Correct Answer: (c) मोतीलाल नेहरू; भारत में संवैधानिक व्यवस्थाएं
Solution:भारत के राज्य सचिव लॉर्ड बिरकेनहेड के अनुसार, भारतीय लोग संवैधानिक सुधार के लिए ठोस प्रस्ताव बनाने में असमर्थ थे। उन्होंने कहा कि भारतीय ऐसा संविधान बनाने में असमर्थ हैं, जिसको सभी भारतीयों का व्यापक राजनीतिक समर्थन प्राप्त हो। इस चुनौती को भारतीयों द्वारा स्वीकार किया गया और एक योजना को अंतिम रूप देने के लिए फरवरी, मई और अगस्त, 1928 में सर्वदलीय अधिवेशन आयोजित किए गए। मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति (कुल 9) ने अगस्त, 1928 में प्रस्तावित संविधान का प्रारूप प्रस्तुत किया। इसको मोतीलाल नेहरू के नाम पर 'नेहरू रिपोर्ट' नाम से बाद में जाना गया। मोतीलाल नेहरू ही इस रिपोर्ट के लेखक थे। इसमें सांप्रदायिक आधार पर अलग निर्वाचन मंडल की मांग को अस्वीकार किया गया था। इस रिपोर्ट में 'डोमिनियन स्टेट्स' की मांग की गई थी। इसके अतिरिक्त अन्य सिफारिश की गई थी; जैसे सब वयस्कों के लिए मताधिकार, महिलाओं के लिए समान अधिकार, यूनियन (संगठन) बनाने की स्वतंत्रता और धर्म का हर प्रकार से राज्य से पृथक्करण ।