हिन्दी साहित्य का इतिहास

आदिकाल, नामकरण,

कालविभाजन एवं साहित्येतिहास ग्रन्थ

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11. कालक्रमानुसार लिखा गया हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास ग्रन्थ है- [आश्रम पद्धति (प्रवक्ता) परीक्षा, 2009]

Correct Answer: (d) द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान
Solution:हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परम्परा का सूत्रपात 'गार्सा-द-तासी' ने किया, जिन्होंने फ्रेंच भाषा में 'इस्त्त्वार-द-ला लितरेत्यूर ऐन्दूई ऐ ऐन्दूस्तानी' ग्रन्थ लिखा, इसमें हिन्दी और उर्दू के अनेक कवियों का विवरण वर्णक्रमानुसार दिया गया है।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

सन् 1888 में 'एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल' की पत्रिका के विशेषांक के रूप में जॉर्ज ग्रियर्सन द्वारा रचित 'द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान' का प्रकाशन हुआ, जो नाम से 'इतिहास' न होते हुए भी सच्चे अर्थों में हिन्दी साहित्य का पहला इतिहास कहा जा सकता है। इसमें लेखक ने कवियों और लेखकों का कालक्रमानुसार वर्गीकरण करते हुए उनकी प्रवृत्तियों को भी स्पष्ट करने का प्रयास किया है।

12. हिन्दी साहित्य के इतिहास का लेखन सर्वप्रथम किस भाषा में हुआ ? [N.V.S. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2014, T.G.T. परीक्षा, 2001, N.V.S. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2019 (I)]

Correct Answer: (b) फ्रेंच
Solution:हिन्दी साहित्य के इतिहास का लेखन फ्रेंच भाषा में सर्वप्रथम गार्सा-द-तासी द्वारा किया गया।

13. हिन्दी साहित्य का इतिहास लिखने वाले प्रथम लेखक का नाम है- [P.G.T. परीक्षा, 2002, K.V.S. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2014]

Correct Answer: (b) गार्सा-द-तासी
Solution:हिन्दी साहित्य का इतिहास लिखने वाले प्रथम लेखक हैं-गार्सा-द-तासी।

14. 'इस्त्वार-द-ला लितरेत्यूर ऐन्दूई ऐ ऐन्दूस्तानी' नामक हिन्दी साहित्य के इतिहास-ग्रन्थ के लेखक का नाम है- [P.G.T. परीक्षा, 2002]

Correct Answer: (a) गार्सा-द-तासी
Solution:इस्त्वार-द-ला लितरेत्यूर ऐन्दूई ऐ ऐन्दूस्तानी नामक हिन्दी साहित्य के इतिहास ग्रन्थ के लेखक गार्सा-द-तासी हैं।

15. हिन्दी साहित्य के इतिहास को व्यवस्थित रूप देने का श्रेय किसको है? [P.G.T. परीक्षा, 2004]

Correct Answer: (b) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
Solution:हिन्दी साहित्य के इतिहास को व्यवस्थित रूप देने का श्रेय आचार्य रामचन्द्र शुक्ल को है। इन्होंने 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' (1929 ई.) लिखा, जो मूलतः नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित 'हिन्दी शब्द-सागर' की भूमिका के रूप में 'हिन्दी साहित्य का विकास' शीर्षक से लिखा गया था तथा जिसे आगे परिवर्द्धित एवं विस्तृत करके स्वतन्त्र पुस्तक का रूप दे दिया गया। इस पुस्तक का नाम हिन्दी साहित्य का इतिहास रखा गया।

16. रामचन्द्र शुक्ल का 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' मूलतः किस कृति की भूमिका के रूप में लिखा गया था? [G.I.C. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2017]

Correct Answer: (b) हिन्दी शब्दसागर
Solution:हिन्दी साहित्य के इतिहास को व्यवस्थित रूप देने का श्रेय आचार्य रामचन्द्र शुक्ल को है। इन्होंने 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' (1929 ई.) लिखा, जो मूलतः नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित 'हिन्दी शब्द-सागर' की भूमिका के रूप में 'हिन्दी साहित्य का विकास' शीर्षक से लिखा गया था तथा जिसे आगे परिवर्द्धित एवं विस्तृत करके स्वतन्त्र पुस्तक का रूप दे दिया गया। इस पुस्तक का नाम हिन्दी साहित्य का इतिहास रखा गया।

17. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा रचित "हिन्दी साहित्य का इतिहास" का प्रकाशन वर्ष है- [दिल्ली केन्द्रीय विद्यालय (P.G.T.) परीक्षा, 2015]

Correct Answer: (d) 1929 ई.
Solution:आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी साहित्य का इतिहास ग्रन्थ का प्रकाशन 1929 ई. में हुआ।

18. इनमें से वह कौन-सी रचना है, जिसे मूलतः 'हिन्दी शब्दसागर' की भूमिका के रूप में लिखा गया था, किन्तु बाद में उसे स्वतन्त्र ग्रन्थ बना दिया गया? [K.V.S. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2014]

Correct Answer: (c) रामचन्द्र शुक्ल कृत 'हिन्दी साहित्य का इतिहास'
Solution:आचार्य रामचन्द्र शुक्ल कृत 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' (1929 ई.) मूलतः हिन्दी शब्द सागर की भूमिका के रूप में लिखा गया था, जो बाद में स्वतन्त्र ग्रन्थ बन गया।

19. 'शिवसिंह सरोज' का रचनाकाल है- [K.V.S. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2018]

Correct Answer: (e) (*)
Solution:'शिवसिंह सरोज' पुस्तक का रचनाकाल 1878 ई. है। शिव सिंह सेंगर ने 'शिवसिंह सरोज' नाम से हिन्दी भाषा का इतिहास ग्रन्थ रचा। इसमें लगभग 838 (एक हजार) 'भाषा-कवियों' का जीवन-चरित तथा उनकी कविताओं के उदाहरण दिए गए हैं। अतः प्रश्न-विकल्प में कोई भी उत्तर सही नहीं है।

20. ऑग्ल भाषा में लिखा गया हिन्दी साहित्य का इतिहास 'स्केच ऑफ हिन्दी लिटरेचर' के लेखक हैं- [P.G.T. परीक्षा, 2000]

Correct Answer: (b) पादरी एडविन ग्रीव्ज
Solution:आँग्ल भाषा में लिखा गया हिन्दी साहित्य का इतिहास 'स्केच ऑफ हिन्दी लिटरेचर' के लेखक पादरी एडविन ग्रीव्ज हैं। पादरी एफ.ई.के. (F.E. KEAY) द्वारा लिखित हिन्दी साहित्य का इतिहास 'ए हिस्ट्री ऑफ हिन्दी लिटरेचर' नाम से प्रकाशित हुआ है। 'दि मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान' के लेखक जॉर्ज ग्रियर्सन हैं।