सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज (UPPCS)

Total Questions: 40

1. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म जिस नगर में हुआ था, वह है– [U.P.P.C.S. (Mains) 2006]

Correct Answer: (a) कटक
Solution:नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा (ओडिशा) के कटक में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1919 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध स्कॉटिश चर्च कॉलेज से 'स्नातक' की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 1920 में वह भारतीय नागरिक सेवा (I.C.S.) में उत्तीर्ण हुए। वर्ष 1938 हरिपुरा एवं वर्ष 1939 त्रिपुरी में कांग्रेस के अध्यक्ष बने। वर्ष 1939 में कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र देकर फॉ रवर्ड ब्लॉक की स्थापना की तथा वर्ष 1941 में जर्मनी चले गए। उन्होंने वर्ष 1943 में आजाद हिंद फौज की कमान संभाली। प्रायः उन्हें 'नेताजी' के नाम से स्मरण किया जाता है। उन्हें 'नेताजी' उपाधि जर्मन विदेश मंत्रालय ने दिया था।

2. वर्ष 1939 में कांग्रेस को छोड़ने के पश्चात सुभाष चंद्र बोस ने किस दल की स्थापना की ? [I.A.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (d) फॉरवर्ड ब्लॉक
Solution:नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा (ओडिशा) के कटक में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1919 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध स्कॉटिश चर्च कॉलेज से 'स्नातक' की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 1920 में वह भारतीय नागरिक सेवा (I.C.S.) में उत्तीर्ण हुए। वर्ष 1938 हरिपुरा एवं वर्ष 1939 त्रिपुरी में कांग्रेस के अध्यक्ष बने। वर्ष 1939 में कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र देकर फॉ रवर्ड ब्लॉक की स्थापना की तथा वर्ष 1941 में जर्मनी चले गए। उन्होंने वर्ष 1943 में आजाद हिंद फौज की कमान संभाली। प्रायः उन्हें 'नेताजी' के नाम से स्मरण किया जाता है। उन्हें 'नेताजी' उपाधि जर्मन विदेश मंत्रालय ने दिया था।

3. सुभाष चंद्र बोस ने 'फॉरवर्ड ब्लॉक' की स्थापना किस वर्ष की थी ? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2008 U.P. P.C.S (Mains) 2016]

Correct Answer: (d) वर्ष 1939
Solution:नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा (ओडिशा) के कटक में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1919 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध स्कॉटिश चर्च कॉलेज से 'स्नातक' की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 1920 में वह भारतीय नागरिक सेवा (I.C.S.) में उत्तीर्ण हुए। वर्ष 1938 हरिपुरा एवं वर्ष 1939 त्रिपुरी में कांग्रेस के अध्यक्ष बने। वर्ष 1939 में कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र देकर फॉ रवर्ड ब्लॉक की स्थापना की तथा वर्ष 1941 में जर्मनी चले गए। उन्होंने वर्ष 1943 में आजाद हिंद फौज की कमान संभाली। प्रायः उन्हें 'नेताजी' के नाम से स्मरण किया जाता है। उन्हें 'नेताजी' उपाधि जर्मन विदेश मंत्रालय ने दिया था।

4. फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना किसने की? [44th B.P.S.C. (Pre) 2000 48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008]

Correct Answer: (a) सुभाष चंद्र बोस
Solution:नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा (ओडिशा) के कटक में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1919 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध स्कॉटिश चर्च कॉलेज से 'स्नातक' की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 1920 में वह भारतीय नागरिक सेवा (I.C.S.) में उत्तीर्ण हुए। वर्ष 1938 हरिपुरा एवं वर्ष 1939 त्रिपुरी में कांग्रेस के अध्यक्ष बने। वर्ष 1939 में कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र देकर फॉ रवर्ड ब्लॉक की स्थापना की तथा वर्ष 1941 में जर्मनी चले गए। उन्होंने वर्ष 1943 में आजाद हिंद फौज की कमान संभाली। प्रायः उन्हें 'नेताजी' के नाम से स्मरण किया जाता है। उन्हें 'नेताजी' उपाधि जर्मन विदेश मंत्रालय ने दिया था।

5. सुभाष चंद्र बोस के नाम के पहले सम्मानसूचक 'नेताजी' किस देश में जोड़ा गया? [67th B.P.S.C. (Pre) 2021]

