स्थानीय स्वशासन (भाग – 2) (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

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31. सरकार की पंचायती राज प्रणाली की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं? [38th B.P.S.C. (Pre) 1992]

Correct Answer: (d) इनमें से सभी सही हैं।
Solution:पंचायती राज प्रणाली के तहत स्थानीय स्तर पर त्रि-स्तरीय शासन की व्यवस्था की गई है- ग्राम स्तर पर, ब्लॉक स्तर पर एवं जिला स्तर पर। पंचायती राज का उद्देश्य स्थानीय ग्रामीण समुदाय को सामाजिक-आर्थिक न्याय प्रदान करना है। संविधान के अनु. 243-ग के तहत राज्य विधान मंडलों द्वारा विधि के माध्यम से जिला स्तर की परिषदों में वहां के सांसदों के सदस्य होने का प्रावधान किया गया है।

32. पंचायती राज से संबंधित निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है? [U.P. P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (b) 73वां संशोधन 15 अगस्त 1993 से प्रभावी हुआ।
Solution:भारत में पंचायत व्यवस्था ग्रामीण जीवन का युगों से एक अभिन्न अंग रही है तथा 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 (जो कि 24 अप्रैल, 1993 से प्रभावी हुआ) द्वारा इसे संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया। 73वें संशोधन के द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत व्यवस्था अपनाई गई है, जो कि जैविकीय रूप से जुड़ी संरचना मानी जा सकती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 छ (243G) में पंचायतों की शक्तियां, प्राधिकार एवं उत्तरदायित्व संबंधी प्रावधान हैं, जो पंचायतों के महत्व को बढ़ाते हैं।

33. पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य क्या है? [U.P. P.C.S. (Mains) 2004]

Correct Answer: (d) लोगों को विकासमूलक प्रशासन में भागीदारी के योग्य बनाना
Solution:पंचायती राज व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य आम जनता को विकासमूलक प्रशासन में भागीदारी के योग्य बनाना है। सत्ता के विकेंद्रीकरण का यह मुख्य उपकरण है। 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा पंचायतों को तथा 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है।

34. सफलतापूर्वक कार्य हेतु पंचायती राज को पूरे सहयोग की जरूरत पड़ती है- [42nd B.P.S.C. (Pre) 1997]

Correct Answer: (a) स्थानीय जनता की
Solution:पंचायती राज को सफलतापूर्वक कार्य करने के लिए स्थानीय जनता के पूर्ण सहयोग की आवश्यकता होती है। बिना जन-भागीदारी के पंचायती राज का स्वप्न साकार नहीं हो सकता है।

35. भारत में पंचायती राज प्रतिनिधित्व करता है- [44th B.P.S.C. (Pre) 2000]

Correct Answer: (d) ये सभी
Solution:भारत में पंचायती राज की स्थापना ग्रामीण जनता के सर्वांगीण विकास के लिए की गई है। यह शक्तियों के विकेंद्रीकरण, लोगों की भागीदारी एवं सामुदायिक विकास इन तीनों का प्रतिनिधित्व करता है।

36. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [68th B.P.S.C. (Pre) 2022]

73वें संशोधन के बाद विकेंद्रीकरण किया गया

1. निर्णय लेने की शक्तियों का

2. पूर्ण व्यवस्था का

3. न्यायिक शक्तियों का

4. प्रशासनिक शक्तियों का

उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?

Correct Answer: (c) केवल 1, 2 और 4
Solution:73वें संविधान संशोधन द्वारा पंचायती राजव्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्रदान कर लोकतांत्रिक शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया गया। इसके माध्यम से निर्णय लेने की शक्तियों, पूर्ण व्यवस्था तथा प्रशासनिक शक्तियों को (11वीं अनुसूची में प्रदत्त विषयों के माध्यम से) स्थानीय शासन तक विकेंद्रीकृत किया गया। तथापि इसमें न्यायिक शक्तियों का विकेंद्रीकरण शामिल नहीं है। अतः अभीष्ट उत्तर विकल्प (c) है।

37. निम्न में से कौन-सा विकेंद्रीकरण का वैशिष्ट्य नहीं है? [66th B.P.S.C. (Pre) 2020]

Correct Answer: (c) स्थानीय समुदायों में आत्मविश्वास को नहीं जगाना
Solution:दिए गए विकल्पों में स्थानीय समुदायों में आत्मविश्वास को नहीं जगाना विकेंद्रीकरण का वैशिष्ट्य या विशेषता नहीं है। स्वायत्तता, लोक सहभागिता एवं स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना विकेंद्रीकरण की विशेषताएं हैं।

38. निम्न कथनों पर विचार कीजिए - [U.P. Lower Sub. (Pre) 1998]

कथन (A): स्थानीय स्तर पर ग्रामीण मामलों के प्रबंध में राजनीति का अंतःखेल कम हो गया है।

कारण (R) : संविधान के 73 वें संशोधन के द्वारा ग्रामीण स्थानीय शासन संस्थाओं का पुनरुत्थान हो गया है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर अपना उत्तर चुनिए :

Correct Answer: (a) दोनों (A) और (R) सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
Solution:73वें संविधान संशोधन ने ग्रामीण स्थानीय शासन संस्थाओं का पुनरुत्थान किया है इसलिए स्थानीय स्तर पर ग्रामीण मामलों के प्रबंधन में राजनीति का अंतःखेल कम हो गया है। अतः प्रश्नगत कथन और कारण दोनों सही हैं और कारण, कथन का सही स्पष्टीकरण है।

39. निम्नलिखित क्षेत्रों में से किस एक में राज्य सरकार का स्थानीय इकाइयों (Local Bodies) पर नियंत्रण नहीं होता? [I.A.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (a) नागरिकों की शिकायतें
Solution:ग्रामीण एवं नगरीय स्थानीय निकायों पर नागरिकों की शिकायतों के मामलों में राज्य सरकार का नियंत्रण नहीं होता है जबकि आर्थिक मामलों, कार्मिकों तथा विधि-निर्माण के संदर्भ में राज्य सरकार का स्थानीय निकायों पर नियंत्रण होता है।

40. नगरीय स्थानीय निकायों पर राज्य शासन द्वारा नियंत्रण किया जाता है- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2021]

A. विधायी मामलों में

B. वित्तीय मामलों में

C. कार्मिक मामलों में

D. नागरिकों की शिकायतों के संबंध में

नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (d) A, B और C
Solution:ग्रामीण एवं नगरीय स्थानीय निकायों पर नागरिकों की शिकायतों के मामलों में राज्य सरकार का नियंत्रण नहीं होता है जबकि आर्थिक मामलों, कार्मिकों तथा विधि-निर्माण के संदर्भ में राज्य सरकार का स्थानीय निकायों पर नियंत्रण होता है।