सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन (UPPCS) (भाग – 3)

Total Questions: 45

21. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए - [69th B.P.S.C. (Pre) 2023]

 

                    सूची-I

                     सूची-II

A. भारत सेवक समाज

1. देबेन्द्रनाथ टैगोर

B. तत्त्वबोधिनी सभा

2. गोपाल कृष्ण गोखले

C. आत्मीय सभा

3. राम मोहन रॉय

4. केशव चन्द्र सेन

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

 

      A

          B

      C

(a)

2

1

3

(b)

2

4

3

(c)

1

2

3

(d)

1

4

3

Correct Answer: (a)
Solution:सही सुमेलन इस प्रकार है -
सूची-Iसूची-II
भारत सेवक समाज (Servants of India Society)गोपाल कृष्ण गोखले
तत्त्वबोधिनी सभादेवेंद्रनाथ टैगोर
आत्मीय सभाराजा राम मोहन रॉय

22. गोपाल कृष्ण गोखले ने भारत सेवक समाज (Servants of India Society) की स्थापना किस वर्ष में की? [Raj.P.C.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (d) 1905 ई.
Solution:भारत सेवक समाज (The Servants of India Society) की स्थापना गोपाल कृष्ण गोखले ने महाराष्ट्र के पुणे जिले में 12 जून, 1905 को की थी। गोखले ने इस सोसाइटी की स्थापना अपने तीन मित्रों अप्पाजी द्रविड़, गोपाल कृष्ण देवधर और अनंत विनायक पटवर्धन के सहयोग से की थी।

23. 'बहुजन समाज' का संस्थापक कौन था? [U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) मुकुंदराव पाटिल
Solution:ज्योतिबा फुले के विचारों से प्रेरित होकर मुकुंदराव पाटिल एवं शंकरराव जाधव ने एक ब्राह्मण विरोधी एवं प्रबल कांग्रेस-विरोधी 'बहुजन समाज' की स्थापना की। यह आंदोलन बाद में उस समय सामाजिक एवं राजनीतिक रूप में विघटनकारी और ब्रिटिश सरकार का समर्थक हो गया, जब कोल्हापुर के शाहू महाराज ने अपने दरबार में ब्राह्मण दरबारियों के साथ विवादों एवं झगड़ों के कारण इस आंदोलन को संरक्षण दिया।

24. किसके द्वारा मंदिरों में प्रवेश के अधिकार की मांग की प्रस्तुति के कारण 1899 ई. में तिरुनेलवेली में भयंकर दंगे हुए थे? [40th B.P.S.C. (Pre) 1995]

Correct Answer: (b) नाडार
Solution:नाडारों द्वारा मंदिरों में प्रवेश के अधिकार की मांग की प्रस्तुति के कारण 1899 ई. में तिरुनेलवेली में भयंकर दंगे हुए थे।

25. किसने कहा कि “यदि भगवान अस्पृश्यता को सहन करते हैं, तो मैं उन्हें कभी भगवान नहीं मानूंगा"? [U.P. P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]

Correct Answer: (b) बाल गंगाधर तिलक
Solution:छुआछूत उन्मूलन के लिए आयोजित एक सम्मेलन में तिलक ने कहा था, "यदि भगवान भी छुआछूत को बरदाश्त करे तो मैं भगवान को नहीं मानूंगा।" तिलक को लोग प्रायः 'लोकमान्य' कहते थे।

26. सूची-I का सूची-II से सुमेल कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए- [U.P. Lower Sub. (Pre) 1998]

सूची-Iसूची-II
A. राजा राममोहन राय1. यह कहा कि ब्रह्मवाद को विश्व धर्म बनाना चाहिए
B. केशवचंद्र सेन2. हिंदू धर्म की पहचान वेदों में संस्थापित धर्म से की
C. दयानंद सरस्वती3. इस पर जोर दिया कि ईश्वर तक पहुंचने के कई मार्ग हो सकते हैं
D. रामकृष्ण परमहंस4. यह कहा कि हिंदू धर्म का शुद्धतम रूप उपनिषदों में निहित है

 

      A

          B

      C

        D

(a)

1

4

2

3

(b)

1

4

3

2

(c)

4

1

3

2

(d)

4

1

2

3

Correct Answer: (d)
Solution:ब्रह्म समाज के संस्थापक राममोहन राय उस समय हिंदू धर्म के रक्षक के रूप में सामने आए जब पाश्चात्य शिक्षा से प्रभावित होकर तरुण बंगाली ईसाई धर्म की ओर आकर्षित हो रहे थे। उन्होंने हिंदू धर्म के सिद्धांतों की पुनर्व्याख्या की और अपने सुधारों के लिए उपनिषदों से पर्याप्त मात्रा में आधार खोज निकाले। स्वामी दयानंद सरस्वती शुद्ध वैदिक परंपरा में विश्वास रखते थे, उन्होंने 'वेदों की ओर लौटो' का नारा दिया। केशवचंद्र ने ब्रह्मवाद को विश्व धर्म बनाने का आह्वान किया। रामकृष्ण परमहंस ने इस बात पर जोर दिया था कि ईश्वर तक पहुंचने के कई मार्ग हो सकते हैं। उन्होंने उपासना के सभी रूपों में एक ही परमात्मा की आराधना करते हुए सभी धर्मों की पूजा विधियों में एक ही ईश्वर की खोज की, जिसे पाने के लिए सभी धर्मावलंबी अपने-अपने मार्ग से उस गंतव्य का ध्यान करते हैं।

