आनुवंशिक इंजीनियरिंग तथा बायोटेक्नोलॉजी (Part – I)

Total Questions: 50

21. 'परखनली शिशु' के मामले में- [I.A.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (c) निषेचन माता के शरीर के बाहर होता है।
Solution:

जो मादाएं किन्हीं कारणों से प्राकृतिक गर्भधारण में असमर्थ होती हैं, उनके अंडाणु का कृत्रिम निषेचन कराया जाता है, जिससे उत्पन्न शिशु को परखनली शिशु कहते हैं। परखनली शिशु (अंतः पात्र निषेचन) विधि में डिम्ब और शुक्राणु का निषेचन, जो प्राकृतिक रूप से स्त्रियों में फैलोपियन नलियों में होता है, माता के शरीर के बाहर 'पैट्री पात्रों' (Petri dishes) में कृत्रिम रूप से कराया जाता है. फिर उससे बने भ्रूण को 6 से 48 घंटे के भीतर महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कराकर संतान प्राप्त करते हैं।

22. आनुवंशिक अभियंत्रण (Genetic Engineering) के निम्नलिखित प्रभावों पर विचार कीजिए: [U.P.P.C.S. (Pre) 2001, 2003]

1. रोग प्रतिरोध

2. वृद्धि वर्धन

3. जंतु क्लोनिंग

4. मानव क्लोनिंग

उपर्युक्त में, जो कुछ सफलता के साथ परीक्षित किए गए, वे हैं:

Correct Answer: (d) 1, 2 तथा 3
Solution:आनुवंशिक अभियंत्रण द्वारा रोग प्रतिरोध, वृद्धि वर्धन तथा जंतु क्लोनिंग आदि पर सफलता मिल चुकी है। किंतु मानव क्लोनिंग (Human Cloning) का परीक्षण अभी पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया है. क्योंकि यह विवादास्पद तथा प्रतिबंधित है।

23. वर्तमान में वैज्ञानिक किसी गुणसूत्र में जीन इकाइयों का विन्यास अथवा उनकी सापेक्षिक स्थिति अथवा डी.एन.ए. अनुक्रमों को निर्धारित कर सकते हैं। यह ज्ञान हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है? [I.A.S. (Pre) 2011]

1. उसकी मदद से पशुधन की वंशावली जानी जा सकती है।

2. उसकी मदद से सभी मानव रोगों के कारण ज्ञात हो सकते हैं।

3. उसकी मदद से पशुओं की रोग-सह नस्लें विकसित की जा सकती हैं।

उपर्युक्त में से कौन-सा/कौन-से कथन सही है/हैं?

Correct Answer: (c) केवल 1 और 3
Solution:डी.एन.ए. अनुक्रम द्वारा आनुवंशिक रोगों जैसे अल्जाइमर, सिस्टिक फाइब्रोसिस, म्योटोनिक डिस्ट्रॉपी तथा जीनों की अक्षमता एवं उनमें उत्पन्न दोषों के चलते होने वाली कई बीमारियों का कारण ज्ञात कर उनका उपचार संभव हो सकता है। इसके द्वारा सभी मानव रोगों के कारण ज्ञात नहीं हो सकते। अतः कथन (2) सही नहीं है। प्रश्नगत अन्य कथन सही है।

24. एक जीव के संपूर्ण संजीन (सभी जीनों की संपूर्णता) का अनुक्रमण 1996 ई. में पूरा हुआ था, वह जीव था- [I.A.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (b) यीस्ट
Solution:सैकेरोमाइसीज सेरेविसी (Saccharomyces cerevisiae) यीस्ट या खमीर की एक प्रजाति है। इसे कवक (Fungi) जगत में शामिल किया गया है। इसके संपूर्ण संजीन (सभी जीनों की संपूर्णता) का अनुक्रमण 1996 ई. में पूरा हुआ था। इसमें लगभग 6000 जीन तथा 12 मिलियन से भी अधिक क्षार युग्म (Base Pair) होते हैं।

25. विश्व स्तर के प्रोग्राम 'ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट' का संबंध है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (d) मानव जीनों और उनके अनुक्रमों की पहचान और मानचित्रण से।
Solution:

विश्व स्तर का प्रोग्राम 'ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट' का संबंध मानव जीनों और उनके अनुक्रमों की पहचान और मानचित्रण से है।

26. शरीर की वे कोशिकाएं, जिनमें शरीर की किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में विभाजन तथा विशिष्टीकरण की क्षमता है और जो कई गंभीर बीमारियों पर शोध का केंद्र बिंदु है, उन्हें कहते हैं: [U.P.P.C.S. (Pre) 2006]

Correct Answer: (d) स्टेम कोशिकाएं
Solution:स्टेम कोशिकाएं भ्रूण की वे आधार कोशिकाएं हैं, जिनसे आगे चलकर मानव शरीर में 210 से अधिक तरह के ऊतक बनते हैं। भ्रूण की आधार कोशिकाएं 5-7 दिन पुराने भ्रूण से निकाली जाती हैं। विकसित हो रहे भ्रूण से स्टेम कोशिकाएं निकाल कर उनसे ऊतकों/अंगों का निर्माण किया जा सकता है।

27. अक्सर सुर्खियों में रहने वाली 'स्टेम कोशिकाओं' के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/है? [I.A.S. (Pre) 2012]

1. स्टेम कोशिकाएं केवल स्तनपायी जीवों से ही प्राप्त की जा सकती हैं।

2. स्टेम कोशिकाएं नई ओषधियों को परखने के लिए प्रयोग की जा सकती हैं।

3. स्टेम कोशिकाएं चिकित्सा थेरेपी के लिए प्रयोग की जा सकती है।

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए:

