सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन (UPPCS) (भाग – 3)

Total Questions: 45

1. शारदा अधिनियम के अंतर्गत लडकियों एवं लड़कों के विवाह की न्यूनतम आयु क्रमशः कितनी निर्धारित की गई थी? [U.P.P.C.S. (Pre) 2012 U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]

Correct Answer: (b) 14 एवं 18
Solution:वर्ष 1929 में अजमेर निवासी एवं न्यायाधीश डॉ. हरविलास शारदा के प्रयत्नों से एक बाल विवाह निषेध कानून बन पाया। उन्हीं के नाम पर ही इसे शारदा अधिनियम (शारदा एक्ट) कहा गया। इस अधिनियम के द्वारा लड़कियों के विवाह की न्यूनतम सीमा 14 वर्ष एवं लड़कों की 18 वर्ष निर्धारित की गई।

2. शारदा एक्ट संबंधित था- [Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2002]

Correct Answer: (a) बाल विवाह प्रतिबंध से
Solution:वर्ष 1929 में अजमेर निवासी एवं न्यायाधीश डॉ. हरविलास शारदा के प्रयत्नों से एक बाल विवाह निषेध कानून बन पाया। उन्हीं के नाम पर ही इसे शारदा अधिनियम (शारदा एक्ट) कहा गया। इस अधिनियम के द्वारा लड़कियों के विवाह की न्यूनतम सीमा 14 वर्ष एवं लड़कों की 18 वर्ष निर्धारित की गई।

3. 'थियोसोफिकल सोसाइटी' की स्थापना किसने की? [53rd to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]

Correct Answer: (a) मैडम एच.पी. ब्लावाट्स्की
Solution:'थियोसोफिकल सोसाइटी' की स्थापना रूसी महिला मैडम एच. पी. ब्लावाट्स्की (वर्तमान यूक्रेन निवासी), अमेरिकी सैनिक अधिकारी कर्नल अल्कॉट, आयरिश- अमेरिकी नागरिक विलियम क्वॉन जज एवं अन्य द्वारा 1875 ई. में न्यूयॉर्क में की गई थी। इस सोसाइटी के संस्थापक 1882 ई. में मद्रास (वर्तमान चेन्नई) के पास अड्यार नामक स्थान पर सोसाइटी का मुख्यालय स्थापित किए जो बाद में इसका अंतरराष्ट्रीय कार्यालय बना। इसका मुख्य उद्देश्य प्राचीन हिंदू धर्म में लोगों के आत्मविश्वास को जगाना और बढ़ाना तथा धर्म को समाज सेवा का मुख्य आधार बनाना था। जबकि राजा राममोहन राय द्वारा 1828 ई. में 'ब्रह्म समाज' एवं स्वामी विवेकानंद द्वारा 1897 ई. में 'रामकृष्ण मिशन' की स्थापना की गई।

4. भारत में थियोसोफिकल सोसाइटी की सफलता मुख्यतः थी- [U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]

Correct Answer: (a) एनी बेसेंट के कारण
Solution:1879 ई. में कर्नल अल्काट एवं मैडम ब्लावाट्स्की भारत आए तथा मद्रास में अड्यार के पास थियोसोफिकल सोसाइटी के मुख्यालय की स्थापना की। 1889 ई. में श्रीमती एनी बेसेंट इस सोसाइटी की सदस्य बनीं तथा 1893 ई. में भारत आकर उन्होंने सोसाइटी के लिए सर्वाधिक सक्रिय भूमिका निभाई। श्रीमती एनी बेसेंट ने प्राचीन हिंदू धर्म को विश्व का अत्यधिक गूढ़ एवं आध्यात्मिक धर्म माना। थिसोसोफी या ब्रह्म विद्या हिंदू धर्म के आध्यात्मिक दर्शन और कर्म सिद्धांत तथा आत्मा के पुनर्जन्म के सिद्धांत का समर्थन करती थी। इसी कारण एनी बेसेंट भारतीय लोगों को इससे जोड़ सकीं, जो इसकी सफलता का मुख्य कारण था।

5. निम्नलिखित युग्मों में से कौन सुमेलित नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2011]

Correct Answer: (d) महादेव गोविंद रानाडे - थियोसोफिकल सोसाइटी
Solution:राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की, स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की तथा स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। महादेव गोविंद रानाडे थियोसोफिकल सोसाइटी से नहीं, बल्कि प्रार्थना समाज (संस्थापक आत्माराम पांडुरंग) से जुड़े थे। थियोसोफिकल सोसाइटी से एनी बेसेंट संबंधित थीं।

