स्थूल पदार्थों के गुण-(भौतिक विज्ञान)


 

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1. वर्षा की बूंद की गोलाकार आकृति का कारण है- [39th B.P.S.C. (Pre) 1994,Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2003,Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2002]

Correct Answer: (b) पृष्ठ तनाव
Solution:किसी दिए गए आयतन के लिए गोलाकार आकृति के पृष्ठ का क्षेत्रफल अन्य आकृतियों के पृष्ठ के क्षेत्रफल से कम होता है। पृष्ठ तनाव के गुण के कारण किसी द्रव का स्वतंत्र पृष्ठ न्यूनतम क्षेत्रफल घेरने का प्रयास करता है। अतः वर्षा की बूंदें गोलाकार होती हैं।यह ऊर्जा को न्यूनतम करने की एक प्राकृतिक प्रवृत्ति है।

2. पानी की बूंद गोलाकार होती है, इसका कारण है- [Uttarakhand Lower Sub. (Pre) 2010]

Correct Answer: (a) पृष्ठ तनाव
Solution:किसी दिए गए आयतन के लिए गोलाकार आकृति के पृष्ठ का क्षेत्रफल अन्य आकृतियों के पृष्ठ के क्षेत्रफल से कम होता है। पृष्ठ तनाव के गुण के कारण किसी द्रव का स्वतंत्र पृष्ठ न्यूनतम क्षेत्रफल घेरने का प्रयास करता है। अतः वर्षा की बूंदें गोलाकार होती हैं।

3. वर्षा की बूंदें गोलाकार होती है, क्योंकि- [U.P.P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (c) जल में पृष्ठ तनाव होता है।
Solution:किसी दिए गए आयतन के लिए गोलाकार आकृति के पृष्ठ का क्षेत्रफल अन्य आकृतियों के पृष्ठ के क्षेत्रफल से कम होता है। पृष्ठ तनाव के गुण के कारण किसी द्रव का स्वतंत्र पृष्ठ न्यूनतम क्षेत्रफल घेरने का प्रयास करता है। अतः वर्षा की बूंदें गोलाकार होती हैं।

4. द्रव बूंद की संकुचित होकर न्यूनतम क्षेत्र घेरने की प्रवृत्ति का कारण होता है- [I.A.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (a) पृष्ठ तनाव
Solution:किसी दिए गए आयतन के लिए गोलाकार आकृति के पृष्ठ का क्षेत्रफल अन्य आकृतियों के पृष्ठ के क्षेत्रफल से कम होता है। पृष्ठ तनाव के गुण के कारण किसी द्रव का स्वतंत्र पृष्ठ न्यूनतम क्षेत्रफल घेरने का प्रयास करता है। अतः वर्षा की बूंदें गोलाकार होती हैं।

5. तेल जल के तल पर फैल जाता है, क्योंकि- [U.P.P.C.S. (Pre) 1994,U.P.P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (d) तेल का तल तनाव, पानी से कम है।
Solution:तेल का पृष्ठ या तल तनाव, पानी की अपेक्षा कम होना तेल के जल के तल पर फैल जाने का कारण है। यदि तेल का पृष्ठ तनाव पानी से अधिक होता, तो वह बूंदों के रूप में रहता और फैलता नहीं।

6. मिट्टी का तेल पानी के ऊपर इसलिए तैरता है, क्योंकि- [Uttarakhand Lower Sub. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) उसका घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है।
Solution:यह आर्किमिडीज के सिद्धांत पर आधारित है। कोई भी वस्तु द्रव में तभी तैरती है जब उसका घनत्व उस द्रव के घनत्व से कम हो। मिट्टी के तेल का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है, इसलिए यह पानी पर तैरता है।

7. साबुन के बुलबुले के अंदर का दाब- [U.P. P.C.S. (Pre) 1995,U.P.P.C.S. (Mains) 2014]

Correct Answer: (a) वायुमंडलीय दाब से अधिक होता है।
Solution:साबुन के घोल के बुलबुले बड़े इसलिए होते हैं, क्योंकि जल में साबुन घुलने पर उसका पृष्ठ तनाव कम हो जाता है। बुलबुले के अंदर का दाब सदैव बाहर के वायुमंडलीय दाब से अधिक होता है। यह अतिरिक्त दाब बुलबुले को बनाए रखने में मदद करता है और पृष्ठ तनाव के सिकुड़ने वाले बल का विरोध करता है।

8. यदि साबुन के दो भिन्न-भिन्न व्यास के बुलबुलों (bubbles) को एक नली द्वारा एक-दूसरे के संपर्क में लाया जाए, तो क्या घटित होगा? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2007]

Correct Answer: (b) छोटा बुलबुला और छोटा व बड़ा बुलबुला और बड़ा हो जाएगा।
Solution:किसी बुलबुले का आकार उसमें भरी गैस के दबाव तथा पानी की फिल्म की त्रिज्या तथा मोटाई पर निर्भर करता है। छोटे बुलबुले में गैस का दबाव बड़े बुलबुले की अपेक्षा अधिक होता है, अतः नली में एक-दूसरे के संपर्क में लाए जाने पर छोटा बुलबुला और छोटा, जबकि बड़ा बुलबुला और बड़ा हो जाएगा।

9. हाइड्रोजन से भरा हुआ पॉलिथीन का गुब्बारा पृथ्वी के स्थल से छोड़ा जाता है। वायुमंडल में ऊंचाई पर जाने से- [I.A.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (c) गुब्बारे के आमाप में वृद्धि होगी।
Solution:जैसे-जैसे गुब्बारा वायुमंडल में ऊपर जाता है, आसपास के वायुमंडलीय दाब में कमी आती है। चूंकि गुब्बारे के अंदर का दाब अपेक्षाकृत स्थिर रहता है (या बाहर के दाब से थोड़ा अधिक होता है), बाहरी दाब में कमी के कारण गुब्बारे के अंदर की गैस फैलती है। गैस के फैलने से गुब्बारे का आयतन बढ़ जाता है, जिससे उसके आमाप (आकार) में वृद्धि होती है। अंततः, यदि गुब्बारा बहुत ऊपर जाता है, तो यह इतना बड़ा हो सकता है कि उसकी सामग्री दाब को झेल न पाए और फट जाए।

10. जब किसी साबुन के बुलबुले को आवेशित किया जाता है, तो निम्न में से क्या घटित होता है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (a) त्रिज्या बढ़ जाती है।
Solution:जब एक साबुन के बुलबुले को आवेशित किया जाता है (चाहे वह धनात्मक या ऋणात्मक आवेश हो), तो आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। यह प्रतिकर्षण बल बुलबुले की सतह पर बाहर की ओर एक अतिरिक्त दाब डालता है। यह बाहरी दाब बुलबुले के अंदर के दाब और पृष्ठ तनाव के सिकुड़ने वाले बल के विरुद्ध कार्य करता है, जिससे बुलबुले की त्रिज्या में वृद्धि होती है ताकि आवेशों को अधिक स्थान मिल सके और प्रतिकर्षण कम हो।