आदिकाल, नामकरण,
कालविभाजन एवं साहित्येतिहास ग्रन्थ
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अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
सन् 1888 में 'एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल' की पत्रिका के विशेषांक के रूप में जॉर्ज ग्रियर्सन द्वारा रचित 'द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान' का प्रकाशन हुआ, जो नाम से 'इतिहास' न होते हुए भी सच्चे अर्थों में हिन्दी साहित्य का पहला इतिहास कहा जा सकता है। इसमें लेखक ने कवियों और लेखकों का कालक्रमानुसार वर्गीकरण करते हुए उनकी प्रवृत्तियों को भी स्पष्ट करने का प्रयास किया है।