स्वतंत्रता पूर्व एवं पश्चात अधिनियम/कानून (झारखंड)

Total Questions: 15

11. संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 के तहत, खास गांव से तात्पर्य एक ऐसे गांव से है जहां- [Jharkhand P.C.S. (Pre), 2016]

Correct Answer: (c) (a) और (b) दोनों
Solution:संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 की धारा 2 (ix) के अंतर्गत खास गांव को परिभाषित किया गया है। जिसके अनुसार, खास गांव से एक ऐसे गांव से तात्पर्य है, जहां कोई मूल रैयत न हो तथा न कोई मुखिया हो।

12. संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 के तहत गांव के मुखिया का पद- [Jharkhand P.C.S. (Pre), 2016]

Correct Answer: (b) अहस्तांतरणीय
Solution:संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 की धारा 9 के अंतर्गत गांव के मुखिया के पद को अहस्तांतरणीय बनाया गया है।

13. संथाल परगना अधिनियम, 1949 की धारा.... के तहत, जमीन जो किसी भी रूप में दर्ज नहीं किया गया है. वो मूल रैयत का जोत (निजी जोत) या मूल रैयती जोत (अधिकृत जोत) माना जाएगा। [Jharkhand P.C.S. (Pre), 2016]

Correct Answer: (d) 10
Solution:संथाल परगना अधिनियम, 1949 की धारा 10 के अंतर्गत जमीन, जो किसी भी रूप में दर्ज नहीं किया गया है, वो मूल रैयत का जोत (निजी जोत) या मूल रैयती जोत (अधिकृत जोत) माना जाएगा।

14. संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 की धारा 33 के अंतर्गत कोई भी बंजर भूमि का बंदोबस्ती रद्द करने के योग्य है, अगर उसमें............. वर्ष तक कृषि न किया गया हो। [Jharkhand P.C.S. (Pre), 2016]

Correct Answer: (c) 5
Solution:संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 की धारा 33 के अंतर्गत कोई भी बंजर भूमि का बंदोबस्ती रद्द करने के योग्य है, अगर उसमें 5 वर्षों के अंदर कृषि कार्य न किया गया हो।

15. संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 की धारा 22 के तहत, एक रैयत किस परिस्थिति में अपने जोत भूमि को एसडीओ और मुखिया जी या मूल रैयत को सूचना देकर अस्थायी रूप से कृषि हेतु न्यास में रख सकता है? [Jharkhand P.C.S. (Pre), 2016]

Correct Answer: (d) इनमें से सभी
Solution:संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम, 1949 की धारा 22 के अंतर्गत एक रैयत किन परिस्थितियों में अपने जोत भूमि को एसडीओ और मुखिया जी या मूल रैयत को सूचना देकर अस्थायी रूप से कृषि हेतु न्यास रख सकता है, का वर्णन किया गया है, जिसके अनुसार-

(1) गांव से अस्थायी अनुपस्थिति की स्थिति में।

(2) अपनी बीमारी या शारीरिक रूप से असमर्थ होने की स्थिति में।

(3) हल चलाने लायक बैलों की कमी की स्थिति में।

(4) रैयत के विधवा या नाबालिग होने की स्थिति में।