Correct Answer: (b) कामता प्रसाद गुरु
Solution:कामता प्रसाद गुरु के अनुसार, "भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचार दूसरों तक भली-भाँति प्रकट कर सकता है। दूसरों के विचार स्वयं स्पष्टतया समझ सकता है। मनुष्य के कार्य उसके विचारों से उत्पन्न होते हैं और इन कार्यों में दूसरों की सहायता अथवा सम्मति प्राप्त करने के लिए उसको वे विचार दूसरों पर प्रकट करने पड़ते हैं। जगत् का अधिकांश व्यवहार, बोलचाल अथवा लिखा-पढ़ी से चलता है, इसलिए भाषा जगत् के व्यवहार का मूल है।"