(1) 'जात' एवं 'सवार' पद प्रदान किए जाते थे।
(2) मनसबदार आनुवांशिक अधिकारी होते थे।
(3) मनसबदारों के तीन वर्ग थे।
(4) दीवान कार्यालय द्वारा इनको वेतन दिया जाता था।
Correct Answer: (d) केवल (1) एवं (3) सही हैं।
Solution:व्याख्या मुगल मनसबदारी व्यवस्था को अकबर ने अपने शासन के 11वें वर्ष में आरम्भ किया था। मनसबदारी व्यवस्था का मुख्य आधार दशमलव प्रणाली के आधार पर पदों का विभाजन करना था। 'मनसबदार' आनुवंशिक नहीं थे। मनसबदार की मृत्यु या पदच्युति के बाद यह स्वतः समाप्त हो जाता था। अकबर ने अपने अंतिम वर्षों में 'जात' और 'सवार' के पदों को आरम्भ किया था। प्रत्येक मनसबदार को एक साथ 'जात' और 'सवार' के पद प्रदान किये गये। जात और सवार के पद को आरम्भ करने के साथ-साथ अकबर ने अपने 5,000 और उससे कम संख्या के मनसबदारों की श्रेणियों में से प्रत्येक श्रेणी को तीन भागों में बाँट दिया जिससे 5000 तक की श्रेणी के विभिन्न मनसबदारों की तीन श्रेणियाँ हो गयीं।