Correct Answer: (b) राजा राममोहन राय
Solution:1826 ई. में जूरी एक्ट पारित किया गया था, जिसके अंतर्गत न्यायालयों में धार्मिक आधार पर भेदभाव की शुरुआत हुई। इसके अंतर्गत यह प्रावधान था कि हिंदू तथा मुसलमानों के मामलों की सुनवाई किसी यूरोपीय अथवा भारतीय ईसाई जजों द्वारा तो की जा सकती थी; किंतु किसी भी ईसाई, चाहे वह यूरोपीय हो अथवा भारतीय, की सुनवाई किसी हिंदू अथवा मुसलमान न्यायाधीश द्वारा नहीं की जा सकती थी। राजा राममोहन राय ने इस भेदभाव का जोरदार तरीके से विरोध किया था।