Correct Answer: (a) संन्यासियों की दस शाखाओं से
Solution:शंकर की सबसे बड़ी उपलब्धि थी कि उन्होंने शैव धर्म की अद्वैत विचारधारा की दस शाखाएं संगठित कीं, जिन्हें 'दशनामी' कहा जाता है। शंकर ने संन्यासियों को निम्न प्रकार से दस शाखाओं में संगठित किया- गिरी, पुरी, भारती, वन, अरण्य, पर्वत, सागर, तीर्थ, आश्रम और सरस्वती।