हिन्दी साहित्य का इतिहास

आदिकाल, नामकरण,

कालविभाजन एवं साहित्येतिहास ग्रन्थ

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21. ग्रियर्सन कृत 'द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान' का हिन्दी अनुवाद किसने किया ? [P.G.T. परीक्षा, 2002]

Correct Answer: (a) डॉ. किशोरी लाल गुप्त
Solution:ग्रियर्सन द्वारा रचित 'द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान' का हिन्दी अनुवाद डॉ. किशोरी लाल गुप्त ने 'हिन्दी' साहित्य का प्रथम इतिहास' नाम से किया है।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

किशोरी लाल गुप्त का जन्म वर्ष 1916 में भदोही (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। ये पण्डित विश्वनाथ प्रसाद मिश्र के प्रमुख शिष्यों में से एक थे।

गुप्त जी को 'विन्ध्य गौरव' से सम्मानित किया गया था। गुप्त जी की कृति 'हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास' हिन्दी प्रचारक संस्थान, वाराणसी से प्रकाशित हुई थी।

किशोरी लाल गुप्त की अन्तिम प्रकाशित कृति 'सूरसागर की टीका' चार खण्डों में है।

22. डॉ. किशोरी लाल गुप्त ने इनमें से किस ग्रन्थ का हिन्दी अनुवाद 'हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास' शीर्षक से किया है? [G.I.C. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2012, G.I.C. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2017]

Correct Answer: (b) 'द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान'
Solution:ग्रियर्सन द्वारा रचित 'द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान' का हिन्दी अनुवाद डॉ. किशोरी लाल गुप्त ने 'हिन्दी' साहित्य का प्रथम इतिहास' नाम से किया है।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

किशोरी लाल गुप्त का जन्म वर्ष 1916 में भदोही (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। ये पण्डित विश्वनाथ प्रसाद मिश्र के प्रमुख शिष्यों में से एक थे।

गुप्त जी को 'विन्ध्य गौरव' से सम्मानित किया गया था। गुप्त जी की कृति 'हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास' हिन्दी प्रचारक संस्थान, वाराणसी से प्रकाशित हुई थी।

किशोरी लाल गुप्त की अन्तिम प्रकाशित कृति 'सूरसागर की टीका' चार खण्डों में है।

23. 'द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान' हिन्दी साहित्य के इतिहास ग्रन्थ के लेखक का नाम है- [P.G.T. परीक्षा, 2004 दिल्ली केन्द्रीय विद्यालय (P.G.T.) परीक्षा, 2015]

Correct Answer: (a) जॉर्ज ग्रियर्सन
Solution:ग्रियर्सन द्वारा रचित 'द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दुस्तान' का हिन्दी अनुवाद डॉ. किशोरी लाल गुप्त ने 'हिन्दी' साहित्य का प्रथम इतिहास' नाम से किया है।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

किशोरी लाल गुप्त का जन्म वर्ष 1916 में भदोही (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। ये पण्डित विश्वनाथ प्रसाद मिश्र के प्रमुख शिष्यों में से एक थे।

गुप्त जी को 'विन्ध्य गौरव' से सम्मानित किया गया था। गुप्त जी की कृति 'हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास' हिन्दी प्रचारक संस्थान, वाराणसी से प्रकाशित हुई थी।

किशोरी लाल गुप्त की अन्तिम प्रकाशित कृति 'सूरसागर की टीका' चार खण्डों में है।

24. किस लेखक के इतिहास ग्रन्थ में सर्वप्रथम हिन्दी साहित्य का काल विभाजन मिलता है? [आश्रम पद्धति (प्रवक्ता) परीक्षा, 2009]

Correct Answer: (d) जॉर्ज ग्रियर्सन
Solution:हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल-विभाजन करने वाले प्रथम इतिहासकार डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन हैं। उन्होंने आदिकाल की अन्तिम सीमा 1400 ई. तक मानी है।

25. किस साहित्येतिहास के लेखक ने काल विभाजन में कवियों के नाम का सर्वाधिक उपयोग किया है? [आश्रम पद्धति (प्रवक्ता) परीक्षा, 2012]

Correct Answer: (a) मिश्रबन्धु
Solution:हिन्दी साहित्येतिहास की परम्परा में मिश्रबन्धुओं ने अपनी कृति 'मिश्रबन्धु विनोद' में लगभग 5000 कवियों को स्थान दिया है। मिश्रबन्धुओं ने काल विभाजन में कवियों के नाम का सर्वाधिक उपयोग किया है।

26. किस इतिहास लेखक ने अपने इतिहास-ग्रन्थ में लगभग 5000 कवियों का विवरण दिया है? [T.G.T. परीक्षा, 2016]

Correct Answer: (a) मिश्रबन्धु
Solution:हिन्दी साहित्येतिहास की परम्परा में मिश्रबन्धुओं ने अपनी कृति 'मिश्रबन्धु विनोद' में लगभग 5000 कवियों को स्थान दिया है। मिश्रबन्धुओं ने काल विभाजन में कवियों के नाम का सर्वाधिक उपयोग किया है।

27. 'मिश्रबन्धु विनोद' नामक हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखकों के नाम हैं [T.G.T. परीक्षा, 2009]

Correct Answer: (b) गणेश बिहारी मिश्र, श्याम बिहारी मिश्र और शुकदेव बिहारी मिश्र
Solution:'मिश्रबन्धु- विनोद' नामक हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखकों के नाम गणेश बिहारी मिश्र, श्याम बिहारी मिश्र एवं शुकदेव बिहारी मिश्र है। 'मिश्रबन्धु विनोद' के केवल चार भाग प्रकाश में आए हैं। प्रथम तीन भागों का प्रकाशन वर्ष 1913 में किया गया, जबकि चौथा भाग वर्ष 1934 में प्रकाशित हुआ।

28. 'मिश्रबन्धु-विनोद' का चौथा भाग कब प्रकाशित हुआ? [G.I.C. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2015]

Correct Answer: (a) 1934 ई. में
Solution:मिश्रबन्धु विनोद के चौथे भाग का प्रकाशन 1934 ई. में हुआ, जबकि इसके प्रथम तीन भाग 1913 ई. में प्रकाशित हुए।

29. 'मिश्रबन्धु-विनोद' कितने भागों में प्रकाशित हुआ है? [आश्रम पद्धति (प्रवक्ता) परीक्षा, 2012]

Correct Answer: (b) चार भाग
Solution:मिश्रबन्धु विनोद कुल 4 भागों में प्रकाशित हुआ।

30. मिश्रबन्धुओं ने 'परिवर्तन काल' की समय सीमा निर्धारित की है- [P.G.T. परीक्षा, 2009]

Correct Answer: (a) वि.संवत् 1890 वि. संवत् 1925
Solution:मिश्रबन्धुओं ने मिश्र बन्धु-विनोद में हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल-विभाजन प्रस्तुत किया है। इसके अनुसार हिन्दी साहित्य का प्रारम्भ 700 ई. से होता है। 700 ई. से प्रारम्भ हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल-विभाजन इस प्रकार हैं-