HSSC CET Exam (06.11.2022-Shift II)Total Questions: 10041. विराम चिह्न की दृष्टि से निम्नलिखित युग्मों में से अशुद्ध युग्म का चयन कीजिए।(1) क्या यह बैल तुम्हारा ही है?-प्रश्न चिह(2) माँ ने पुकारा, "थोड़ा पानी दे दो।"-योजक चिह्न(3) इतना गहरा तालाब। विस्मयादिबोधक चिह्न(4) पहाड़ों पर बर्फ गिर रही है। पूर्ण विराम(5) उत्तर नहीं देना चाहतेCorrect Answer: (2) माँ ने पुकारा, "थोड़ा पानी दे दो।"-योजक चिह्नSolution:माँ ने पुकारा, "थोड़ा पानी दे दो।" वाक्य में योजक चिन्ह का प्रयोग नहीं हुआ है।योजक चिन्ह का चिन्ह (-) होता है। हिंदी में अल्प विराम चिन्ह के बाद योजक चिह्न का प्रयोग सबसे अधिक किया जाता है।विस्मयादिबोधक वाक्यों में सामान्यतः विस्मयादिबोधक चिह्न (1) का उपयोग किया जाता है। जो शब्द वक्ता या लेखक के हर्ष, शोक, नफरत, विस्मय, ग्लानी आदि भावो का बोध कराता है उसे विस्मयादिबोधक कहते हैं। इसका चिन्ह (!) होता है।प्रश्नवाचक चिह्न (question mark?) एक विरामचिह्न है जिसका प्रयोग प्रश्नवाची वाक्यों के अन्त में किया जाता है।संस्कृत, हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में वाक्य के अन्त में (प्रश्नवाचक वाक्यों को छोड़कर) जो विराम चिह्न उपयोग में लाया जाता है उसे पूर्ण विराम कहते हैं। हिन्दी में इसे 'खड़ी पाई' भी कहते हैं। देवनागरी लिपि में इसके लिए (1) चिह्न का प्रयोग होता है।42. बीती विभावरी जाग री।अंबर पनघट में डुबो रही तारा-घट ऊषा नागरी।उपर्युक्त काव्य-पक्तियाँ उदाहरण हैं:(1) अन्योक्ति अलंकार का(2) व्यतिरेक अलंकार का(3) यमक अलंकार का(4) मानवीकरण अलंकार का(5) उत्तर नहीं देना चाहतेCorrect Answer: (4) मानवीकरण अलंकार काSolution:बीती विभावरी जाग री ! अम्बर-पनघट में डुबो रही तारा-घट ऊषा नागरी।यहाँ, ऊषा में नागरी का, अम्बर में पनघट का और तारा में घट का निषेध-रहित आरोप हुआ है। अतः यहाँ रूपक अलंकार है। जबकि विकल्प में कोई भी उत्तर सही नहीं है।"नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास इहि काल। अली कली ही सौं बंध्यो, आगे कौन हवाल" स्पष्टीकरण अप्रस्तुत अली (भौरा) प्रस्तुत राजा एवं अप्रस्तुत कली के माध्यम से प्रस्तुत रानी का उल्लेख किया गया है इसलिए यहाँ अन्योक्ति अलंकार है।जिस काव्य में समान शब्द के अलग-अलग अधों में आवृत्ति हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। यानी जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे। कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पाए बौराय।।जहाँ उपमान की अपेक्षा अधिक गुण होने के कारण उपमेय का उत्कर्ष हो, वहाँ 'व्यतिरेक अलंकार' होता है। खंजन मील सरोजनि की छबि गंजन नैन लला दिन होनो। भौह कमान सो जोहन को सर बेध न प्राननि नंद को छोनो।जब प्राकृतिक वस्तुओं-पेड़-पौधे, नदी-तालाब, बादल-आकाश आदि में मानवीय भावनाओं का वणन हो अर्थात् निर्जीव चीजों में सजीव होना दर्शाया जाए तब वहाँ मानवीकरण अलंकार आता है। जैसे 'फूल हँसे कलिया मुसकाई!'मेघ आये बड़े बन-ठन के सँवर के'।43. 'दुर्दशा' शब्द निर्मित है:(1) दुर उपसर्ग से(2) दुर् उपसर्ग से(3) दु उपसर्ग से(4) दुः उपसर्ग से(5) उत्तर नहीं देना चाहतेCorrect Answer: (2) दुर् उपसर्ग सेSolution:दुर् उपसर्ग से निर्मित शब्द-दुर्दशा, दुराग्रह, दुराचार, दुरवस्था, दुरुपयोगउपसर्ग ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व जुड़ कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या उसके अर्थ में विशेषता ला देते हैं। उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है - किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना। उदाहरणः प्र + हार = प्रहार, 'हार' शब्द का अर्थ है पराजय।