स्थूल पदार्थों के गुण-(भौतिक विज्ञान)


 

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31. निम्न कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2003]

1. 100°C पर भाप तथा 100°C पर उबलते जल में ऊष्मा की मात्रा एक समान होती है।

2 बर्फ की संगलन गुप्त ऊष्मा तथा जल की वाष्पन गुप्त ऊष्मा बराबर होती है।

3. वातानुकूलक में कक्ष वायु में वाष्पित्र कुंडली में ऊष्मा का निष्कर्षण होता है तथा द्रवणित्र कुंडली पर ऊष्मा का निरसन होता है।

इनमें से कौन-सा/से कथन सही है/है?

Correct Answer: (d) केवल 3
Solution:100°C के । ग्राम द्रव्यमान के जल की अपेक्षा 100°C की एक ग्राम वाष्प में 536 कैलोरी ऊष्मा अधिक होती है। बर्फ के संगलन की गुप्त ऊष्मा 80 कैलोरी/ग्राम होती है, जबकि जल के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 536 कैलोरी/ग्राम होती है। इस प्रकार कथन 1 और 2 गलत हैं, जबकि कथन 3 सही है कि वातानुकूलन में कक्ष वायु में वाष्पित कुंडली (Evaporator Coils) में ऊष्मा का निष्कर्षण होता है तथा द्रवणिन्त्र कुंडली (Condenser Coils) पर ऊष्मा का निरसन होता है।

32. पानी का आपेक्षिक घनत्व सर्वाधिक निम्नलिखित ताप पर होता है- [R.A.S./R.T.S (Pre) 1992]

Correct Answer: (b) 4 डिग्री से.
Solution:अधिकांशतः द्रवों को गर्म करने पर उनके आयतन में वृद्धि परंतु घनत्व में कमी होती है, लेकिन पानी का व्यवहार 0 डिग्री से. से 4 डिग्री से. के बीच ठीक उल्टा होता है। यदि किसी पात्र में 0 डिग्री से. पर पानी को लेकर गर्म किया जाए, तो ० डिग्री से. से 4 डिग्री से. तक. आयतन घटता है एवं घनत्व बढ़ता है। अतः 4 डिग्री से. पर पानी का आयतन न्यूनतम तथा घनत्व अधिकतम होता है।

33. किस ताप पर पानी का घनत्व अधिकतम होता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2008,42nd B.P.S.C. (Pre) 1998]

Correct Answer: (a) 4°C
Solution:अधिकांशतः द्रवों को गर्म करने पर उनके आयतन में वृद्धि परंतु घनत्व में कमी होती है, लेकिन पानी का व्यवहार 0 डिग्री से. से 4 डिग्री से. के बीच ठीक उल्टा होता है। यदि किसी पात्र में 0 डिग्री से. पर पानी को लेकर गर्म किया जाए, तो ० डिग्री से. से 4 डिग्री से. तक. आयतन घटता है एवं घनत्व बढ़ता है। अतः 4 डिग्री से. पर पानी का आयतन न्यूनतम तथा घनत्व अधिकतम होता है।

34. जल का अधिकतम घनत्व होता है - [U.P.P.C.S. (Mains) 2015]

Correct Answer: (b) 277 केल्विन पर
Solution:गर्म करने पर 0°C से 4°C तक जल का घनत्व बढ़ता है, लेकिन आयतन कम होता है। 4°C पर जल का आयतन न्यूनतम तथा घनत्व अधिकतम होता है।

सेल्सियस से केल्विन में परिवर्तन

K = C + 273

= 4+273 = 277

अतः 277 K पर जल का घनत्व अधिकतम होता है।

35. यदि किसी गैस का आयतन 27°C पर संपीडित मूल का आधा रह जाए, तो उसे किस ताप तक गर्म किया जाए कि पुनः मूल आयतन प्राप्त कर सके ? [I.A.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (a) 327°C
Solution:

36. किस नियम के अनुसार, समान ताप और दाब पर सभी गैसों के निश्चित आयतन में अणुओं की संख्या समान होती है? [67% B.P.S.C. (Pre) (Re-Exam) 2022]

Correct Answer: (d) आवोगाद्रो का नियम
Solution:आवोगाद्रो  के नियम के अनुसार, समान ताप एवं दाब पर सभी आदर्श गैसों के समान आयतन में कणों या अणुओं की संख्या समान होती है। दूसरे शब्दों में, जब ताप और दाब नियतांक हो, तब किसी गैस का आयतन उस गैस में गोलों की संख्या (Number of moles) के समानुपाती होता है। आयोगादों के नियम की गणितीय अभिव्यक्ति निम्नवत है-

