सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन (UPPCS) (भाग – 2)

Total Questions: 50

11. निम्नलिखित में से किसने महाराष्ट्र में 'प्रार्थना समाज' की स्थापना की थी? [U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]

Correct Answer: (a) आत्माराम पांडुरंग ने
Solution:प्रार्थना समाज की स्थापना 1867 ई. में बंबई में आचार्य केशवचंद्र सेन की प्रेरणा से आत्माराम पांडुरंग द्वारा की गई थी। महादेव गोविंद रानाडे इस संस्था से 1869 ई. में जुड़े तथा इसके मुख्य संचालक बने। इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य जाति प्रथा का विरोध, स्त्री-पुरुष की विवाह की आयु में वृद्धि, विधवा विवाह एवं स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन देना था। रानाडे का सामाजिक सुधार आंदोलन 19वीं शताब्दी के अंत तक सफलतापूर्वक जारी रहा।

12. प्रार्थना समाज की स्थापना________में हुई थी। [M.P. P.C.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (d) महाराष्ट्र
Solution:प्रार्थना समाज की स्थापना 1867 ई. में बंबई में आचार्य केशवचंद्र सेन की प्रेरणा से आत्माराम पांडुरंग द्वारा की गई थी। महादेव गोविंद रानाडे इस संस्था से 1869 ई. में जुड़े तथा इसके मुख्य संचालक बने। इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य जाति प्रथा का विरोध, स्त्री-पुरुष की विवाह की आयु में वृद्धि, विधवा विवाह एवं स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन देना था। रानाडे का सामाजिक सुधार आंदोलन 19वीं शताब्दी के अंत तक सफलतापूर्वक जारी रहा।

13. 'प्रार्थना समाज' संस्था के संस्थापक कौन थे? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2004]

Correct Answer: ?
Solution:प्रार्थना समाज की स्थापना 1867 ई. में बंबई में आचार्य केशवचंद्र सेन की प्रेरणा से आत्माराम पांडुरंग द्वारा की गई थी। महादेव गोविंद रानाडे इस संस्था से 1869 ई. में जुड़े तथा इसके मुख्य संचालक बने। इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य जाति प्रथा का विरोध, स्त्री-पुरुष की विवाह की आयु में वृद्धि, विधवा विवाह एवं स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन देना था। रानाडे का सामाजिक सुधार आंदोलन 19वीं शताब्दी के अंत तक सफलतापूर्वक जारी रहा।

14. प्रार्थना समाज' के संस्थापक कौन थे? [53rd to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]

Correct Answer: (a) आत्माराम पांडुरंग
Solution:प्रार्थना समाज की स्थापना 1867 ई. में बंबई में आचार्य केशवचंद्र सेन की प्रेरणा से आत्माराम पांडुरंग द्वारा की गई थी। महादेव गोविंद रानाडे इस संस्था से 1869 ई. में जुड़े तथा इसके मुख्य संचालक बने। इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य जाति प्रथा का विरोध, स्त्री-पुरुष की विवाह की आयु में वृद्धि, विधवा विवाह एवं स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन देना था। रानाडे का सामाजिक सुधार आंदोलन 19वीं शताब्दी के अंत तक सफलतापूर्वक जारी रहा।

15. महाराष्ट्र में प्रार्थना समाज का मुख्य संचालक कौन था? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]

Correct Answer: (b) एम.जी. रानाडे
Solution:प्रार्थना समाज की स्थापना 1867 ई. में बंबई में आचार्य केशवचंद्र सेन की प्रेरणा से आत्माराम पांडुरंग द्वारा की गई थी। महादेव गोविंद रानाडे इस संस्था से 1869 ई. में जुड़े तथा इसके मुख्य संचालक बने। इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य जाति प्रथा का विरोध, स्त्री-पुरुष की विवाह की आयु में वृद्धि, विधवा विवाह एवं स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन देना था। रानाडे का सामाजिक सुधार आंदोलन 19वीं शताब्दी के अंत तक सफलतापूर्वक जारी रहा।