27. निम्नलिखित में से कौन-सा सुमेलित नहीं है? [U.P. P.C.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (c) राजा राममोहन राय - आदि ब्रह्म समाज
Solution:राजा राममोहन राय ने 1828 ई. में ब्रह्म समाज की स्थापना की थी, बाद में देवेंद्रनाथ टैगोर के तहत यह 'आदि ब्रह्म समाज' कहलाया। 1865 ई. में केशवचंद्र सेन एवं देवेंद्रनाथ टैगोर के मध्य वैचारिक मतभेद हो जाने के कारण 1866 ई. में केशवचंद्र सेन ने भारतीय ब्रह्म समाज / नव विधान ब्रह्म समाज के नाम से एक नई सभा का गठन किया। जिसके बाद देवेंद्रनाथ टैगोर के ब्रह्म समाज को 'आदि ब्रह्म समाज' के नाम से जाना जाने लगा।

28. निम्नलिखित में से कौन-सा सही सुमेलित नहीं है? [U.P. R.O./A.R.O. (Re-Exam) (Pre) 2016]

संगठनव्यक्ति
(a) यंग बंगाल आंदोलनहेनरी विवियन डेरोजियो
(b) बहिष्कृत हितकारिणीज्योतिबा फुले
(c) थियोसोफिकल सोसाइटीकर्नल अल्काट
(d) यूनाइटेड इंडियन पेट्रियोटिक एसोसिएशनसैयद अहमद खान
Correct Answer: (b)
Solution:बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना बाबासाहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर ने किया था। शेष विकल्प सही सुमेलित हैं।

29. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए। [U.P.P.C.S. (Pre) 2022]

सूची-I (व्यक्ति)सूची-II (संबंधित कार्य/पद)
A. डी.के. करे1. कलकत्ता में कन्या विद्यालय की स्थापना
B. जे.ई.डी. बेथुन2. सचिव, विडो री-मैरिज एसोसिएशन
C. ईश्वरचंद्र विद्यासागर3. बाल विवाह विरुद्ध संघर्ष प्रारंभ करना
D. बी.एम. मालाबारी4. कलकत्ता में संस्कृत कॉलेज के प्राचार्य

 

      A

          B

      C

        D

(a)

2

1

4

3

(b)

1

2

3

4

(c)

1

2

4

3

(d)

2

1

3

4

Correct Answer: (a)
Solution:सूची-I तथा सूची-II का सुमेलन निम्नवत है-
सूची-I (व्यक्ति)सूची-II (संबंधित कार्य/पद)
डी.के. कर्वेसचिव, विडो री-मैरिज एसोसिएशन
जे.ई.डी. बेथुनकलकत्ता में कन्या विद्यालय की स्थापना
ईश्वरचंद्र विद्यासागरकलकत्ता में संस्कृत कॉलेज के प्राचार्य
बी.एम. मालाबारीबाल विवाह के विरुद्ध संघर्ष प्रारंभ करना

30. प्रार्थना समाज, यंग इंडिया, लोकहितवादी, सत्यशोधक समाज, रहनुमाई मजदायसन सभा के लिए निम्न विकल्पों में से सही संयोजन पहचानिए- [64th B.P.S.C. (Pre) 2018]

Correct Answer: (b) आत्माराम पांडुरंग, मोहनदास करमचंद गांधी, गोपाल हरि देशमुख, ज्योतिबा फुले, नौरोजी फुरदोनजी
Solution:प्रार्थना समाज की स्थापना 1867 ई. में बंबई में आचार्य केशवचंद्र सेन की प्रेरणा से आत्माराम पांडुरंग द्वारा की गई थी। महात्मा गांधी द्वारा प्रारंभ किए गए समाचार-पत्र थे इंडियन ओपीनियन, हरिजन, यंग इंडिया तथा नवजीवन। महाराष्ट्र के समाज सुधारक गोपाल हरि देशमुख 'लोकहितवादी' के रूप में प्रख्यात थे। 1873 ई. में 'सत्यशोधक समाज' की स्थापना ज्योतिबा फुले ने की थी। 1851 ई. में नौरोजी फुरदोनजी ने अन्य पारसी सहयोगियों के साथ रहनुमाई मजदायसन सभा की स्थापना की। इस प्रकार विकल्प (b) सही संयोजन है।