जहां n = गैस के मोलों की संख्या

k =  नियतांक

v = आयतन

37. निम्न में से किन परिस्थितियों में एक कंटेनर में भरे हुए कार्बन डाइऑक्साइड के अणुओं के बीच की दूरी बढ़ेगी? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2021]

(i) कंटेनर का आयतन बढ़ाने पर

(ii) कंटेनर से कुछ कार्बन डाइऑक्साइड गैस लीक होने पर

(iii) कंटेनर के अंदर हवा का दबाव बढ़ाने से

(iv) कंटेनर के आकार में बिना बदलाव किए और कार्बन डाइऑक्साइड गैस डालने पर

Correct Answer: (d) (i) और (ii)
Solution:गैसों का कोई निश्चित आयतन (Volume) या आकार (Shape) नहीं होता है और उन्हें जितना भी स्थान उपलब्ध होता है, वे उसे घेर लेती हैं। अतः कंटेनर का आयतन बढ़ाने पर और कंटेनर से कुछ कार्बन डाइऑक्साइड गैस का रिसाव (Leakage) होने पर कंटेनर में भरी कार्बन डाइऑक्साइड के अणुओं के बीच की दूरी बढ़ेगी, जबकि यह दूरी वायु दाब को बढ़ाने पर या कंटेनर में और कार्बन डाइऑक्साइड भरने पर कम हो जाएगी।

38. कथन (A): लोहे का एक गोला पारद पर तैरता है, किंतु पानी में डूब जाता है।कारण (R): लोहे का आपेक्षिक घनत्व पारद के आपेक्षिक घनत्व से अधिक होता है। [I.A.S. (Pre) 2002]

Correct Answer: (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
Solution:लोहे का गोला पारद (Mercury) पर तैरता है, किंतु पानी में डूब जाता है, इसका कारण यह है कि पारद (Mercury) का आपेक्षिक घनत्व (Relative density) लोहे के आपेक्षिक घनत्व से अधिक होता है, जबकि पानी का लोहे से कम होता है। अतः कथन (A) सही है, जबकि कारण (R) गलत है।

39. लोहे की कील पारे पर क्यों तैरती है, जबकि वह पानी में डूब जाती है [U.P. P.C.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (c) लोहे का घनत्व पानी से अधिक है तथा पारे से कम ।
Solution:

किसी वस्तु का तैरना या डूबना उसके घनत्व पर निर्भर करता है। यदि वस्तु का घनत्व तरल के घनत्व से कम है, तो वह तैरेगी। यदि अधिक है, तो वह डूब जाएगी।

  • लोहे का घनत्व ()
  • पानी का घनत्व ()
  • पारे का घनत्व ()

लोहे का घनत्व पानी से अधिक है, इसलिए यह पानी में डूब जाता है। लोहे का घनत्व पारे से कम है, इसलिए यह पारे पर तैरता है।

40. एक सुई पानी में डूब जाती है, जबकि लोहे से बना जहाज पानी पर तैरता है क्योंकि- [U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2004]

Correct Answer: (d) सुई का आपेक्षिक घनत्व उसके द्वारा हटाए हुए पानी के आपेक्षिक घनत्व से अधिक होता है।
Solution:

यह आर्किमिडीज़ के सिद्धांत से संबंधित है। कोई वस्तु तब तैरती है जब उसके द्वारा हटाए गए तरल का वजन वस्तु के वजन के बराबर होता है। इसे घनत्व के संदर्भ में भी समझा जा सकता है।

सुई: सुई ठोस लोहे की बनी होती है। लोहे का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होता है, इसलिए सुई पानी में डूब जाती है।

जहाज: जहाज लोहे से बना होता है, लेकिन इसका डिज़ाइन ऐसा होता है कि यह बहुत अधिक पानी हटाता है। हटाए गए पानी का आयतन इतना बड़ा होता है कि उसका वजन जहाज के कुल वजन (जहाज के अंदर की हवा सहित) के बराबर या उससे अधिक होता है। प्रभावी रूप से, जहाज का औसत घनत्व (धातु, हवा और अन्य सामग्री का मिश्रण) पानी के घनत्व से कम होता है।