16. 'देव समाज' का संस्थापक निम्न में से कौन था? [U.P. P.C.S. (Pre) 2002 U.P. Lower Sub. (Pre) 2002 U.P. Lower Sub. (Pre) 2003]

Correct Answer: (c) शिवनारायण अग्निहोत्री
Solution:'देव समाज' की स्थापना 1887 ई. में शिवनारायण अग्निहोत्री ने लाहौर में की थी। ये ब्रह्म समाज के पूर्व अनुयायी थे। इस समाज के उपदेशों को 'देवशास्त्र' नामक एक पुस्तक में संकलित किया गया है। इसमें प्रभु की सत्ता, आत्मा की अमरता, गुरु की महत्ता और सत्कार्यों की आवश्यकता पर बल दिया गया है। वर्ष 1913 के बाद शिवनारायण अग्निहोत्री द्वारा अपने द्वितीय पुत्र देवानंद को आध्यात्मिक उत्तराधिकारी नियुक्त करने के बाद इस आंदोलन की सार्वजनिक लोकप्रियता समाप्त हो गई।

17. किसने 1873 ई. में 'सत्यशोधक समाज' की स्थापना की ? [40th B.P.S.C. (Pre) 1995 U.P. P.C.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (b) ज्योतिबा फुले
Solution:1873 ई. में सत्यशोधक समाज की स्थापना ज्योतिबा फुले ने की थी। इनका जन्म 1827 ई. में एक माली के घर हुआ था। इन्होंने शक्तिशाली गैर-ब्राह्मण आंदोलन का संचालन किया। इन्होंने अपनी पुस्तक 'गुलामगीरी' एवं अपने संगठन 'सत्यशोधक समाज' के द्वारा पाखंडी ब्राह्मणों एवं उनके अवसरवादी धर्म ग्रंथों निम्न जातियों की रक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।

18. सत्यशोधक समाज' की स्थापना किसने की थी? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (c) ज्योतिबा फुले
Solution:1873 ई. में सत्यशोधक समाज की स्थापना ज्योतिबा फुले ने की थी। इनका जन्म 1827 ई. में एक माली के घर हुआ था। इन्होंने शक्तिशाली गैर-ब्राह्मण आंदोलन का संचालन किया। इन्होंने अपनी पुस्तक 'गुलामगीरी' एवं अपने संगठन 'सत्यशोधक समाज' के द्वारा पाखंडी ब्राह्मणों एवं उनके अवसरवादी धर्म ग्रंथों निम्न जातियों की रक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।

19. 'सत्यशोधक समाज' की स्थापना किसने की? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (d) ज्योतिबा फुले
Solution:1873 ई. में सत्यशोधक समाज की स्थापना ज्योतिबा फुले ने की थी। इनका जन्म 1827 ई. में एक माली के घर हुआ था। इन्होंने शक्तिशाली गैर-ब्राह्मण आंदोलन का संचालन किया। इन्होंने अपनी पुस्तक 'गुलामगीरी' एवं अपने संगठन 'सत्यशोधक समाज' के द्वारा पाखंडी ब्राह्मणों एवं उनके अवसरवादी धर्म ग्रंथों निम्न जातियों की रक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।

20. गुलामगीरी' का लेखक कौन था? [U.P. P.C.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (b) ज्योतिबा फुले
Solution:1873 ई. में सत्यशोधक समाज की स्थापना ज्योतिबा फुले ने की थी। इनका जन्म 1827 ई. में एक माली के घर हुआ था। इन्होंने शक्तिशाली गैर-ब्राह्मण आंदोलन का संचालन किया। इन्होंने अपनी पुस्तक 'गुलामगीरी' एवं अपने संगठन 'सत्यशोधक समाज' के द्वारा पाखंडी ब्राह्मणों एवं उनके अवसरवादी धर्म ग्रंथों निम्न जातियों की रक्षा की आवश्यकता पर बल दिया।