हिन्दी साहित्य का इतिहास

आदिकाल, नामकरण,

कालविभाजन एवं साहित्येतिहास ग्रन्थ

Total Questions: 50

31. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने प्रथम उत्थान का समय कब-से-कब तक निर्धारित किया है? [P.G.T. परीक्षा, 2013]

Correct Answer: (c) 1868 से 1893 ई.
Solution:आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने प्रथम उत्थान का समय 1868-1893 ई. (विक्रम संवत् 1925-1950) तक तथा द्वितीय उत्थान का समय 1893-1918 ई. (विक्रम संवत् 1950-1975) तक तय किया है। वर्तमान काल या तृतीय उत्थान का समय 1918 ई. (विक्रम संवत 1975) से आगे तय किया गया है।

32. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' के 'आधुनिक गद्य साहित्य परम्परा का प्रवर्तन' के अन्तर्गत 'प्रथम उत्थान' की कालावधि निर्धारित की है- [T.G.T. परीक्षा, 2009]

Correct Answer: (b) सं. 1925 से 1950 विक्रमी तक
Solution:आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने प्रथम उत्थान का समय 1868-1893 ई. (विक्रम संवत् 1925-1950) तक तथा द्वितीय उत्थान का समय 1893-1918 ई. (विक्रम संवत् 1950-1975) तक तय किया है। वर्तमान काल या तृतीय उत्थान का समय 1918 ई. (विक्रम संवत 1975) से आगे तय किया गया है।

33. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने द्वितीय उत्थान का समय कब-से-कब तक तय किया है? [P.G.T. परीक्षा, 2013]

Correct Answer: (a) 1893 से 1918 ई.
Solution:आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने प्रथम उत्थान का समय 1868-1893 ई. (विक्रम संवत् 1925-1950) तक तथा द्वितीय उत्थान का समय 1893-1918 ई. (विक्रम संवत् 1950-1975) तक तय किया है। वर्तमान काल या तृतीय उत्थान का समय 1918 ई. (विक्रम संवत 1975) से आगे तय किया गया है।

34. हिन्दी शब्दसागर' का प्रकाशन किस संस्था ने किया था? [P.G.T. परीक्षा, 2013]

Correct Answer: (b) नागरी प्रचारिणी सभा
Solution:'हिन्दी शब्दसागर' का प्रथम प्रकाशन 1912-29 के बीच नागरी प्रचारिणी सभा ने किया था। बाद में सन् 1965-76 के बीच इसका परिवर्धित संस्करण 11 खण्डों में प्रकाशित हुआ। नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना 16 जुलाई, 1893 को वाराणसी में हुई थी। पं. राम नारायण मिश्र, ठाकुर शिव कुमार सिंह एवं बाबू श्यामसुन्दर दास ने इसकी स्थापना में विशेष योगदान दिया। इसी 'हिन्दी शब्दसागर' की भूमिका लिखने के दौरान शुक्ल जी ने हिन्दी साहित्य का इतिहास लिख डाला।

35. 'नागरी प्रचारिणी सभा' के संस्थापकों में कौन नहीं थे? [G.I.C. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2012]

Correct Answer: (c) रामचन्द्र वर्मा
Solution:नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना 16 जुलाई, 1893 को वाराणसी में हुई, जिसकी स्थापना बाबू श्यामसुन्दर दास, पं. रामनारायण मिश्र तथा ठाकुर शिव कुमार सिंह ने की थी।

36. हिन्दी का 'प्रथम महाकाव्य' है- [उत्तराखण्ड P.G.T. (परीक्षा)-2020]

Correct Answer: (a) पृथ्वीराज रासो
Solution:'हिन्दी साहित्य' का प्रथम महाकाव्य 'पृथ्वीराज रासो' मा-ना जाता है, जबकि खड़ी बोली हिन्दी का प्रथम महाकाव्य 'प्रियप्रवास' को माना जाता है। पृथ्वीराज रासो आदिकालीन रचना है, जिसके रचयिता चन्दबरदाई हैं, जबकि प्रियप्रवास के रचयिता अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' हैं।

37. 'कीर्तिलता' किस भाषा की रचना है? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (c) अपभ्रंश
Solution:'कीर्तिलता' आदिकालीन कवि विद्यापति द्वारा रचित अपभ्रंश /(अवहट्ठ) भाषा की रचना है।

38. रामचन्द्र शुक्ल ने 'हिन्दी साहित्य का प्रथम महाकाव्य' इनमें से किसे माना है? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (b) पृथ्वीराज रासो
Solution:आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार, 'चन्दबरदाई हिन्दी के प्रथम महाकवि माने जाते हैं और इनका पृथ्वीराज रासो हिन्दी का प्रथम महाकाव्य है। पृथ्वीराज रासो 69 समय (सर्ग) में बद्ध है, जिसमें सबसे बड़ा समय (सर्ग) कनवज्ज युद्ध है, जो इसकी मूलकथा है। इस महाकाव्य को चन्दबरदाई के पुत्र जल्हण ने पूरा किया। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार, इस ग्रन्थ की रचना शुक-शुकी संवाद के रूप में हुई थी तथा यह पिंगल शैली में लिखा गया है।

39. इनमें से किसे 'कवियों में राजकुमार' के रूप में जाना जाता है? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (c) अमीर खुसरो
Solution:आदिकालीन कवि अमीर खुसरो को इतिहासकार ईश्वरी प्रसाद 'कवियों में राजकुमार' कहते हैं।

40. इनमें से चौरासी सिद्धों में प्रथम सिद्ध कौन हैं? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (c) सरहपा
Solution:चौरासी सिद्धों में प्रथम सिद्ध 'सरहपा' माने जाते हैं। इन्हें 'सरोजवज्र' के नाम से भी जाना जाता है।