44. 'प्रत्यय' की दृष्टि से असंगत विकल्प को पहचानिए।(1) अस् + त्र = अस्त्र(2) चर् + अन = चरण(3) शुच् + आलु = शचालु(4) या + अन = यान(5) उत्तर नहीं देना चाहतेCorrect Answer: (4) या + अन = यानSolution:चरण, पालन, सहन, नयन आदि अन प्रत्यय है,चरण - मूल शब्द चर् है।त्र प्रत्यय - नेत्र, अस्त्र, शस्त्र आदि।आलु प्रत्यय - झगड़ालू, दयालु, कृपालु, शचालु आदि।45. 'प्रेम-पूर्वक' शब्द किस क्रिया विशेषण से संबंधित है?(1) यौगिक क्रिया-विशेषण(2) स्थानीय क्रिया-विशेषण(3) संस्कृत क्रिया-विशेषण(4) मूल क्रिया-विशेषण(5) उत्तर नहीं देना चाहतेCorrect Answer: (1) यौगिक क्रिया-विशेषणSolution:'प्रेम-पूर्वक' शब्द यौगिक क्रिया-विशेषण से संबंधित है।यौगिक क्रिया विशेषण ऐसे क्रियाविशेषण जो किसी दुसरे शब्दों में प्रत्यय या पद आदि लगाने से बनते हैं, ऐसे क्रियाविशेषण यौगिक क्रिया विशेषणों की श्रेणी में आतेस्थानीय क्रिया विशेषण-ऐसे अन्य शब्द-भेद जो बिना अपने रूप में बदलाव किये किसी विशेष स्थान पर आते हैं, ये स्थानीय क्रिया विशेषण कहलाते हैं। (I) वह अपना सिर पड़ेगा। (II) तुम दौड़कर चलते हो।मूल क्रिया-विशेषण - जो दूसरे शब्दों में प्रत्यय लगाए बिना बनते हैं अथार्त जो शब्द दूसरे शब्दों से मिलकर नहीं बनते, उन्हें मूल क्रिया-विशेषण कहते हैं।46. 'जंगल में मोर नाचा, किसने देखा' लोकोक्ति का उचित निहितार्थ क्या है?(1) गुण के प्रदर्शन के लिए उचित स्थान का चुनाव आवश्यक है।(2) अपनी वस्तु को महत्व न देना(3) पास की वस्तु दिखाई न देना(4) जंगल में मोर को नाचते किसी ने नहीं देखा(5) उत्तर नहीं देना चाहतेCorrect Answer: (1) गुण के प्रदर्शन के लिए उचित स्थान का चुनाव आवश्यक है।Solution:जंगल में मोर नाचा, किसने देखा लोकोक्ति (मुहावरे) का अर्थ है, गुण के प्रदर्शन के लिए उचित स्थान का चुनाव आवश्यक है।लोकोक्ति का वाक्य प्रयोग - रवि ने रामू से कहा कि आप चलकर शहर में रहिए, यहाँ गाँव में आपकी विद्या की कोई कद्र नहीं 'जंगल में मोर नाचा, किसने देखा'।47. कौन-सा शब्द तत्सम नहीं है?(1) हानि(2) लोक(3) रात(4) दुग्ध(5) उत्तर नहीं देना चाहतेCorrect Answer: (3) रातSolution:रात, एक तद्भव शब्द है। जबकि हानि, लोक और दुग्ध शब्द तत्सम शब्द हैं।रात शब्द का तत्सम रूप रात्रि है।48. आश्रित उपवाक्य कितने प्रकार के होते हैं?(1) तीन(2) चार(3) पाँच(4) दो(5) उत्तर नहीं देना चाहतेCorrect Answer: (1) तीनSolution:आश्रित उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं:(i) संज्ञा उपवाक्य(ii) विशेषण उपवाक्य(iii) क्रिया विशेषण उपवाक्य।आश्रित उपवाक्य दूसरे उपवाक्य पर आश्रित होता है। आश्रित उपवाक्यों का आरम्भप्रायः 'कि', 'जो', 'जिसे', 'यदि' 'क्योंकि', आदि से होता है। आश्रित उपवाक्य आरंभ, मध्य या अंत में भी आ सकते हैं।49. दिए गए किस विकल्प में पुल्लिंग शब्द है?(1) कहानी(2) एकांकी(3) जीवनी(4) नाटक(5) उत्तर नहीं देना चाहतेCorrect Answer: (4) नाटकSolution:नाटक एक पुल्लिंग शब्द है जबकि कहानी, एकाँकी और जीवनी शब्द स्त्रीलिंग हैं।50. संधि की दृष्टि से कौन-सा विकल्प असंगत है?(1) शची+ इंद्र = शचींद्र(2) अन्य + ऊदर = अन्योदर(3) मति + अभिमान = मात्यभिमान(4) प्रति + ईक्षा = प्रतीक्षा(5) उत्तर नहीं देना चाहतेCorrect Answer: (3) मति + अभिमान = मात्यभिमानSolution:शचींद्र की सन्धि है-शची + इंद्रशचींद्र में दीर्घ संधि हैअन्योदर का संधि है अन्य + तदर। इसमें गुण संधि है।प्रतीक्षा की सन्धि प्रति + ईक्षा हैप्रतीक्षा में दीर्घ संधि हैSubmit Quiz« Previous12345678910Next »