Correct Answer: (c) कबीरदास
Solution:ज्ञानाश्रयी शाखा के भक्त कवि निर्गुणवादी थे। वे गुरु का बहुत सम्मान करते थे और जाति-पाति के भेदों को नहीं मानते थे। इस शाखा के प्रमुख कवि हैं- कबीरदास, नानक, रैदास, दादूदयाल, सुन्दरदास एवं मलूकदास। मलिक मुहम्मद जायसी 'प्रेमाश्रयी काव्यधारा' के तथा तुलसीदास 'रामाश्रयी काव्यधारा' के प्रतिनिधि कवि हैं।