Correct Answer: (c) जर्मनी
Solution:नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा (ओडिशा) के कटक में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1919 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध स्कॉटिश चर्च कॉलेज से 'स्नातक' की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 1920 में वह भारतीय नागरिक सेवा (I.C.S.) में उत्तीर्ण हुए। वर्ष 1938 हरिपुरा एवं वर्ष 1939 त्रिपुरी में कांग्रेस के अध्यक्ष बने। वर्ष 1939 में कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र देकर फॉ रवर्ड ब्लॉक की स्थापना की तथा वर्ष 1941 में जर्मनी चले गए। उन्होंने वर्ष 1943 में आजाद हिंद फौज की कमान संभाली। प्रायः उन्हें 'नेताजी' के नाम से स्मरण किया जाता है। उन्हें 'नेताजी' उपाधि जर्मन विदेश मंत्रालय ने दिया था।

6. फॉरवर्ड ब्लॉक किसके द्वारा स्थापित किया गया था? [67th B.P.S.C. (Pre) 2021]

Correct Answer: (b) सुभाष चंद्र बोस
Solution:नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा (ओडिशा) के कटक में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1919 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध स्कॉटिश चर्च कॉलेज से 'स्नातक' की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 1920 में वह भारतीय नागरिक सेवा (I.C.S.) में उत्तीर्ण हुए। वर्ष 1938 हरिपुरा एवं वर्ष 1939 त्रिपुरी में कांग्रेस के अध्यक्ष बने। वर्ष 1939 में कांग्रेस की अध्यक्षता से त्यागपत्र देकर फॉ रवर्ड ब्लॉक की स्थापना की तथा वर्ष 1941 में जर्मनी चले गए। उन्होंने वर्ष 1943 में आजाद हिंद फौज की कमान संभाली। प्रायः उन्हें 'नेताजी' के नाम से स्मरण किया जाता है। उन्हें 'नेताजी' उपाधि जर्मन विदेश मंत्रालय ने दिया था।

7. आई.एन.ए. मानसिक पुत्र था- [U.P. P.C.S. (Pre) 2001]

1. ज्ञानी प्रीतम सिंह का               2. मोहन सिंह का

3. सुभाष चंद्र बोस का              4. मेजर आईवाची फूजीवारा का

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-

कूट :

Correct Answer: (d) 1 तथा 4
Solution:दिसंबर, 1941 में उत्तरी मलय के जंगलों में कैप्टन मोहन सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब रेजीमेंट की टुकड़ी जापानी सेना से पराजित हुई। इस टुकड़ी के अंग्रेज लेफ्टिनेंट कर्नल एल.वी. फिट्जपैट्रिक जापान के युद्ध-बंदी हुए; किंतु बैंकॉक निवासी भारतीय सिख ज्ञानी प्रीतम सिंह के जिम्मेदारी लेने पर कैप्टन मोहन सिंह एवं अन्य भारतीय सैनिकों को युद्ध-बंदी के बजाए 'जापान के मित्र' का दर्जा दिया गया। ज्ञानी प्रीतम सिंह गदर पार्टी के सदस्य थे और बैंकॉक में भारतीय स्वतंत्रता के लिए कार्यरत थे। श्री प्रीतम सिंह जापान के सहयोग से स्वतंत्र भारतीय सेना का गठन करना चाहते थे। वस्तुतः जापान के मेजर आईवाची फूजीवारा एवं ज्ञानी प्रीतम सिंह ने ही कैप्टन मोहन सिंह को 'इंडियन नेशनल आर्मी' का नेतृत्व करने के लिए उत्साहित किया। दिसंबर, 1941 के अंत में कैप्टन मोहन सिंह इसके लिए सहमत हो गए। 15 जुलाई, 1942 को मोहन सिंह के नेतृत्व में 'इंडियन नेशनल आर्मी' का गठन किया गया जिसमें जापान के 'मलय अभियान' के तहत पराजित ब्रिटिश सेना के भारतीय सैनिकों को शामिल किया गया था। स्पष्ट है कि आई.एन.ए. का विचार सूत्र ज्ञानी प्रीतम सिंह एवं फूजीवारा ने दिया, जबकि कैप्टन मोहन सिंह ने उसे प्रथम नेतृत्व प्रदान करने का साहसिक कार्य किया।

8. आई.एन.ए. किसके दिमाग की उपज थी और किसने इसकी स्थापना की ? [39th B.P.S.C. (Pre) 1994]

