1857 की क्रांति एवं अन्य जन आंदोलन

(a) कानपुर

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11. खान बहादुर ने 1857 के विद्रोह का नेतृत्व कहां से किया था? [CGL (T-I) 24 जुलाई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) बरेली
Solution:1857 में सिपाही विप्लव का बरेली में नेतृत्व खान बहादुर खान ने किया। 1857 के विद्रोह के अन्य प्रमुख केंद्र उनके नेतृत्वकर्ता निम्नवत हैं-
केंद्रविद्रोही नेता
1. दिल्लीबहादुरशाह जफर, बख्त खां (सैन्य नेतृत्व)
2. कानपुरनाना साहेब, तात्या टोपे (सैन्य नेतृत्व)
3. लखनऊबेगम हजरत महल
4. झांसीरानी लक्ष्मीबाई
5. जगदीशपुरकुंवर सिंह, अमर सिंह
6. इलाहाबादलियाकत अली

12. बिहार में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था? [CGL (T-I) 18 जुलाई, 2023 (III-पाली), MTS (T-I) 04 सितंबर, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (c) वीर कुंवर सिंह
Solution:1857 की क्रांति के दौरान बिहार में विद्रोह का नेतृत्व कुंवर सिंह ने किया था। उन्होंने अपने गृहनगर जगदीशपुर के निकट अंग्रेजों को बुरी तरह से पराजित किया। इसी युद्ध के दौरान कुंवर सिंह बुरी तरह घायल हो गए और 26 अप्रैल, 1858 को उनकी मृत्यु हो गई।

13. 1857 के विद्रोह में किस मुगल शासक का योगदान था? [CGL (T-I) 25 जुलाई, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (c) बहादुर शाह-II
Solution:बहादुर शाह-II (बहादुर शाह जफर) 1857 के विद्रोह के दौरान मुगल सम्राट था।

14. 1857 के विद्रोह के बाद किस मुगल शासक का अंग्रेजों ने तख्ता पलट कर उसे बर्मा में निर्वासन के लिए भेज दिया? [MTS (T-I) 16 मई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) बहादुर शाह द्वितीय
Solution:1857 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व बहादुर शाह द्वितीय 'जफर' ने किया था, परंतु पराजित होने के बाद बहादुर शाह जफर को रंगून निर्वासित कर दिया गया, जहां 1862 ई. में उनकी मृत्यु हो गई।

15. निम्नलिखित में से कौन-सा विद्रोह सन् 1855-56 के बीच हुआ था? [MTS (T-I) 03 मई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) संथाल विद्रोह
Solution:1855-56 ई. में संथाल विद्रोह हुआ, जो एक प्रसिद्ध आदिवासी विद्रोह था। इस विद्रोह के नेता सिद्धू (सीदो), कान्हू (कान्हो), चांद एवं भैरव नामक 4 भाई थे। यह विद्रोह मुख्यतः भागलपुर से राजमहल के बीच केंद्रित था।

16. आदिवासी नेता बिरसा किस जनजाति से संबंधित थे? [MTS (T-I) 14 जून, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) मुंडा
Solution:बिरसा मुंडा का जन्म 1875 ई. में हुआ था। वे मुंडा जनजाति के थे। उन्हें अक्सर धरती आबा (जगत पिता) के रूप में जाना जाता है। 1899-1900 ई. में बिरसा मुंडा के नेतृत्व में हुआ मुंडा विद्रोह छोटा नागपुर (झारखंड) के क्षेत्र में सर्वाधिक चर्चित विद्रोह था। इसे मुंडा उलगुलान (विद्रोह) भी कहा जाता है।

17. मोपला या मुस्लिम किसानों ने एक शक्तिशाली जमींदार विरोधी आंदोलन खड़ा किया था, वह आंदोलन किस राज्य में किया गया था? [CGL (T-I) 19 जुलाई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) केरल
Solution:मोपला विद्रोह केरल के मालाबार क्षेत्र में वर्ष 1921 में हुआ था। यहां पर काश्तकार अधिकतर बटाईदार मुसलमान थे तथा जमींदार अधिकतर हिंदू थे। आंदोलन जमींदारों के शोषण के खिलाफ था।

18. भारत में नील विद्रोह, एक कृषक आंदोलन, की शुरुआत कब हुई थी ? [CHSL (T-I) 21 मार्च, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) 1859
Solution:'नील विद्रोह' अंग्रेजों के शासनकाल में किसानों का पहला संगठित व जुझारू विद्रोह था। जिसकी शुरुआत सितंबर, 1859 में बंगाल के नदिया जिले में स्थित गोविंदपुर गांव से हुई थी। इस विद्रोह का कारण था कि रैयत नील की खेती नहीं करना चाहते थे, किंतु उनसे एक अमान्य मूल्य पर जबरदस्ती इसकी खेती करवाई जा रही थी। इसी संदर्भ में सरकार द्वारा मार्च, 1860 में नील आयोग का गठन किया गया।

19. खेड़ा, गुजरात में पाटीदार किसानों ने अंग्रेजों की निम्नलिखित में से किस मांग के विरुद्ध अहिंसक अभियान चलाया था? [CHSL (T-I) 14 मार्च, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (b) भूमि का उच्च राजस्व
Solution:खेड़ा सत्याग्रह गुजरात के खेड़ा के किसानों का अंग्रेज सरकार की कर वसूली (भूमि का उच्च राजस्व के प्रति) के विरुद्ध एक अहिंसक अभियान था।

20. कूका विद्रोह (Kuka Movement) की शुरुआत निम्नलिखित में से किसने की थी ? [CHSL (T-I) 14 मार्च, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (b) सतगुरु राम सिंह
Solution:कूका आंदोलन वहाबी आंदोलन से बहुत कुछ मिलता-जुलता था। दोनों धार्मिक आंदोलन के रूप में आरंभ हुए, किंतु बाद में ये राजनीतिक आंदोलन के रूप में परिवर्तित हो गए, जिसका सामान्य उद्देश्य अंग्रेजों को देश से बाहर निकालना था। पश्चिमी पंजाब में कूका आंदोलन की शुरुआत 1840 के दशक में भगत जवाहरमल द्वारा की गई, जिन्हें मुख्यतः सियान साहब के नाम से पुकारा जाता था। इनका उद्देश्य सिख धर्म में प्रचलित बुराइयों और अंधविश्वासों को दूर कर इस धर्म को शुद्ध करना था। किंतु बाद में यह आंदोलन राजनीतिक आंदोलन में परिवर्तित हो गया, जिसका नेतृत्व राम सिंह ने किया। 1872 ई. में इस आंदोलन के नेता राम सिंह को रंगून निर्वासित कर दिया गया, जहां 1885 ई. में इनकी मृत्यु हो गई।