Correct Answer: (b) केवल 2 और 3
Solution:स्टेम कोशिकाएं बहुकोशिकीय जीवों में पाई जाने वाली वे कोशिकाएं है, जिन्हें करने के लिए शरीर ने कोई खास काम नहीं दिया है। एक स्टेम (तना) जिस तरह शाखाएं, पत्तियां, प्रतान, कलिया, फल, फूल और बीज बना सकता है। उसी तरह, स्टेम सेल्स में भी शरीर की सारी कोशिकाओं की भूमिका निभाने की क्षमता होती है। ये कोशिकाएं शरीर का कच्चा माल हैं, जिन्हें शरीर के विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं में बदला जा सकता है। स्टेम सेल उपचार के तहत विभिन्न रोगों के निदान के लिए स्तंभ कोशिका का प्रयोग किया जाता है। इसकी सहायता से कॉर्निया प्रत्यारोपण में और हृदयाघात के कारण क्षतिग्रस्त मांसपेशियों के उपचार में सफलता मिली है। स्टेम कोशिकाएं नई ओषधियों को परखने के लिए प्रयोग की जा सकती हैं।

28. स्तंभ कोशिका अनुसंधान के क्षेत्र में नवीनतम विकास के सदंर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: [I.A.S. (Pre) 2002]

(1) बीजपुटी अवस्था पर भ्रूण मानव स्तंभ कोशिकाओं का एकमात्र स्रोत है।

(2) स्तंभ कोशिकाएं बीजपुटियों को नष्ट किए बिना प्राप्त की जा सकती है।

(3) स्तंभ कोशिकाएं वस्तुतः अनंतकाल तक स्वयं ही पात्रे संजीवित हो सकती हैं।

(4) भारतीय अनुसंधान केंद्रों ने कुछ कोशिका रेखाओं का भी सृजन किया, जिन्हें कई प्रकार के ऊतकों में विकसित किया जा सकता है।

इनमें से कौन-कौन से कथन सही हैं?

Correct Answer: (d) 3 और 4
Solution:

स्तनधारियों में मोटे तौर पर दो प्रकार की स्तंभ कोशिकाएं पाई जाती है- (i) भ्रूणीय स्तंभ कोशिकाएं (ii) वयस्क स्तंभ कोशिकाएं। भ्रूणीय स्तंभ कोशिकाएं बीजपुटी अवस्था से व्युत्पन्न होती हैं, जबकि वयस्क कोशिकाए विभिन्न ऊतकों में पाई जाती हैं। वर्तमान में ऐसा कोई स्रोत नहीं है, जिससे कि भ्रूण या बीजपुटियों को नष्ट किए बिना नई मानव भ्रूणीय स्तंभ कोशिकाएं प्राप्त की जा सकें। स्तंभ कोशिकाएं वस्तुतः अनंतकाल तक स्वयं ही पात्रे संजीवित हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त भारतीय अनुसंधान केंद्रों ने कुछ कोशिका रेखाओं का भी सृजन किया है, जिन्हें कई प्रकार के ऊतकों में विकसित किया जा सकता है। इस प्रकार विकल्प (d) अभीष्ट उत्तर होगा।

29. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन प्राणियों में स्तंभ कोशिकाओं के प्रत्यारोपण के संदर्भ में असत्य है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2007]

Correct Answer: (d) ये केवल भ्रूण (Embryo) में पाई जाती हैं।
Solution:

स्तंभ कोशिका (Stem Cells) एक विभाजनशील कोशिका होती है, जिसमें स्वतः विभाजन की प्रक्रिया होती है। यह विभाजित होकर विशिष्ट कोशिकाओं का निर्माण करती हैं तथा ये अंगों के क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत करती हैं। स्तंभ कोशिकाएं शरीर के कई अंगों एवं ऊतकों में पाई जाती है।

30. अति विवादास्पद भ्रूणीय स्टेम कोशिकाओं के विकल्प के रूप में कौन बायोएथिकल अविवादास्पद स्रोत है, स्टेम कोशिकाओं का? [U.P.P.C.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (a) अस्थि मज्जा से व्युत्पन्न स्टेम कोशिकाएं
Solution:स्टेम सेल ऐसी मूल कोशिकाएं होती हैं, जिनसे शरीर के किसी भी अंग की कोशिका को तैयार किया जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। स्टेम कोशिका को वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए स्रोत के आधार पर भ्रूण, वयस्क तथा कॉर्ड-ब्लड में बांटा जाता है। अधिकांशतः स्टेम कोशिकाएं भ्रूण से प्राप्त होती हैं। इन्हें जन्म के समय ही सुरक्षित रखना होता है। इन मौलिक कोशिकाओं के अनुसंधान को लेकर काफी विवाद है। कारण यह है कि विकास के प्रारंभिक चरण में मानव भ्रूण से इन कोशिकाओं को प्राप्त करने के दौरान भ्रूण नष्ट हो जाता है। इसलिए नैतिकता के आधार पर इस तरह के अनुसंधानों का विरोध होता रहा है। मगर मौजूदा दौर में इसके वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर ली गई है, जिसमें भ्रूण को नष्ट करने की कोई आवश्यकता नहीं होती। गर्भनाल का रक्त, दांत, अस्थिमज्जा आदि स्टेम कोशिकाओं के अविवादास्पद स्रोत हैं।