हुमायूं और शेरशाह (UPPCS)

Total Questions: 31

11. निम्नलिखित घटनाओं पर विचार कीजिए और उन्हें क्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए। [U.P. R.O/A.R.O. (Mains) 2017]

I. दौराह का युद्ध                         II. कन्नौज का युद्ध

III. सामूगढ़ का युद्ध                 IV. चौसा का युद्ध

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-

कूट:

Correct Answer: (b) I, IV, II, III
Solution:प्रश्नगत घटनाएं क्रमानुसार हैं-

दौराह का युद्ध             -     1532 ई.

चौसा का युद्ध             -     1539 ई.

कन्नौज का युद्ध         -      1540 ई.

सामूगढ़ का युद्ध       -      1658 ई.

अतः स्पष्ट है कि इसका अभीष्ट उत्तर विकल्प (b) होगा।

12. निम्नलिखित में से किसने अपने बादशाह पति के लिए मकबरे का निर्माण करवाया था? [48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) हाजी बेगम ने
Solution:हाजी बेगम ने अपने पति हुमायूं के मकबरे का निर्माण दिल्ली (दीन पनाह) में 1565-72 ई. में करवाया था। इस मकबरे का वास्तुकार मीरक मिर्जा गियास था। यह भारत का प्रथम दोहरा गुंबद वाला मकबरा है। इस मकबरे के परितः एक बाग की रचना हुई है।

13. चांदी का सिक्का किसने शुरू किया? [M.P. P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (b) शेरशाह
Solution:शेरशाह को ऐसी सुधरी हुई मुद्रा प्रणाली को स्थापित करने का सम्मान प्राप्त है, जो मुगल काल में चलती रही और जो ब्रिटिश मुद्रा का आधार बनी। शेरशाह ने मिश्रित धातु के सिक्के बंद कर शुद्ध सोने, चांदी एवं तांबे के सिक्कों का प्रचलन किया, जिनका तौल एवं आकार निश्चित था। उसके चांदी के सिक्के (रुपया) का तौल 178 ग्रेन था, जिसमें 173 ग्रेन विशुद्ध चांदी थी। इस पर प्रायः अरबी भाषा एवं देवनागरी लिपि में सुल्तान का नाम अंकित रहता था।

14. शेरशाह के अंतर्गत तांबे के दाम और चांदी के रुपया की विनिमय दर क्या थी ? [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006]

Correct Answer: (d) 64:1
Solution:शेरशाह की मुद्रा व्यवस्था अत्यंत विकसित थी। इसने शुद्ध चांदी का रुपया (178 ग्रेन) तथा तांबे का दाम (380 ग्रेन) चलाया। इसके समय में दाम और रुपया की विनिमय दर 64: 1 थी।

15. शुद्ध चांदी का रुपया का आविष्कार किसने किया ? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (b) शेरशाह
Solution:शेरशाह का शासनकाल भारतीय मुद्राओं के इतिहास में एक परीक्षण का काल था। उसके मुद्रा सुधार के बारे में इतिहासकार स्मिथ ने लिखा था कि "यह रुपया वर्तमान ब्रिटिश मुद्रा प्रणाली का आधार है।" शेरशाह ने पुराने घिसे-पिटे सिक्कों के स्थान पर शुद्ध सोने, चांदी एवं तांबे के सिक्कों का प्रचलन किया। उसने शुद्ध चांदी का रुपया (178 ग्रेन) तथा तांबे का दाम (380 ग्रेन) चलाया।

16. शेरशाह सूरी के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सहीं है/है? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2021]

1. वह एक शानदार प्रशासनिक व्यवस्था के निर्माता थे।

2. हालांकि एक शासक के रूप में उनके गुण, युद्ध के मैदान पर उनकी जीत से अधिक उल्लेखनीय नहीं थे।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-

कूट :

