Correct Answer: (b) कालिंजर में
Solution:कालिंजर विजय (1545 ई.) के दौरान, जब शेरशाह के सैनिक उक्का (गोले) फेंकने में व्यस्त थे, तो बारूद से भरा हुआ एक गोला दुर्ग की दीवार से टकरा कर वहां गिरा जहां बारूद से भरे हुए बहुत से गोले रखे हुए थे, जिससे गोलों में आग लग गई और वे फट-फट कर सभी दिशाओं में विध्वंस करने लगे। शेरशाह वहां से अधजला बाहर निकला, यद्यपि दुर्ग जीत लिया गया; किंतु यही जीत शेरशाह के लिए अंतिम हो गई। 22 मई, 1545 को उसका (कालिंजर में ही) देहांत हो गया। कालिंजर का अभियान शेरशाह का अंतिम अभियान था। उस समय वहां का राजा कीरत सिंह था।