Solution:'बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय' रीतिकालीन कवि बिहारी की काव्य-पंक्ति (दोहा) है। इस पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है।'बिहारी'
राधाचरण गोस्वामी इन्हें 'पीयूषवर्षी मेघ' कहते हैं।
इन्हे 'भारत का थॉम्पसन' भी कहा जाता है।
इनकी रचना बिहारी-सतसई को रसिकों का घर माना जाता है।
लाला भगवानदीन ने इन्हें 'हिन्दी का चौथा रत्न' माना है।
आधुनिक काल भारतेन्दु युग एवं द्विवेदी युग