Correct Answer: (a) केवल 1
Solution:शेरशाह सूरी (1540-1545 ई.) का मध्ययुगीन भारत के शासकों में एक महत्वपूर्ण स्थान है। वह एक शानदार प्रशासनिक व्यवस्था के निर्माता थे। प्रशासन के क्षेत्र में उसके द्वारा किए गए सुधारों के कारण उसे अकबर का पूर्वगामी माना जाता है। अतः कथन 1 सत्य है। एक शासक के रूप में शेरशाह के गुण, युद्ध के मैदान पर उनकी जीत से अधिक उल्लेखनीय थे। युद्ध के मैदान पर उसे कुछ युद्धों में सफलता प्राप्त हुई तथा कुछ युद्धों में असफलता का भी सामना करना पड़ा। उदाहरण हेतु हुमायूं ने दौराह (देवरा) नामक स्थान पर अफगानों को पराजित किया जिसमें शेरशाह भी शामिल था। इसी तरह शेरशाह द्वारा मारवाड़ पर विजय विश्वासघात का प्रतिफल था, जबकि प्रशासक के रूप में उसके द्वारा किए गए कार्य इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उदाहरण हेतु उसके द्वारा किए गए राजस्व सुधारों के तहत राजकोष में वृद्धि हुई। सैन्य सुधार के तहत उसने अलाउद्दीन खिलजी द्वारा भारत में स्थापित घोड़ों को दागने की प्रथा को कड़ाई से लागू किया। इसने पुराने घिसे-पिटे सिक्कों के स्थान पर शुद्ध सोने, चांदी एवं तांबे के सिक्कों का प्रचलन किया। इसने शुद्ध चांदी का रुपया (178 ग्रेन) तथा तांबे का दाम (380 ग्रेन) चलाया। इसी प्रकार शेरशाह की न्यायव्यवस्था भी मध्ययुगीन भारत में अप्रतिम स्थान रखती है। अतः कथनं 2 त्रुटिपूर्ण है।

17. शेरशाह सूरी की मृत्यु हुई- [U.P. P.C.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (b) कालिंजर में
Solution:कालिंजर विजय (1545 ई.) के दौरान, जब शेरशाह के सैनिक उक्का (गोले) फेंकने में व्यस्त थे, तो बारूद से भरा हुआ एक गोला दुर्ग की दीवार से टकरा कर वहां गिरा जहां बारूद से भरे हुए बहुत से गोले रखे हुए थे, जिससे गोलों में आग लग गई और वे फट-फट कर सभी दिशाओं में विध्वंस करने लगे। शेरशाह वहां से अधजला बाहर निकला, यद्यपि दुर्ग जीत लिया गया; किंतु यही जीत शेरशाह के लिए अंतिम हो गई। 22 मई, 1545 को उसका (कालिंजर में ही) देहांत हो गया। कालिंजर का अभियान शेरशाह का अंतिम अभियान था। उस समय वहां का राजा कीरत सिंह था।

18. शेरशाह सूरी का अंतिम अभियान निम्नलिखित में से किस राज्य के विरुद्ध था? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]

Correct Answer: (a) कालिंजर
Solution:कालिंजर विजय (1545 ई.) के दौरान, जब शेरशाह के सैनिक उक्का (गोले) फेंकने में व्यस्त थे, तो बारूद से भरा हुआ एक गोला दुर्ग की दीवार से टकरा कर वहां गिरा जहां बारूद से भरे हुए बहुत से गोले रखे हुए थे, जिससे गोलों में आग लग गई और वे फट-फट कर सभी दिशाओं में विध्वंस करने लगे। शेरशाह वहां से अधजला बाहर निकला, यद्यपि दुर्ग जीत लिया गया; किंतु यही जीत शेरशाह के लिए अंतिम हो गई। 22 मई, 1545 को उसका (कालिंजर में ही) देहांत हो गया। कालिंजर का अभियान शेरशाह का अंतिम अभियान था। उस समय वहां का राजा कीरत सिंह था।

19. "मात्र एक मुट्ठी बाजरे के चक्कर में मैंने अपना साम्राज्य खो दिया होता।" इस कथन को आप किस मध्यकालीन शासक से संबद्ध करेंगे? [U.P. P.C.S. (Mains) 2007]

Correct Answer: (c) शेरशाह
Solution:शेरशाह सूरी मारवाड़ के युद्ध में राजपूतों के शौर्य पराक्रम से इतना प्रभावित हुआ था कि उसके मुख से उक्त वाक्य फूट पड़ा।

20. शेरशाह को अपनी वीरता से प्रभावित करने वाले जयता और कुंपा किस स्थान से संबंधित थे? [U.P.P.C.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (d) मारवाड़
Solution:शेरशाह को अपनी वीरता से प्रभावित करने वाले जयता और कुंपा मारवाड़ से संबंधित थे। ये मारवाड़ के शासक मालदेव के सरदार थे। शेरशाह ने मारवाड़ के युद्ध में राजपूतों के शौर्य-पराक्रम से प्रभावित होकर कहा कि "मात्र एक मुट्ठी बाजरे के चक्कर में मैंने अपना साम्राज्य खो दिया होता।"