IUCN व विभिन्न संकटापन्न जातियां

Total Questions: 9

1. निम्नलिखित पर विचार कीजिए : [I.A.S. (Pre) 2013]

1. तारा कछुआ

2. मॉनीटर छिपकली

3. वामन सूअर

4. स्पाइडर वानर

उपर्युक्त में से कौन-से भारत में प्राकृतिक रूप में पाए जाते हैं?

Correct Answer: (a) केवल 1, 2 और 3
Note:

स्पाइडर वानर उष्णकटिबंधीय जलवायु क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह मुख्यतः मध्य एवं दक्षिणी अमेरिका के सदाबहार वनों में पाए जाते हैं।

2. सूची-1 (भारतीय वन्य प्राणी जातियां) को सूची-II (वैज्ञानिक नाम) के साथ सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिए- [I.A.S. (Pre) 2002]

सूची-I(भारतीय वन्य प्राणी जातियां) सूची-II(वैज्ञानिक नाम)
A. एशियाई जंगली गधा 1. बोसलाफस ट्रेगोकेमेलस
B. बारहसिंघा 2. रूसर्वस दुवाउसेली
C. चिंकारा 3. इक्कस हेमीओनस
D. नीलगाय 4. गजेला बेनेट्टी

 

A B C D
(a) 2 3 1 4
(b) 3 2 4 1
(c) 2 3 4 1
(d) 3 4 1 2

 

Correct Answer: (b)
Note:

सही सुमेलन इस प्रकार है

वन्य प्राणी वैज्ञानिक नाम
एशियाई जंगली गधा इक्कस हेमीओनस
बारहसिंघा रूसर्वस दुवाउसेली
चिंकारा गजेला बेनेट्टी
नीलगाय बोसलाफस ट्रेगोकेमेलस

 

3. निम्नलिखित भारतीय प्राणिजात पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2013]

1. घड़ियाल

2. चर्मपीठ कूर्म (लेदरबैक टर्टल)

3. अनूप मृग

उपर्युक्त में से कौन-सा/से संकटापन्न है/हैं?

Correct Answer: (c) 1, 2 और 3
Note:

प्रश्नकाल के दौरान घड़ियाल, लेदरबैक टर्टल एवं अनूप मृग (बारहसिंघा) तीनों ही संकटापन्न की श्रेणी में आते थे। वर्तमान में आईयूसीएन (IUCN) ने घड़ियाल को अति संकटग्रस्त (Critically Endangered) की श्रेणी में रखा है।

4. यदि आप घड़ियाल को उनके प्राकृतिक आवास में देखना चाहते हैं, तो निम्नलिखित में से किस स्थान पर जाना सबसे सही है? [I.A.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (b) चंबल नदी
Note:

घड़ियाल को प्राकृतिक आवास में चंबल नदी में देखना सबसे सही है। घड़ियाल का वैज्ञानिक नाम गैविएलिस गैंगेटिकस (Gavialis gangeticus) है। घड़ियालों की ज्यादातर संख्या भारत में चंबल नदी एवं गिरवा नदी में पाई जाती है।

5. भारत में पाई जाने वाली नस्ल, 'खाराई ऊंट' के बारे में अनूठा क्या है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2016]

1. यह समुद्र-जल में तीन किमी. तक तैरने में सक्षम है।

2. यह मैंग्रोव (Mangroves) की चराई पर जीता है।

3. यह जंगली होता है और पालतू नहीं बनाया जा सकता है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (a) केवल 1 और 2
Note:

खाराई ऊंट कच्छ (गुजरात) में पाए जाते हैं। यह समुद्र जल में तीन किमी. तक तैरने में सक्षम है। ये मैंग्रोव (Mangroves) की चराई पर निर्भर हैं। इन ऊंटों को संकटग्रस्त प्रजाति (Endangered Species) घोषित किया गया है। हाल ही में करनाल, हरियाणा में स्थित 'नेशनल ब्यूरो ऑफ एनिमल जेनेटिक रिसोर्सेज' (National Bureau of Animal Genetic Resources) ने खाराई ऊंट को भारत में पाई जाने वाली ऊंट की नौवीं प्रजाति के रूप में मान्यता दी है। ध्यातव्य है, कि मालधारी समुदाय की आजीविका इन्हीं ऊंटों पर निर्भर करती है।

6. भारत की सबसे बड़ी मछली है- [U.P.P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) व्हेल शार्क
Note:

व्हेल शार्क भारत की ही नहीं, पूरे विश्व की सबसे बड़ी मछली है। यह 50 फीट तक लंबी हो सकती है। व्हेल शार्क ऑस्ट्रेलिया एवं अफ्रीका के तट पर प्रवास करती है, किंतु प्रत्येक वर्ष मार्च से मई माह के दौरान बड़ी संख्या में व्हेल शार्क भारत के गुजरात तट पर आती हैं। यह समय व्हेल शार्क की गर्भावधि है। गुजरात तट पर आने वाली इन व्हेल शाकौँ की सुरक्षा हेतु वर्ष 2004 में एक कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था।

7. गैवियलिस (घड़ियाल) बहुतायत में पाया जाता है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (a) गंगा में
Note:

घड़ियाल (Gavialis) मगरमच्छ (Crocodilia) कुल की एक प्रजाति है, जो गंगा व इसकी सहायक नदी में पाए जाते हैं। ये बांग्लादेश, भारत तथा नेपाल में अधिकांश मात्रा में पाए जाते हैं।

8. भारत के निम्न प्राणियों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2003]

1. मगरमच्छ

2. हाथी

इनमें से कौन-सी संकटापन्न जाति/जातियां है/हैं?

Correct Answer: (c) दोनों 1 व 2
Note:

आईयूसीएन (International Union for Conservation of Nature) द्वारा भारत में पाए जाने वाले मगरमच्छों की प्रजातियों को संकटापन्न जातियों की सूची में शामिल किया गया तथा हाथी भी संकटापन्न जातियों की श्रेणी में है। अतः विकल्प (c) अभीष्ट उत्तर होगा।

9. पगमार्क तकनीक का प्रयोग किया जाता है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (c) विभिन्न वन्य जंतुओं की जनसंख्या के आकलन के लिए।
Note:

विभिन्न वन्य जंतुओं की संख्या के आकलन के लिए पगमार्क तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इस तकनीक में पशुओं के पद चिह्नों की संख्या के आधार पर विभिन्न वन्य जंतुओं की जनसंख्या का आकलन किया जाता है।