6. सूची-I को सूची-II से सुमेल कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए- [U.P. P.C.S. (Pre) 1994]

 

                            सूची-(1)

                सूची-(II)

1. प्रार्थना समाज

अ. राजा राममोहन राय

2. ब्रह्म समाज

ब. विवेकानंद

3. आर्य समाज

स. दयानंद सरस्वती

4. रामकृष्ण मिशन

द. रानाडे

इ. रामकृष्ण परमहंस

 

      1

      2

      3

        4

(a)

अ 

(b)

अ 

(c)

अ 

(d)

अ 

Correct Answer: (d)
Solution:राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की, स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की तथा स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। महादेव गोविंद रानाडे थियोसोफिकल सोसाइटी से नहीं, बल्कि प्रार्थना समाज (संस्थापक आत्माराम पांडुरंग) से जुड़े थे। थियोसोफिकल सोसाइटी से एनी बेसेंट संबंधित थीं।

7. निम्न में से कौन सुमेल नहीं है? [U.P. P.C.S. (Pre) 1990]

Correct Answer: (b) रामकृष्ण मिशन - रामकृष्ण परमहंस
Solution:राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की, स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की तथा स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। महादेव गोविंद रानाडे थियोसोफिकल सोसाइटी से नहीं, बल्कि प्रार्थना समाज (संस्थापक आत्माराम पांडुरंग) से जुड़े थे। थियोसोफिकल सोसाइटी से एनी बेसेंट संबंधित थीं।

8. निम्नलिखित में से कौन एक सुमेलित नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2014]

Correct Answer: (b) आत्मीय सभा - देवेंद्रनाथ टैगोर
Solution:आत्मीय सभा की स्थापना 1815 ई. में राजा राममोहन राय ने की। प्रार्थना समाज की स्थापना 1867 ई. में डॉ. आत्माराम पांडुरंग के नेतृत्व में हुई। दो वर्ष बाद इसमें आर.जी. भंडारकर और महादेव गोविंद रानाडे भी शामिल हुए। 1866 ई. में ब्रह्म समाज का विभाजन हो गया। देवेंद्रनाथ टैगोर के नेतृत्व में आदि ब्रह्म समाज तथा केशवचंद्र सेन के नेतृत्व में भारतीय ब्रह्म समाज की स्थापना हुई। परम संत तुलसीराम, राधास्वामी संत्सग से संबंधित हैं।

9. सूची-I को सूची-II से सुमेल कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए- [U.P. P.C.S. (Mains) 2003]

सूची-Iसूची-II
A. ब्रह्म समाज1. बंबई
B. मानव धर्म सभा2. सूरत
C. आर्य समाज3. कलकत्ता
D. नदवा-उल-उल्मा4. लखनऊ

 

      1

      2

      3

        4

(a)

4

1

3

2

(b)

2

4

3

1

(c)

3

1

4

2

(d)

3

2

1

4

Correct Answer: (d)
Solution:1828 ई. में राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की नींव कलकत्ता में डाली। मानव धर्म सभा की स्थापना सूरत में हुई। 1875 ई. में दयानंद सरस्वती ने बंबई में आर्य समाज की स्थापना की, जिसका मुख्य उद्देश्य प्राचीन वैदिक धर्म की शुद्ध रूप से पुनः स्थापना करना था। नदवा-उल-उल्मा की स्थापना लखनऊ में हुई। इसने मुस्लिम सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में अत्यधिक प्रयास किया।

10. निम्नलिखित में से किस समाज सुधारक ने 1826 के जूरी अधिनियम का घोर विरोध किया? [U.P. P.C.S. (Pre.) 2017]

Correct Answer: (b) राजा राममोहन राय
Solution:1826 ई. में जूरी एक्ट पारित किया गया था, जिसके अंतर्गत न्यायालयों में धार्मिक आधार पर भेदभाव की शुरुआत हुई। इसके अंतर्गत यह प्रावधान था कि हिंदू तथा मुसलमानों के मामलों की सुनवाई किसी यूरोपीय अथवा भारतीय ईसाई जजों द्वारा तो की जा सकती थी; किंतु किसी भी ईसाई, चाहे वह यूरोपीय हो अथवा भारतीय, की सुनवाई किसी हिंदू अथवा मुसलमान न्यायाधीश द्वारा नहीं की जा सकती थी। राजा राममोहन राय ने इस भेदभाव का जोरदार तरीके से विरोध किया था।