स्थानीय स्वशासन (भाग-4) (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 57

11. पंचायत चुनाव के विषय में सही क्या है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2017]

i. एक जिला निर्वाचन अधिकारी होता है।

ii. एक या अधिक रिटर्निंग अधिकारी होते हैं।

iii. रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति राज्य निर्वाचन आयोग करता है।

iv. रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति आयोग की सहमति से जिला निर्वाचन अधिकारी कर सकता है।

v. नायब तहसीलदार जनपद पंचायत के लिए रिटर्निंग अधिकारी हो सकता है।

vi. नायब तहसीलदार ग्राम पंचायत के लिए रिटर्निंग अधिकारी हो सकता है।

vii. नायब तहसीलदार जिला पंचायत के लिए रिटर्निंग अधिकारी हो सकता है।

viii. जिला निर्वाचन अधिकारी ही एकमात्र रिटर्निंग अधिकारी होता है।

Correct Answer: (a) i ii iii iv V Vi
Solution:छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम, 1995 के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनावों के संचालन हेतु राज्य सरकार के परामर्श से प्रत्येक जिले के लिए एक जिला निर्वाचन अधिकारी और आवश्यकतानुसार एक या एक से अधिक उप-जिला निर्वाचन अधिकारियों को नियुक्त करेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी जिला पंचायत चुनाव के लिए पदेन रिटर्निंग अधिकारी भी होगा। राज्य निर्वाचन आयोग या उसके प्राधिकार से जिला निर्वाचन अधिकारी राज्य सरकार के एक अधिकारी को रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त करेगा, जो नायब तहसीलदार के पद से नीचे का नहीं होगा और जो जिला पंचायत चुनाव के अतिरिक्त अन्य पंचायतों की खाली सीटों को भरने के लिए चुनावों हेतु रिटर्निंग अधिकारी होगा। साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग या उसके प्राधिकार से जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी की उसके कार्यों के निष्पादन में सहायता हेतु एक या अधिक व्यक्तियों को सहायक रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त कर सकता है।

12. पंचायती राज के संदर्भ में कौन-सा कथन सही है? [U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2023]

Correct Answer: (c) पंचायती राज संस्थाओं का चुनाव, राज्य चुनाव आयोग के पर्यवेक्षण में होता है।
Solution:पंचायत समिति एवं जिला परिषद में प्रत्यक्ष निर्वाचित सदस्यों के अतिरिक्त अन्य सदस्य (यथा उस क्षेत्र के लोक सभा एवं विधानसभा सदस्य तथा उस क्षेत्र की मतदाता सूची में पंजीकृत राज्य सभा एवं विधान परिषद सदस्य आदि) भी शामिल होते हैं। पंचायत स्तर का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष है। अनुच्छेद 243 ट के तहत पंचायतों के लिए कराए जाने वाले निर्वाचनों के लिए 'राज्य निर्वाचन आयोग' की व्यवस्था की गई है, जिसमें राज्यपाल द्वारा नियुक्त एक राज्य निर्वाचन आयुक्त होता है। अतः विकल्प (c) का कथन सही है।

13. एक व्यक्ति पंचायत का चुनाव लड़ सकता है यदि उसने पूर्ण कर ली है- [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (c) 21 वर्ष की आयु
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 च (1) के अनुसार, कोई व्यक्ति पंचायत चुनाव लड़ सकता है यदि उसने 21 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली है।

14. 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के तहत पंचायती राज संस्थाओं में चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम कितनी आयु होना आवश्यक है? [68th B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (b) 21 वर्ष
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 च (1) के अनुसार, कोई व्यक्ति पंचायत चुनाव लड़ सकता है यदि उसने 21 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली है।

15. निम्नलिखित पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2016]

1. किसी भी व्यक्ति के लिए पंचायत का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम निर्धारित आयु 25 वर्ष है।

2. पंचायत के समय पूर्व भंग होने के पश्चात पुनर्गठित पंचायत केवल अवशिष्ट समय के लिए ही जारी रहती है।