Correct Answer: (b) मोहन सिंह
Solution:दिसंबर, 1941 में उत्तरी मलय के जंगलों में कैप्टन मोहन सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब रेजीमेंट की टुकड़ी जापानी सेना से पराजित हुई। इस टुकड़ी के अंग्रेज लेफ्टिनेंट कर्नल एल.वी. फिट्जपैट्रिक जापान के युद्ध-बंदी हुए; किंतु बैंकॉक निवासी भारतीय सिख ज्ञानी प्रीतम सिंह के जिम्मेदारी लेने पर कैप्टन मोहन सिंह एवं अन्य भारतीय सैनिकों को युद्ध-बंदी के बजाए 'जापान के मित्र' का दर्जा दिया गया। ज्ञानी प्रीतम सिंह गदर पार्टी के सदस्य थे और बैंकॉक में भारतीय स्वतंत्रता के लिए कार्यरत थे। श्री प्रीतम सिंह जापान के सहयोग से स्वतंत्र भारतीय सेना का गठन करना चाहते थे। वस्तुतः जापान के मेजर आईवाची फूजीवारा एवं ज्ञानी प्रीतम सिंह ने ही कैप्टन मोहन सिंह को 'इंडियन नेशनल आर्मी' का नेतृत्व करने के लिए उत्साहित किया। दिसंबर, 1941 के अंत में कैप्टन मोहन सिंह इसके लिए सहमत हो गए। 15 जुलाई, 1942 को मोहन सिंह के नेतृत्व में 'इंडियन नेशनल आर्मी' का गठन किया गया जिसमें जापान के 'मलय अभियान' के तहत पराजित ब्रिटिश सेना के भारतीय सैनिकों को शामिल किया गया था। स्पष्ट है कि आई.एन.ए. का विचार सूत्र ज्ञानी प्रीतम सिंह एवं फूजीवारा ने दिया, जबकि कैप्टन मोहन सिंह ने उसे प्रथम नेतृत्व प्रदान करने का साहसिक कार्य किया।

9. आजाद हिंद फौज का विचार किसने सुझाया ? [U.P. P.C.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (a) मोहन सिंह
Solution:यदि ज्ञानी प्रीतम सिंह और मेजर फूजीवारा का नाम विकल्पों में नहीं है, तो अभीष्ट विकल्प मोहन सिंह ही होगा।

10. भारतीय राष्ट्रीय सेना (I.N.A.) की स्थापना किस वर्ष में हुई? [43rd B.P.S.C. (Pre) 1999 U.P. Lower Sub.(Pre) 2003]

Correct Answer: (c) वर्ष 1942
Solution:व्यावहारिक रूप से सैन्य इकाई के रूप में इंडियन नेशनल आर्मी का गठन 15 जुलाई, 1942 में कैप्टन मोहन सिंह द्वारा प्रारंभ कर दिया गया था; किंतु इसके गठन की औपचारिक घोषणा जुलाई, 1942 में की गई थी। उल्लेखनीय है कि मलय क्षेत्र में भारतीयों द्वारा अपना राजनीतिक संगठन 'ऑल मलय इंडियन इंडिपेंडेंस लीग' का गठन किया गया था। इसकी अध्यक्षता के लिए रास बिहारी बोस को आमंत्रित किया गया था। जून, 1942 में संपन्न बैंकॉक सम्मेलन में एक 'कौंसिल ऑफ एक्शन' एवं 'प्रतिनिधित्व समिति' के गठन का प्रस्ताव किया गया था, जिसे 'इंडियन इंडिपेंडेंस लीग' तथा 'इंडियन नेशनल आर्मी' के मध्य समन्वय तथा अधीक्षण का दायित्व सौंपा गया था। रास बिहारी बोस कौंसिल ऑफ एक्शन के अध्यक्ष बनाए गए थे, जबकि के.पी.के. मेनन, नेद्याम राघवन नागरिक सदस्य तथा मोहन सिंह एवं गिलानी सैनिक सदस्य थे। जापानियों से मोहन सिंह के वैचारिक मतभेद के कारण दिसंबर, 1942 में मोहन सिंह ने आई.एन.ए. के विघटन की घोषणा कर दी; किंतु रास बिहारी बोस ने भोहन सिंह को उनके पद से बर्खास्त कर दिया। बाद में मोहन सिंह जापानी सेना द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए। आई.एन.ए. का नेतृत्व रास बिहारी बोस ने महानायक सुभाष चंद्र बोस को सौंप दिया। सिंगापुर पहुंचने के 2 दिन बाद 4 जुलाई, 1943 को सुभाष चंद्र बोस ने इंडियन नेशनल आर्मी का नेतृत्व ग्रहण कर लिया। सुविधा के लिए इसे द्वितीय इंडियन नेशनल आर्मी की संज्ञा भी दी जाती है। इसे ही हिंदी में हम 'आजाद हिंद फौज' के नाम से जानते हैं।