव शरीर में पहुँचकर यह रक्त में उपस्थित हीमोग्लोबिन की ऑक्सीजन वहन क्षमता को बिल्कुल कम कर देती है, जिसके फलस्वरूप मानव की मृत्यु हो जाती है। ध्यातव्य है कि कॉर्बन मोनोऑक्साइड की मनुष्य के रक्त में उपस्थित हीमोग्लोबिन से क्रिया करने की क्षमता ऑक्सीजन की अपेक्षा 250 गुना अधिक होती है।

24. जलीय फर्न, जिसे जैव उर्वरक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, वह है-

Correct Answer: (b) एजोला
Solution:व्याख्या-एजोला ठण्डे पानी में उगने वाला एक घास (पौधा) है, जो प्रायः तालाबों और पानी भरे स्थानों पर तैरती हुई उगती है। इसकी वृद्धि इतनी तीव्र गति से होती है कि यह 20 से 30 दिनों के भीतर दोगुनी हो जाती है इसका प्रयोग धान की फसल में जैव-उर्वरक के रूप में किया जाता है यह धान की फसल में नील हरित शैवाल की अपेक्षा अधिक प्रभावकारी सिद्ध हुई है। एजोला की नाइट्रोजन स्थिरीकरण क्षमता अधिक होती है। यह एक जलीय फर्न है जिसमें एनाबीना एजोली नामक शैवाल सहजीवी के रूप में वास करता है।

25. ऑक्सीजन, जो प्रकाश संश्लेषण से उत्पन्न होती है, आती है

Correct Answer: (a) जल से
Solution:व्याख्या प्रकाश संश्लेषण की क्रिया एक उपचयन-अपचयन (Oxidation-Reduction) क्रिया है। इसमें जल का उपचयन (Oxidation) ऑक्सीजन के बनने में तथा कॉर्बन डाई ऑक्साइड का अपचयन (Reduction) शर्करा के निर्माण में होता है।

26. प्रकाश-संश्लेषण में कौन सा प्रकाश सबसे अधिक प्रभावकारी होता है?

Correct Answer: (a) लाल
Solution:व्याख्या-प्रकाश संश्लेषण की क्रिया केवल दृश्य प्रकाश वर्णों (VIBGYOR) में संपन्न होती है। पर्णहरित (Chlorophyll) प्रकाश में बैंगनी, नीला और लाल रंग को ग्रहण करता है। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बैंगनी रंग के प्रकाश में सबसे कम तथा लाल रंग के प्रकाश में सबसे अधिक होती है।

27. सूची-1 और सूची-II को सुमेलित कीजिए तथा नीचे दिये गये कूट से सही उत्तर चुनिए :

सूची-I (जनपद)सूची-II (खनिज)
A. सोनभद्र1. नॉन-प्लास्टिक फायर क्ले
B. इलाहाबाद2. ताँबा
C. ललितपुर3. शीशे वाली बालू
(ग्लास सैण्ड)
D. मिर्जापुर4. चूने का पत्थर

 

ABCD
(a)1234
(b)4321
(c)4312
(d)2143

 

Correct Answer: (b)
Solution:
जनपदखनिज
सोनभद्रचूने का पत्थर
इलाहाबाद (प्रयागराज)ग्लास सैण्ड
ललितपुरताँबा
मिर्जापुरनॉन प्लास्टिक फायर क्ले

28. उत्तर प्रदेश का गुरु पूर्णिमा पर्व समर्पित है ऋषि-

Correct Answer: (a) व्यास को
Solution:व्याख्या आषाढ़ मास की पूर्णिमा को महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्म हुआ था। इस दिन गुरु पूजा का विधान है। गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरंभ में आती है। इस दिन से चार महीने तक परिव्राजक साधु संत एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं।

29. उत्तर प्रदेश के किस क्षेत्र में सोयाबीन की फसल मुख्यतः उगायी जाती है?

Correct Answer: (d) बुन्देलखण्ड क्षेत्र
Solution:व्याख्या-उत्तर प्रदेश में बुंदेलखण्ड क्षेत्र के जालौन, झाँसी, ललितपुर हमीरपुर, बाँदा और महोबा नामक जिलों में सोयाबीन की खेती की जाती है। इसके अतिरिक्त बदायूँ, शाहजहाँपुर, रामपुर, बरेली तथा मेरठ आदि जिलों में भी इसकी खेती की जाती हैं।

30. उत्तर प्रदेश में केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही है :

Correct Answer: (b) झांसी में
Solution:व्याख्या उत्तर प्रदेश के झाँसी में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना संसद के एक अधिनियम (सं. 10,2014) द्वारा स्थापित किया गया है। इस विश्वविद्यालय के प्रमुख उद्देश्यों में कृषि एवं सम्बद्ध विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में शिक्षा प्रदान करना, कृषि के क्षेत्र में शोध आदि को बढ़ावा देना आदि शामिल है। इसके अतिरिक्त बदायूँ, शाहजहाँपुर, रामपुर, बरेली तथा मेरठ आदि जिलों में भी इसकी खेती की जाती है।