Correct Answer: (c) पायसीकरण द्वारा
Solution:पाईसीकारक सामान्यतः ध्रुवीय समूहों युक्त लंबी श्रृंखला वाले यौगिक होते हैं, उदाहरणार्थ साबुन (सोडियम तथा पोटैशियम के वसीय लवण)। साबुन के अणु में दो भाग होते हैं- (i) लंबी हाइड्रोकार्बन शाखा (C,, H) जो कि बसा में घुलनशील है तथा (ii) जल में विलेय ध्रुवीय भाग (-COO- Na" समूह)। पायसीकरण (Emulsification) के दौरान साबुन का अध्रुवीय ऐल्किल समूह (C,, H,,) तेल या ग्रीज (Grease) को घोल लेता है तथा ध्रुवीय समूह (-COO- Na') जल में घुल जाता है और जब इसे ठीक प्रकार रगड़ा जाता है, तो ग्रीज छोटी-छोटी बूंदों के रूप में जल में निलंबित हो जाते हैं और जल के बहाव में सरलता से बह जाते हैं।