हिन्दी साहित्य का इतिहास

आदिकाल, नामकरण,

कालविभाजन एवं साहित्येतिहास ग्रन्थ

Total Questions: 50

1. हिन्दी साहित्य को कितने काल-खण्डों में विभक्त किया गया है? [UPSSSC ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा, 2018 (II)]

Correct Answer: (b) चार
Solution:हिन्दी साहित्य के इतिहास को चार काल खण्डों में विभक्त किया गया है-आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल और आधुनिक काल।

2. हिन्दी साहित्य के इतिहास के किस काल को वीरगाथा काल भी कहा गया है? [UPSSSC सम्मि. अवर अधीनस्थ सेवा (सा.च.) प्रति. परीक्षा 2019 (I)]

Correct Answer: (a) आदिकाल
Solution:आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के आदिकाल को वीरगाथा काल कहा है। 'आदिकाल' को 'बीजवपन काल' भी कहा गया है। 'रीतिकाल' को 'श्रृंगार काल' भी कहा जाता है।

3. 'पृथ्वीराज रासो' हिन्दी साहित्य के किस काल में लिखा गया? [UPSSSC सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा (सा.च.) परीक्षा 2019 प्रथम पाली (30/09/2019)]

Correct Answer: (a) आदिकाल
Solution:'पृथ्वीराज रासो' हिन्दी साहित्य के आदिकाल में लिखा गया। इसके रचनाकार चन्दबरदाई हैं।

4. हिन्दी साहित्य की भूमिका के लेखक कौन हैं? [UPSSSC सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा (सा.च.) परीक्षा 2019 प्रथम पाली (30/09/2019)]

Correct Answer: (c) हजारी प्रसाद द्विवेदी
Solution:'हिन्दी साहित्य की भूमिका' पुस्तक के लेखक आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी हैं। इनके अन्य साहित्येतिहास ग्रन्थ हैं-हिन्दी साहित्य का आदिकाल, हिन्दी साहित्य उद्भव एवं विकास।

5. महावीर प्रसाद द्विवेदी ने आदिकाल को क्या संज्ञा दी है? [UP-TET Exam Ist Paper (I-V), 2013]

Correct Answer: (d) बीजवपन काल.
Solution:महावीर प्रसाद द्विवेदी ने आदिकाल को 'बीजवपन काल' की संज्ञा दी है। आदिकाल को डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन तथा डॉ. रामकुमार वर्मा ने 'चारण काल', हजारी प्रसाद द्विवेदी ने आदिकाल तथा विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने 'वीरकाल' की संज्ञा दी है।

6. हिन्दी साहित्य का आधुनिक काल सामान्यतया कब से माना जाता है? [UPSSSC राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद् परीक्षा, 2018 (I)]

Correct Answer: (a) 1850 ई. से
Solution:हिन्दी साहित्य का आधुनिक काल सामान्यतया 1850 ई. से माना जाता है।

7. निम्नलिखित में से कौन-सा हिन्दी साहित्य का काल-विभाजन नहीं है? [UPSSSC कनिष्ठ सहायक परीक्षा, 2016]

Correct Answer: (d) संयुक्त काल
Solution:हिन्दी साहित्य के काल विभाजन में विद्वानों में मतभेद है। सर्वमान्य रूप से इसे इस रूप में विभाजित किया जा सकता है- आदिकाल (वीरगाथा काल), पूर्व-मध्यकाल (भक्तिकाल), उत्तर-मध्यकाल (रीतिकाल) तथा आधुनिक काल (गद्यकाल)। संयुक्त काल नाम से कोई विभाजन नहीं है।

8. आदिकाल के लिए 'वीरगाथा काल' नाम किसने प्रस्तावित किया ? [UP- TET Exam Ist Paper (I-V), 2015]

Correct Answer: (c) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
Solution:आदिकाल के लिए 'वीरगाथा काल' आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने, डॉ. रामकुमार वर्मा ने चारणकाल या सन्धि काल, राहुल सांकृत्यायन ने सिद्ध-सामन्त काल, जबकि हजारी प्रसाद द्विवेदी ने आदिकाल नाम प्रस्तावित किया है।

9. हिन्दी गद्य का सर्वप्रथम युग किसे माना जाता है? [UPSI Exam, 21-दिसम्बर, 2017 (तृतीय पाली)]

Correct Answer: (a) भारतेन्दु युग
Solution:हिन्दी साहित्य के 'भारतेन्दु युग' को हिन्दी गद्य का सर्वप्रथम युग माना जाता है।

10. हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परम्परा का सूत्रपात किसने किया ? [T.G.T. परीक्षा, 2002]

Correct Answer: (b) गार्सा-द-तासी
Solution:हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परम्परा का सूत्रपात 'गार्सा-द-तासी' ने किया, जिन्होंने फ्रेंच भाषा में 'इस्त्त्वार-द-ला लितरेत्यूर ऐन्दूई ऐ ऐन्दूस्तानी' ग्रन्थ लिखा, इसमें हिन्दी और उर्दू के अनेक कवियों का विवरण वर्णक्रमानुसार दिया गया है।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

सन् 1888 में 'एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल' की पत्रिका के विशेषांक के रूप में जॉर्ज ग्रियर्सन द्वारा रचित 'द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान' का प्रकाशन हुआ, जो नाम से 'इतिहास' न होते हुए भी सच्चे अर्थों में हिन्दी साहित्य का पहला इतिहास कहा जा सकता है। इसमें लेखक ने कवियों और लेखकों का कालक्रमानुसार वर्गीकरण करते हुए उनकी प्रवृत्तियों को भी स्पष्ट करने का प्रयास किया है।