C. सल्फर, नाइट्रोजन, हैलोजन, अक्रिय गैसें

Total Questions: 36

11. 'हास गैस' है- [M.P.P.C.S. (Pre) Exam. 2017]

Correct Answer: (b) नाइट्रस ऑक्साइड
Solution:नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) को हास्य गैस (Laughing Gas) कहते हैं। इसे सूंघने पर हंसी आती है। इसे शल्य क्रिया के समय निश्चेतक (Anaesthesia) के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

12. निम्नलिखित में से किसे हंसने वाली गैस कहा जाता है? [B.P.S.C. (Pre) 2019]

Correct Answer: (b) नाइट्रस ऑक्साइड
Solution:नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) को हास्य गैस (Laughing Gas) कहते हैं। इसे सूंघने पर हंसी आती है। इसे शल्य क्रिया के समय निश्चेतक (Anaesthesia) के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

13. डॉक्टरों द्वारा एनेस्थीसिया (Anaesthesia) के रूप में प्रयोग होने वाली हास्य गैस (Laughing gas) है- [44th B.P.S.C. (Pre) 2000]

Correct Answer: (c) नाइट्रस ऑक्साइड
Solution:नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) को हास्य गैस (Laughing Gas) कहते हैं। इसे सूंघने पर हंसी आती है। इसे शल्य क्रिया के समय निश्चेतक (Anaesthesia) के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

14. निम्नलिखित में से किस एक को 'स्ट्रैजर गैस' भी कहते हैं? [I.A.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (c) जीनॉन
Solution:हवा से भारी जीनॉन (Xe) गैस को 'स्ट्रेंजर गैस' भी कहते हैं। परमाणु क्रमांक 54 वाली इस गैस की खोज विलियम रामसे एवं मॉरिस ट्रैवर्स ने 1898 ई. में की थी। इसकी वायुमण्डल में मात्रा कम होती है।

15. निम्नलिखित में से कौन-सा सही नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2010]

Correct Answer: (d) हंसाने वाली गैस, नाइट्रिक ऑक्साइड है।
Solution:नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) नहीं बल्कि नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) को हंसाने वाली गैस (laughing gas) के रूप में जाना जाता है। अन्य प्रश्नगत विकल्पों के कथन सही हैं।

16. नाइट्रोजन मुक्ति से होता है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (c) स्थल मंडलीय एवं वायुमंडलीय नाइट्रोजन की मात्रा अप्रभावित
Solution:नाइट्रोजन चक्र एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें नाइट्रोजन का उसके भिन्न-भिन्न रासायनिक रूपों में रूपान्तरण होता रहता है। नाइट्रोजन चक्र के अन्तर्गत आने वाली प्रमुख प्रक्रियाओं में स्थिरीकरण, खनिजीकरण, नाइट्रीकरण तथा नाइट्रोजन मुक्ति प्रमुख है। नाइट्रोजन मुक्ति एक अवायवीय प्रक्रिया है जो कि अनाइट्रीकारक जीवाणु द्वारा संपन्न की जाती है। इस प्रक्रिया के द्वारा नाइट्रेट तथा नाइट्राइट आयन का नाइट्रोजन में रूपान्तरण होता है। नाइट्रोजन मुक्ति से स्थलमंडलीय और वायुमंडलीय नाइट्रोजन की मात्रा अप्रभावित रहती है।

17. निम्नलिखित में से कौन-सी एक वायुमण्डल में स्थायी गैस है? [U.P. P.C.S. (Mains) 2017]

Correct Answer: (c) नाइट्रोजन
Solution:दाब में वृद्धि के फलस्वरूप किसी तरल के क्वथनांक (Boiling point) में वृद्धि हो जाती है। सामान्य ताप एवं वायुमण्डलीय दाब पर कई तत्व जो गैस हैं, उन्हें इस स्तर तक संपीडित (Compressed) किया जा सकता है कि उनका क्वथनांक वायुमण्डलीय ताप से अधिक हो जाए और तब गैस द्रवीकृत (Liquefies) हो जाती है, जैसे- प्रोपेन, अमोनिया आदि। अन्य गैसें जो वायुमण्डलीय ताप पर द्रवीकृत नहीं होतीं, चाहे कितना भी दाब आरोपित किया जाए, उन्हें स्थायी गैस (Permanent gases) कहते हैं, जैसे नाइट्रोजन।

18. वायुयानों के टायरों में भरने में निम्न गैस का प्रयोग किया जाता है [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007 U.P.R.O./A.R.O (Pre) 2014]

Correct Answer: (b) नाइट्रोजन
Solution:

वायुयानों के टायरों में भरने के लिए नाइट्रोजन गैस का प्रयोग किया जाता है। वायुयान के टायरों का दबाव एवं तापमान बहुत उच्च होता है, जिससे वायुयान के उतरते एवं रुकते समय टायरों में विस्फोट होने की संभावना प्रबल हो जाती है। नाइट्रोजन गैस का दबाव कम होने के कारण टायरों में विस्फोट की संभावना कम रहती है।

19. निम्नलिखित में से किस तत्व की कमी को पूरा करने के लिए कीटभक्षी पौधे कीटों को पकड़ते तथा उनका भक्षण करते हैं? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]

Correct Answer: (b) नाइट्रोजन
Solution:नाइट्रोजन पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक तत्व है। कीटभक्षी पौधे प्रायः ऐसे स्थानों पर पाए जाते हैं जहां कि भूमि में नाइट्रोजन की कमी होती है। इसलिए ये कीटों को मारकर उनके शरीर से नाइट्रोजन प्राप्त करते है। कीटभक्षी पौधों की लगभग 440 जातियों का पता लगाया जा चुका है। भारत में ये पौधे दार्जिलिंग, नैनीताल, कश्मीर आदि स्थानों पर पाए जाते हैं।

20. कीटभक्षी पौधे जिस मृदा में उगते हैं उसमें कमी रहती है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2016]

Correct Answer: (c) नाइट्रोजन की
Solution:कीटभक्षी पौधे प्रायः ऐसी भूमि में उगते है जहां नाइट्रोजन का अभाव होता है। ये पौधे अपनी नाइट्रोजन की आवश्यकता पृथ्वी से नाइट्रोजनयुक्त पदार्थों को अवशोषित करके पूरा नहीं कर पाते। ये पौधे अपनी नाइट्रोजन की आवश्यकता कीटों को पकड़कर तथा उनका पाचन करके पूरा करते हैं। इस कार्य के लिए इनमें विशेष पोषण विधियां विकसित होती है। उदाहरण- नेपेधीस, डायोनिया, ड्रोसेरा, यूट्रीकुलेरिया आदि।