उपर्युक्त कथनों से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (b) केवल 2
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243च के अनुसार, किसी व्यक्ति के लिए पंचायत सदस्य बनने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है। वहीं अनुच्छेद 243ङ के खंड (4) के अनुसार, "किसी पंचायत की अवधि की समाप्ति के पूर्व उस पंचायत के विघटन पर गठित की गई कोई पंचायत उस अवधि के केवल शेष भाग के लिए बनी रहेगी, जिसके लिए विघटित पंचायत बनी रहती यदि वह विघटित नहीं की जाती।"

16. वह कॉलेज का विद्यार्थी अपने नगर की नगर परिषद (Municipal Council) में चुने जाने का इच्छुक है। उसके नामांकन की वैधता अन्य शर्तों के साथ-साथ इस महत्वपूर्ण शर्त पर निर्भर होगी कि- [I.A.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (c) उसका नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हो
Solution:नगर परिषद में चुने जाने के लिए वह तभी योग्य होगा, जब उसका नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हो।

17. निम्नलिखित में से कौन पंचायतों की वित्तीय स्थिति का पुनर्विलोकन करने के लिए 'वित्त आयोग' का गठन करता है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (c) संबंधित राज्य का राज्यपाल
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243-1 (243-झ) के अनुसार, राज्य का राज्यपाल, 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के प्रारंभ से एक वर्ष के भीतर यथाशीघ्र और तत्पश्चात, प्रत्येक पांच वर्ष की समाप्ति पर, वित्त आयोग का गठन करेगा, जो पंचायतों की वित्तीय स्थिति का पुनर्विलोकन करेगा। अनुच्छेद 243-Y (243-म) के तहत यही वित्त आयोग नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति का भी पुनर्विलोकन करता है।

18. पंचायतों की वित्तीय अवस्था का मूल्यांकन करने के लिए वित्त आयोग के गठन का प्राधिकार किसको प्राप्त है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (a) राज्य के गवर्नर
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243-1 (243-झ) के अनुसार, राज्य का राज्यपाल, 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के प्रारंभ से एक वर्ष के भीतर यथाशीघ्र और तत्पश्चात, प्रत्येक पांच वर्ष की समाप्ति पर, वित्त आयोग का गठन करेगा, जो पंचायतों की वित्तीय स्थिति का पुनर्विलोकन करेगा। अनुच्छेद 243-Y (243-म) के तहत यही वित्त आयोग नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति का भी पुनर्विलोकन करता है।

19. पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा के लिए राज्य सरकार प्रत्येक पांच वर्षों में क्या गठित करती है? [67th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2022]

Correct Answer: (a) वित्त आयोग
Solution:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243-1 (243-झ) के अनुसार, राज्य का राज्यपाल, 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के प्रारंभ से एक वर्ष के भीतर यथाशीघ्र और तत्पश्चात, प्रत्येक पांच वर्ष की समाप्ति पर, वित्त आयोग का गठन करेगा, जो पंचायतों की वित्तीय स्थिति का पुनर्विलोकन करेगा। अनुच्छेद 243-Y (243-म) के तहत यही वित्त आयोग नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति का भी पुनर्विलोकन करता है।

20. निम्नलिखित में से कौन राज्य सरकार तथा स्थानीय शासन के बीच राजस्व बंटवारे के लिए उत्तरदायी है? [U.P. P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (c) राज्य वित्त आयोग
Solution:संविधान के अनुच्छेद 243-झ (243-I) के तहत राज्यपाल द्वारा गठित राज्य वित्त आयोग राज्य सरकार तथा स्थानीय शासन के बीच राजस्व  बंटवारे के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत सुझाने हेतु उत्तरदायी है। यह वित्त आयोग अनुच्छेद 243-झ के तहत पंचायतों और अनुच्छेद 243-म के तहत नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति का पुनर्विलोकन कर, राज्य सरकार और इनके बीच राजस्व के बंटवारे हेतु अपनी अनुशंसाएं राज्यपाल को प्रस्तुत करता है। साथ ही यह राज्य द्वारा पंचायतों और  नगरपालिकाओं को समनुदिष्ट (assigned) किए जाने वाले या उनके द्वारा विनियोजित (appropriated) हो सकने वाले करों, शुल्कों, पथकरों और फीसों के निर्धारण के संदर्भ में भी अपनी संस्तुतियां राज्यपाल को देता है। इसका गठन राज्यपाल द्वारा प्रत्येक 5 वर्ष पर किया जाता है।