सांस्कृतिक गतिविधियां (उत्तराखंड)

Total Questions: 28

1. 'नंद राजजात' तीर्थयात्रा में 'कांसुवा' से 'हेमकुंड' की दूरी तय की जाती है, वह है- [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2005]

Correct Answer: (c) 280 किमी.
Solution:आध्यात्मिक चेतना तथा सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक नंदादेवी राजजात यात्रा एशिया महाद्वीप की सबसे लंबी धार्मिक यात्रा है। उत्तराखंड की आराध्य नंदादेवी की यह यात्रा 280 किमी. की होती है। राजजात यात्रा के द्वारा नंदादेवी अपने मायके से ससुराल जाती हैं।

2. गढ़वाल चित्रकला से जुड़ा एक प्रसिद्ध नाम है- [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains), 2007]

Correct Answer: (b) मोलाराम
Solution:भोलाराम गढ़वाली चित्रकला शैली से संबद्ध याति है। इनका नारी सौंदर्य का चित्रांकन विशेष उल्लेखनीय है। इस चित्रकला शैली में जारी सौंदर्य एवं व्यक्ति चित्र के साथ-साथ पशु-पक्षियों फल-पुष्पों एवं धार्मिक विषयों पर चित्रण समावेशित हैं।

3. कवि-चित्रकार मोलाराम चित्रकला की किस शैली के लिए प्रसिद्ध है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2002]

Correct Answer: (b) गढ़वाल
Solution:भोलाराम गढ़वाली चित्रकला शैली से संबद्ध याति है। इनका नारी सौंदर्य का चित्रांकन विशेष उल्लेखनीय है। इस चित्रकला शैली में जारी सौंदर्य एवं व्यक्ति चित्र के साथ-साथ पशु-पक्षियों फल-पुष्पों एवं धार्मिक विषयों पर चित्रण समावेशित हैं।

4. रणवीर सिंह बिष्ट का संबंध है- [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2010]

Correct Answer: (b) चित्रकला से
Solution:वर्ष 1928 में पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) में जन्में प्रो. रणवीर सिंह बिष्ट (मृत्यु-1998) का संबंध चित्रकला से है। वे लखनऊ विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स विभाग के अध्यक्ष थे। वर्ष 1991 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।

5. उत्तराखंड का 'हरेला' पर्व संबंधित है- [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2016]

Correct Answer: (a) पौधा रोपण से
Solution:उत्तराखंड का 'हरेला' पर्व पौधा रोपण से संबंधित है। श्रवण मास लगने से पहले आषाढ़ में हरेला बोने के लिए किसी थालीनुमा पात्र या टोकरी का चयन किया जाता है। इसमें मिट्टी डालकर गेहूं, जौ, धान, उड़द तथा सरसों आदि 5 या 7 प्रकार के बीजों को बो दिया जाता है। 'हरेला' परिवेश और खेती से जुड़ा पर्व है। मुख्यतः श्रावण मास में मनाया जाने वाला यह पर्व (त्योहार) चैत्र एवं आश्विन मास में भी मनाया जाता है।

6. हरेला क्या है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2005]

Correct Answer: (a) त्योहार
Solution:उत्तराखंड का 'हरेला' पर्व पौधा रोपण से संबंधित है। श्रवण मास लगने से पहले आषाढ़ में हरेला बोने के लिए किसी थालीनुमा पात्र या टोकरी का चयन किया जाता है। इसमें मिट्टी डालकर गेहूं, जौ, धान, उड़द तथा सरसों आदि 5 या 7 प्रकार के बीजों को बो दिया जाता है। 'हरेला' परिवेश और खेती से जुड़ा पर्व है। मुख्यतः श्रावण मास में मनाया जाने वाला यह पर्व (त्योहार) चैत्र एवं आश्विन मास में भी मनाया जाता है।

7. निम्नलिखित पर्वों में से किसे उत्तरांचल में संतान के कल्याण के लिए मनाया जाता है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2002]

Correct Answer: (b) भिटौली
Solution:उत्तराखंड में संतान के कल्याण के लिए मनाया जाने वाला पर्व 'मिटौली' है।

8. झाल, विणाई, दमाई, मुरयो हैं- [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2005]

Correct Answer: (c) कुमाऊं के वाद्य यंत्र
Solution:ढोल, दमामा, तुरी थाल, बांसुरी, विणाई, हुडुक, डमरू, ढोलक मसकबीन आदि कुमाऊं क्षेत्र के प्रमुख वाद्य यंत्र है। दमाऊं (दमामा, दयू) कटोरे के आकार का तांबे से निर्मित ढोल का सहयोगी वाद्य यंत्र है। इसका प्रयोग धार्मिक एवं अन्य पारंपरिक संगीत में कुमाऊं तथा गढ़वाल में व्यापकता से होता है।

9. गढ़‌वाल क्षेत्र के लोकनृत्यों में कौन-सा उस समय किया जाता है. जब हाल में विवाहित लड़की प्रथम बार मायके आती है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2005]

Correct Answer: (d) थड़िया
Solution:

थड़िया लोकनृत्य विशेष रूप से गढ़वाल क्षेत्र में गढ़वाली विवाहित युवतियों के प्रथम बार मायके आने पर किया जाता है।

10. इनमें से कौन-सा नृत्य उत्तराखंड का नहीं है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2010]

Correct Answer: (c) तेरहताली
Solution:जागर, चांचरी और थड़िया उत्तराखंड के पारंपरिक लोकनृत्य हैं, जबकि तेरहताली राजस्थान का लोकनृत्य है।